गुरुग्रामः सोहना स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त कमरे भी नहीं है. ऐसे में या तो खुले आसमान के नीचे या फिर बरामदे में कक्षाएं लगाई जा रही हैं. बारिश के मौसम में स्कूल तालाब में तब्दील हो जाता है. ऐसे में विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है. स्कूल में बच्चों से लेकर प्रधानाध्यापक और शिक्षक तक प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती.
अध्यापकों की कमी
सोहना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय में अध्यापकों की कमी भी है. पिछले दो सालों में इस स्कूल से 1000 विद्यार्थी दूसरे स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं. स्कूल के आसपास के क्षेत्र के लोग भी यहां पर अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं. चार साल पहले जर्जर घोषित हो चुके पुराने 18 कमरों को तोड़ दिया गया. लेकिन उनकी जगह पर अभी तक नए कमरों का निर्माण नहीं हो पाया है.
कई बार दे चुके हैं शिकायत
विद्यालय के इस गंभीर मसले को लेकर जब हमारी टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने बताया कि साल 2015 में जर्जर इमारत को तोड़ दिया गया था, लेकिन अभी तक चार साल बीत जाने के बाद भी नई इमारत नहीं बनवाई गई है. स्कूल के वाइस प्रिंसिपल ने बताया कि चार साल पहले 18 कमरों को खस्ताहाल बताकर तोड़ दिया गया था.
इनकी जगह नए कमरों के निर्माण का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. वाइस प्रिसिंपल के मुताबकि कमरों की कमी को लेकर सरकार और शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया है.
कभी लैब तो कभी बरामदे में लगती हैं कक्षाएं
स्कूल में करीब 15 सौ छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. ऐसे में उन बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बच्चों को पीने की पानी की समस्या से लेकर शौचालय तक के लिए जूझना पड़ता है और पढ़ाई को लेकर जो परेशानी है वो तो है ही. छात्रों ने बताया कि उन्हें खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है, क्योंकि उनके पास स्कूल तो है, लेकिन कमरे नहीं है. ऐसे में कभी लैब तो कभी बरामदे में उनकी क्लासेस लगती है. छात्रों ने बताया कि बारिश के दिनों में तो उनका स्कूल आना भी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि पढ़ने के लिए उचित जगह नहीं होती और पानी में बैठना पड़ता है.
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अधिकारी दे रहे 'सरकारी' जवाब
स्कूल की प्रधानाचार्या से बात करने के बाद जब हमारी टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे संज्ञान में स्कूल में इमारत नहीं होने का मामला आया है. जिसके लिए एस्टिमेट बनवाया जा रहा है और जल्द ही स्कूल में नई इमारत बनवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही बच्चे कक्षा में बैठकर पढ़ाई करेंगे.
विधायक का आश्वासन
वहीं सोहना के विधायक संजय सिंह का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को इमारत बनाने के लिए दिशा निर्देश दे दिए हैं और जल्द ही इमारत बन जाएगी. उन्होंने कहा कि बच्चों की सभी समस्याओं का समाधान जल्द करवा दिया जाएगा. बता दें कि सोहना के आसपास के कई विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा अपग्रेड हुए हैं. ऐसे में बच्चों को पढ़ने के लिए नया विकल्प जरूर मिल गया है. बता दें कि स्कूल में नए कमरों का टेंडर दिया जा चुका है. एस्टीमेट बन चुका है और शिक्षा विभाग से भी हरी झंडी भी मिल चुकी है, लेकिन अभी तक कमरों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है.