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शिक्षा व्यवस्था की बदहाल तस्वीर ! 4 साल से स्कूल की बिल्डिंग के लिए तरस रहे बच्चे, देखिए रिपोर्ट

सोहना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय में अध्यापकों का अभाव भी है. पिछले दो सालों में इस स्कूल से 1000 विद्यार्थी दूसरे स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं. स्कूल के आसपास के क्षेत्र के लोग भी यहां पर अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं. चार साल पहले जर्जर घोषित हो चुके पुराने 18 कमरों को तोड़ दिया गया है. उनकी जगह पर अभी तक नए कमरों का निर्माण नहीं हो पाया है.

government school sohna
4 साल से स्कूल की आस में तरस रहे सोहना के बच्चे
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Published : Dec 3, 2019, 3:03 PM IST

गुरुग्रामः सोहना स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त कमरे भी नहीं है. ऐसे में या तो खुले आसमान के नीचे या फिर बरामदे में कक्षाएं लगाई जा रही हैं. बारिश के मौसम में स्कूल तालाब में तब्दील हो जाता है. ऐसे में विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है. स्कूल में बच्चों से लेकर प्रधानाध्यापक और शिक्षक तक प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती.

अध्यापकों की कमी
सोहना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय में अध्यापकों की कमी भी है. पिछले दो सालों में इस स्कूल से 1000 विद्यार्थी दूसरे स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं. स्कूल के आसपास के क्षेत्र के लोग भी यहां पर अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं. चार साल पहले जर्जर घोषित हो चुके पुराने 18 कमरों को तोड़ दिया गया. लेकिन उनकी जगह पर अभी तक नए कमरों का निर्माण नहीं हो पाया है.

4 साल से स्कूल की आस में तरस रहे बच्चे, देखिए रिपोर्ट

कई बार दे चुके हैं शिकायत
विद्यालय के इस गंभीर मसले को लेकर जब हमारी टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने बताया कि साल 2015 में जर्जर इमारत को तोड़ दिया गया था, लेकिन अभी तक चार साल बीत जाने के बाद भी नई इमारत नहीं बनवाई गई है. स्कूल के वाइस प्रिंसिपल ने बताया कि चार साल पहले 18 कमरों को खस्ताहाल बताकर तोड़ दिया गया था.

इनकी जगह नए कमरों के निर्माण का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. वाइस प्रिसिंपल के मुताबकि कमरों की कमी को लेकर सरकार और शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया है.

government school sohna
4 साल पहले टूटी स्कूल की इमारत

कभी लैब तो कभी बरामदे में लगती हैं कक्षाएं
स्कूल में करीब 15 सौ छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. ऐसे में उन बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बच्चों को पीने की पानी की समस्या से लेकर शौचालय तक के लिए जूझना पड़ता है और पढ़ाई को लेकर जो परेशानी है वो तो है ही. छात्रों ने बताया कि उन्हें खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है, क्योंकि उनके पास स्कूल तो है, लेकिन कमरे नहीं है. ऐसे में कभी लैब तो कभी बरामदे में उनकी क्लासेस लगती है. छात्रों ने बताया कि बारिश के दिनों में तो उनका स्कूल आना भी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि पढ़ने के लिए उचित जगह नहीं होती और पानी में बैठना पड़ता है.

ये भी पढ़ेंः देखिए गृहमंत्री अनिल विज के जिले के सरकारी स्कूल का हाल, यहां 8वीं तक के बच्चों को पढ़ाते हैं 5 टीचर

अधिकारी दे रहे 'सरकारी' जवाब
स्कूल की प्रधानाचार्या से बात करने के बाद जब हमारी टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे संज्ञान में स्कूल में इमारत नहीं होने का मामला आया है. जिसके लिए एस्टिमेट बनवाया जा रहा है और जल्द ही स्कूल में नई इमारत बनवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही बच्चे कक्षा में बैठकर पढ़ाई करेंगे.

