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पुलवामा हमले का एक सालः आर्थिक तंगी से जूझ रहा शहीद का परिवार

शहीद कौशल रावत का परिवार गुरुग्राम के खोह गांव में रहता है. जिनको राज्य सरकार की तरफ 25 लाख देने की घोषणा की गई. इतना ही नहीं उन्हें शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा भी की गई साथ ही उनके गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने की बात की गई. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परिवार को 25 लाख रुपये की राशि तो दी, लेकिन उसके बाद इस परिवार की सुध तक नहीं ली.

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पुलवामा हमले को एक सालः आर्थिक मंदी से जूझ रहा शहीद का परिवार
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Published : Feb 13, 2020, 3:05 PM IST

Updated : Feb 13, 2020, 4:42 PM IST

गुरुग्रामः बीते साल 14 फरवरी के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. उस हमले में भारतीय सेना के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे. उन्हीं शहीदों के परिवार में से एक परिवार आगरा निवासी कौशल कुमार रावत का भी है. शहीद के परिवार के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा कई वादे किए गए. लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं है. शहीद का परिवार आज आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.

आज तक नहीं ली सुध- शहीद की पत्नी

शहीद कौशल रावत का परिवार गुरुग्राम के खोह गांव में रहता है. जिनको राज्य सरकार की तरफ 25 लाख देने की घोषणा की गई. इतना ही नही उन्हें शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा भी की गई, साथ ही उनके गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने की बात की गई. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परिवार को 25 लाख रुपये की राशि तो दी,लेकिन उसके बाद इस परिवार की सुध तक नहीं ली.

पिता के स्मारक के लिए काट रहा है चक्कर

शहीद के परिवार की हालत लगातार दयनीय होती जा रही है और अपने पिता के लिए नाम पर शहीद स्मारक बनाने के लिए उनका बेटा अपनी मां के साथ अधिकारियों की चौखट पर पिछले 10 महीने से चक्कर काट रहा है, लेकिन हर बार इन्हें टरकाया जा रहा है. शहीद के परिवार ने कभी सपने में भी ये नही सोचा होगा कि कौशल रावत की शहादत के बाद उनको ऐसा भी दिन देखना पड़ेगा.

पुलवामा हमले को एक सालः आर्थिक तंगी से जूझ रहा शहीद का परिवार

ये भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट में निर्भया मामला : अलग-अलग फांसी देने वाली याचिका पर दोषियों से मांगा गया जवाब

परिवार का टूटा सब्र का बांध

शहीद कौशल रावत का परिवार वैसे तो यूपी के आगरा का रहने वाला है. लेकिन बीते कई सालों से गुरुग्राम के मानेसर इलाके में रह रहा है. परिवार की माली और आर्थिक हालत बेहद खराब है. इतना ही नहीं अब सरकारी व्यवस्थाओं की लापरवाही के चलते इस परिवार के सब्र का बांध भी टूट सा गया है. परिजनों ने केंद्र और यूपी सरकार के साथ-साथ मनोहर सरकार पर भी किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं करने का आरोप लगाया है.

कागजों तक सिमटे आश्वासन

शहीद की पत्नी ममता और बेटे विकास की मानें तो योगी सरकार ने जरूर उस समय 25 लाख रुपये की मदद देने की पेशकश की थी और साथ ही शहीद स्मारक बनाने और सड़क का नाम शहीद कौशल कुमार रावत के नाम पर रखने की घोषणा की थी, लेकिन शहीद के परिवार की माने तो 25 लाख रुपय की मदद के बाद सरकार सब कुछ भूल गई. उस समय जो घोषणाएं की गई थी वो सिर्फ कागजों तक सिमट के रह गई, जिनको पूरा करने के लिए पिछले कई महीनो से ये परिवार भटक रहा है.

गुरुग्रामः बीते साल 14 फरवरी के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. उस हमले में भारतीय सेना के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे. उन्हीं शहीदों के परिवार में से एक परिवार आगरा निवासी कौशल कुमार रावत का भी है. शहीद के परिवार के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा कई वादे किए गए. लेकिन आज तक एक भी वादा पूरा नहीं है. शहीद का परिवार आज आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.

आज तक नहीं ली सुध- शहीद की पत्नी

शहीद कौशल रावत का परिवार गुरुग्राम के खोह गांव में रहता है. जिनको राज्य सरकार की तरफ 25 लाख देने की घोषणा की गई. इतना ही नही उन्हें शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने की घोषणा भी की गई, साथ ही उनके गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने की बात की गई. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परिवार को 25 लाख रुपये की राशि तो दी,लेकिन उसके बाद इस परिवार की सुध तक नहीं ली.

पिता के स्मारक के लिए काट रहा है चक्कर

शहीद के परिवार की हालत लगातार दयनीय होती जा रही है और अपने पिता के लिए नाम पर शहीद स्मारक बनाने के लिए उनका बेटा अपनी मां के साथ अधिकारियों की चौखट पर पिछले 10 महीने से चक्कर काट रहा है, लेकिन हर बार इन्हें टरकाया जा रहा है. शहीद के परिवार ने कभी सपने में भी ये नही सोचा होगा कि कौशल रावत की शहादत के बाद उनको ऐसा भी दिन देखना पड़ेगा.

