गुरुग्राम: देशभर में जहां सीएए को लेकर तथाकथित संगठनों व कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं गुरुग्राम में RSS के मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ताओं व मुस्लिम बुद्धिजीवियों की ओर नागरिकता संशोधन अधिनियम पर जागरुकता सेमिनार का आयोजन किया गया.
सेमिनार में लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान कर शांति की अपील की. सेमिनार में उपस्थित कार्यकर्ताओं के अनुसार सीएए पर विपक्षी पार्टी और राजनेताओं की तरफ से राजनीतिक रोटी पकाने के चक्कर में विशेष वर्ग के लोगों को भड़काया जा रहा है.
'देश हित में है सीएए'
वहीं सेमिनार में जानकारी देते हुए कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवीयों का कहा है कि सीएए से मुस्लिम वर्ग को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. ये तो केवल अपनी राजनीति को चमकाने के लिए किया जा रहा है.
भारतीय नागरिकों को नहीं होगा नुकसान
सेमिनार में मौजूद बुद्धिजीवी व कार्यकर्ताओं ने लोगों को बताया कि सीएए और एनआरसी से किसी भी धर्म, समुदाय या वर्ग का कोई नुकसान नहीं होगा. सीएए केवल बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से गैरकानूनी ढ़ंग से भारत आए मुस्लिमों पर रोक लगाने के लिए है.
सेमिनार में मौजूद बुद्धिजीवियों ने मुस्लिम वर्ग के लोगों से अपील की है कि ज्यादा-से-ज्यादा लोग इस अधिनियम के बारे में पढ़ें और लोगों को समझाएं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम से किसी भी भारतीय नागरिक को कोई नुकसान नहीं होगा.
क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम?
नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के द्वारा 1955 का नागरिकता कानून को संशोधित किया गया है. अधिनियम में ये व्यवस्था की गयी है कि 31 दिसंबर 2014 के पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी. जानकारी के अनुसार कुल 6 धाराओं के इस कानून में धारा 2 से अवैध प्रवासी या घुसपैठिया की परिभाषा में स्पष्ट किया गया है.