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जमीन पर बैठने को मजबूर बच्चे

विधायक का आश्वासन
वहीं सोहना के विधायक संजय सिंह का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को इमारत बनाने के लिए दिशा निर्देश दे दिए हैं और जल्द ही इमारत बन जाएगी. उन्होंने कहा कि बच्चों की सभी समस्याओं का समाधान जल्द करवा दिया जाएगा. बता दें कि सोहना के आसपास के कई विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा अपग्रेड हुए हैं. ऐसे में बच्चों को पढ़ने के लिए नया विकल्प जरूर मिल गया है. बता दें कि स्कूल में नए कमरों का टेंडर दिया जा चुका है. एस्टीमेट बन चुका है और शिक्षा विभाग से भी हरी झंडी भी मिल चुकी है, लेकिन अभी तक कमरों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

गुरुग्रामः सोहना स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त कमरे भी नहीं है. ऐसे में या तो खुले आसमान के नीचे या फिर बरामदे में कक्षाएं लगाई जा रही हैं. बारिश के मौसम में स्कूल तालाब में तब्दील हो जाता है. ऐसे में विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है. स्कूल में बच्चों से लेकर प्रधानाध्यापक और शिक्षक तक प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती.

अध्यापकों की कमी
सोहना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय में अध्यापकों की कमी भी है. पिछले दो सालों में इस स्कूल से 1000 विद्यार्थी दूसरे स्कूलों में दाखिला ले चुके हैं. स्कूल के आसपास के क्षेत्र के लोग भी यहां पर अपने बच्चों को दाखिला दिलवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं. चार साल पहले जर्जर घोषित हो चुके पुराने 18 कमरों को तोड़ दिया गया. लेकिन उनकी जगह पर अभी तक नए कमरों का निर्माण नहीं हो पाया है.

4 साल से स्कूल की आस में तरस रहे बच्चे, देखिए रिपोर्ट

कई बार दे चुके हैं शिकायत
विद्यालय के इस गंभीर मसले को लेकर जब हमारी टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने बताया कि साल 2015 में जर्जर इमारत को तोड़ दिया गया था, लेकिन अभी तक चार साल बीत जाने के बाद भी नई इमारत नहीं बनवाई गई है. स्कूल के वाइस प्रिंसिपल ने बताया कि चार साल पहले 18 कमरों को खस्ताहाल बताकर तोड़ दिया गया था.

इनकी जगह नए कमरों के निर्माण का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है. वाइस प्रिसिंपल के मुताबकि कमरों की कमी को लेकर सरकार और शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया है.

government school sohna
4 साल पहले टूटी स्कूल की इमारत

कभी लैब तो कभी बरामदे में लगती हैं कक्षाएं
स्कूल में करीब 15 सौ छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. ऐसे में उन बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बच्चों को पीने की पानी की समस्या से लेकर शौचालय तक के लिए जूझना पड़ता है और पढ़ाई को लेकर जो परेशानी है वो तो है ही. छात्रों ने बताया कि उन्हें खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है, क्योंकि उनके पास स्कूल तो है, लेकिन कमरे नहीं है. ऐसे में कभी लैब तो कभी बरामदे में उनकी क्लासेस लगती है. छात्रों ने बताया कि बारिश के दिनों में तो उनका स्कूल आना भी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि पढ़ने के लिए उचित जगह नहीं होती और पानी में बैठना पड़ता है.

ये भी पढ़ेंः देखिए गृहमंत्री अनिल विज के जिले के सरकारी स्कूल का हाल, यहां 8वीं तक के बच्चों को पढ़ाते हैं 5 टीचर

अधिकारी दे रहे 'सरकारी' जवाब
स्कूल की प्रधानाचार्या से बात करने के बाद जब हमारी टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे संज्ञान में स्कूल में इमारत नहीं होने का मामला आया है. जिसके लिए एस्टिमेट बनवाया जा रहा है और जल्द ही स्कूल में नई इमारत बनवाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही बच्चे कक्षा में बैठकर पढ़ाई करेंगे.

government school sohna
जमीन पर बैठने को मजबूर बच्चे

विधायक का आश्वासन
वहीं सोहना के विधायक संजय सिंह का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को इमारत बनाने के लिए दिशा निर्देश दे दिए हैं और जल्द ही इमारत बन जाएगी. उन्होंने कहा कि बच्चों की सभी समस्याओं का समाधान जल्द करवा दिया जाएगा. बता दें कि सोहना के आसपास के कई विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा अपग्रेड हुए हैं. ऐसे में बच्चों को पढ़ने के लिए नया विकल्प जरूर मिल गया है. बता दें कि स्कूल में नए कमरों का टेंडर दिया जा चुका है. एस्टीमेट बन चुका है और शिक्षा विभाग से भी हरी झंडी भी मिल चुकी है, लेकिन अभी तक कमरों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