पुलवामा हमले को एक सालः आर्थिक तंगी से जूझ रहा शहीद का परिवार

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परिवार का टूटा सब्र का बांध

शहीद कौशल रावत का परिवार वैसे तो यूपी के आगरा का रहने वाला है. लेकिन बीते कई सालों से गुरुग्राम के मानेसर इलाके में रह रहा है. परिवार की माली और आर्थिक हालत बेहद खराब है. इतना ही नहीं अब सरकारी व्यवस्थाओं की लापरवाही के चलते इस परिवार के सब्र का बांध भी टूट सा गया है. परिजनों ने केंद्र और यूपी सरकार के साथ-साथ मनोहर सरकार पर भी किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं करने का आरोप लगाया है.

कागजों तक सिमटे आश्वासन

शहीद की पत्नी ममता और बेटे विकास की मानें तो योगी सरकार ने जरूर उस समय 25 लाख रुपये की मदद देने की पेशकश की थी और साथ ही शहीद स्मारक बनाने और सड़क का नाम शहीद कौशल कुमार रावत के नाम पर रखने की घोषणा की थी, लेकिन शहीद के परिवार की माने तो 25 लाख रुपय की मदद के बाद सरकार सब कुछ भूल गई. उस समय जो घोषणाएं की गई थी वो सिर्फ कागजों तक सिमट के रह गई, जिनको पूरा करने के लिए पिछले कई महीनो से ये परिवार भटक रहा है.

Intro:बीते साल 14 फरवरी के दिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवानो पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झंझोड़ कर रख दिया था | उस हमले में भारतीय सेना के 40 से ज़्यादा योद्धा शहीद हुए थे। उस वक़्त पूरे देश की संवेदनाएं उन शहीदों के परिवार के साथ थी और हर देशवासी की आंखें उन शहीदों के परिवारो के लिए नम थी। उन्ही शहीदों के परिवार में से एक परिवार आगरा निवासी कौशल कुमार रावत का भी था,जो की गुरुग्राम के खोह गांव में रहता है , जिनको राज्य सरकार की तरफ 25 लाख देने की घोषणा की गई । इतना ही नही उन्हें शहीद स्मारक बनाने के लिए ज़मीन देने की घोषणा भी की गई साथ ही उनके गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने की बात की गई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस परिवार को 25 लाख रुपये की राशि तो दी ,लेकिन उसके बाद इस परिवार की सुध तक नही ली। इस परिवार की हालत कितनी दयनीय है इस बात का अंदाज़ा आप इन तस्वीरों से सहज ही लगाया जा सकता है। अपने पिता के लिए नाम पर शहीद स्मारक बनाने के लिए ये बच्चा अपनी माँ के साथ अधिकारियों की चौखट पर पिछले 10 महीने से चक्कर काट रहे है ,लेकिन हर बार इन्हे टरकाया जा रहा है। इस शहीद के परिवार ने कभी सपने में भी ये नही सोचा होगा कि उनके पिता के जाने के उन पर ऐसा कहर भी टूटेगा।

बाइट-:ममता(शहीद कौशल कुमार रावत की पत्नी)Body:बेहद दयनीय हालत में दिख रहा यह परिवार पुलवामा में शहीद हुए कौशल कुमार रावत का परिवार है | जो यूपी के आगरा का रहने वाला है ,लेकिन बीते कई साल से गुरुग्राम के मानेसर इलाके में रह रहा है | परिवार की माली और आर्थिक हालत बेहद खराब है.इतना ही नहीं अब सरकारी व्यवस्थाओं की लापरवाही के चलते इस परिवार के सब्र का बांध भी टूट सा गया है | परिजनों ने केंद्र एवम यूपी सरकार के साथ-साथ मनोहर सरकार पर भी किसी भी तरह की आर्थिक मदद न करने जैसे आरोप लगाए है | शहीद की पत्नी ममता और बेटे विकास की माने तो योगी जी ने जरूर उस समय 25 लाख रुपये की मदद देने की पेशकश की थी और साथ ही शहीद स्मारक बनाने और सड़क का नाम शहीद कौशल कुमार रावत के नाम पे रखने की घोषणा की थी ,लेकिन शहीद के परिवार की माने तो 25 लाख रुपय की मदद के बाद सरकार सब कुछ भूल गई | उस समय जो घोषणाएं की गई थी वह सिर्फ कागजों तक सिमट के रह गयी, जिनको पूरा करने के लिए पिछले कई महीनो से ये परिवार भटक रहा है। इन्हें ना तो शहीद स्मारक बनाने के जगह दी गयी ना ही किसी तरह की कोई आर्थिक मदद मिली । महज़ 25 लाख दे कर अपना पीछा छुड़वाने की योगी सरकार की मंशा अब धीरे-धीरे सामने आ रही है।

बाइट-:विकास(शहीद कौशल रावत का बेटा)
Conclusion:पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान कौशल कुमार रावत के परिजनों ने सरकार की मंशा और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर घर का खर्च चालाना धीरे-धीरे मुश्किलों भरा होता जा रहा है | परिजनों की माने तो बच्चो की नौकरी से लेकर सरकारी मदद तक के लिए सारी भागदौड़ सिर्फ और सिर्फ सीआरपीरफ के अधिकारी ही कर रहे है | यानी कही न कही शहीदो को लेकर की जाने वाली लोकलुभावनी बाते सिर्फ कोरी घोषणाएं बन कर रह गयी है | शहीद कौशल रावत की पत्नी और बेटे की माने तो लखनऊ के डीएम ने योगी जी के आदेशों को भी दरकिनार करते हुए उनकी किसी भी तरह की कोई मदद तक नही की
Last Updated : Feb 13, 2020, 4:42 PM IST
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