गुरुग्राम: आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने का प्रस्ताव (proposal to give chandigarh to punjab) पास किया. इस प्रस्ताव का कांग्रेस, अकाली दल और बसपा ने समर्थन किया. वहीं बीजेपी ने इसका विरोध किया और मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को बचाने के लिए वो संसद के अंदर-बाहर और सड़कों पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. इस बारे में वो जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
इसपर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राजीव लोंगोवाल समझौते के मुताबिक चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की राजधानी रखा गया है. दोनों ही राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ रहेगी. पंजाब और हरियाणा दोनों का चंडीगढ़ पर बराबर हक है. पंजाब के ऐसे एकतरफा प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जब कभी उनकी पंजाब के मुख्यमंत्री से बात होगी तो बहुत से विषयों पर चर्चा करेंगे. इनमें चंडीगढ़ से लेकर एसवाईएल समेत बहुत से मुद्दे शामिल हैं.
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सीएम मनोहर लाल ने कहा कि (Manohar Lal on Chandigarh proposal) ऐसे बयान और ऐसे प्रस्ताव पहले भी कई बार आ चुके हैं. चंडीगढ़ पर पंजाब का ही नहीं बल्कि हरियाणा का भी उतना ही हक है. 60 और 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी में चंडीगढ़ का बंटवारा हुआ था. 7.19 प्रतिशत हिस्सा हिमाचल भी चंडीगढ़ से मांगता है. चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों की राजधानी रहेगी. एक तरफा ऐसे प्रस्ताव का कोई अर्थ नहीं है. ये बेइमानी है.
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