Intro:सोहना का वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हुआ बदहाल

चार साल से नही बनी इमारत

कड़कड़ाती ठंड में बाहर बैठने को छात्र

सर्व शिक्षा अभियान की उड़ रही धज्जिया

2015 में तोड़ी गई थी जर्जर इमारत

विद्यालय की बाकी इमारत भी हुई जर्जर

विद्यालय में 15 छात्र आते है शिक्षा ग्रहण करने के लिए 

ब्लाक स्तर का सबसे बड़े विद्यालय की दुर्लभ तस्वीर

Body:वीओ...सोहना के सबसे बड़े सीनियर सैकंडरी विद्यालय की जरा इन दुर्लभ तस्वीरों को देखिए कहने को तो ये सोहना का वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल ) है जिसमे करीब 15 छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते है..लेकिन यहां पर आने वाले छात्र गर्मी,सर्दी व बरसात के समय मे बाहर बैठते है..बाहर बैठने का यहां पर आने वाले छात्रों की कोई आदत नही है ..बल्कि इनकी मजबूरी है क्योंकि स्कूल की जर्जर इमारत साल 2015 में तोड़ दी गई थी..जिसे अभी तक नही बनाया गया है..इतना ही नही स्कूल की बाकी इमारत भी जर्जर हालत में है जो कभी भी स्कूली छात्रों के लिए काल बन सकती है..ये हम नही बल्कि इस विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र बोल रहे है साथ ही साथ स्कूल में इमारत बनाये जाने की माग भी कर रहे है लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि क्या इन छात्रों की फरियाद सरकार के कानों तक पहुँच पाएगी....

बाइट:-अमित,बुद्धिमल, विकाश छात्र।

वीओ..इस विद्यालय के गंभीर मसले को लेकर जब हनारी टीम ने स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने बताया कि साल 2015 में जर्जर इमारत को तोड़ दिया गया था लेकिन अभी तक चार साल बीत जाने के बाद भी नई इमारत नही बनवाई गई है..विद्यालय में करीब 15सौ छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते है..लेकिन इमारत नही होने की वजह से छात्रों को बाहर बैठाना पड़ता है..बताया कि कई बार विधायक से लेकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को अवगत करा चुके है..लेकिन अभी तक समस्या जस की तस बनी हुई है जिससे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाले छात्रों को काफी दिक्कत होतीं है....

बाइट:-राम कुमार नैन वाइस प्रिंसिपल ।

Conclusion:वीओ..स्कूल प्रधानाचार्या से बात करने के बाद जब हमारी टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे सज्ञान में स्कूल में इमारत नही होने का मामला आया है ..जिसके लिए एस्टिमेट बनवाया जा रहा है और जल्द ही स्कूल में नई इमारत बनवाई जाएगी..लेकिन अफसोस इस बात का है कि चार साल से टूटी हुई इस इमारत की तरफ जिला शिक्षा अधिकारी का ध्यान क्यो नही गया...

बाइट:-जिला शिक्षा अधिकारी ऋतु चौधरी।

वीओ..वहीं स्कूल इमारत के इस गंभीर मसले को लेकर हमने सोहना के विधायक से भी बात की जिन्होंने कहा है कि अधिकारियों को इमारत बनाने के लिए दिशा निर्देश दे दिए गए है और जल्द ही इमारत बन जाएगी..लेकिन देखना इस बात का होगा कि विधायक की कथनी और ओर करणी में कोई अंतर तो नही है ..अब देखना इस बात का भी होगा कि हरियाणा में दो इंजन वाली सरकार क्या इस स्कूल की दुर्लभ तस्वीर को बदल पाती है या फिर इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों के साथ सरकार द्वारा दिये गए नारे पढ़ेगा का देश तो बढ़ेगा देश का मजाक उड़ता रहेगा..

बाइट:- कंवर संजय सिंह विधायक सोहना।

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