गुरुग्राम: क्या गुरुग्राम में नवजात की तस्करी हो (newborn trafficking in gurugram) रही है. क्या इस गिरोह में निजी अस्पताल शामिल हैं. क्या स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्कर इस तस्करी के गिरोह की मुख्य कड़ी है जो ग्राहकों को ढूंढकर इन निजी अस्पतालों तक ले जाती हैं. क्या निजी अस्पताल प्रबंधक फर्जी तरीके से मेडिक्लेम का बिल पास करा रहे हैं. ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब इन दिनों गुरुग्राम पुलिस ढूंढ रही है.
दरअसल इन दिनों गुरुग्राम में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है. जिसमें एक दंपत्ति दो निजी अस्पताल प्रबंधकों समेत स्वास्थ्य विभाग की आशा वर्कर पर इस तरह के गंभीर आरोप लगा रहा है. इसकी शिकायत जब सेक्टर-10 थाना पुलिस को दी गई तो पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. हालांकि वीरवार देर शाम तक इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया था.
गुरुग्राम में दो अस्पताल प्रबंधकों लगा बच्चा तस्करी का आरोप, दंपति ने पुलिस से की शिकायत जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से बिहार के रहने वाले एक दंपत्ति ने बताया कि वह गुरुग्राम में रहते हैं. व्यक्ति अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर सेक्टर-10 सिविल अस्पताल गुरुग्राम (Gurugram Civil Hospital) पहुंचा था. आरोप है कि यहां एक आशा वर्कर ने उन्हें अपनी बातों के जाल में उलझा लिया और प्राइवेट अस्पताल में फ्री डिलीवरी कराने की बात कहकर अपने साथ ले गई. उसकी डिलीवरी भी कराई गई, लेकिन जब उसका बच्चा हैंडओवर करने की बारी आई तो इस पूरे ड्रामे से पर्दा उठना शुरू हुआ.वहीं मामला सामने आने के बाद सेक्टर-10 थाना प्रभारी का कहना है कि उनके पास बुधवार को दंपत्ति ने शिकायत दी थी. शिकायत में कहा गया है कि निजी अस्पताल संचालक उनके बच्चे को नहीं दे रहा है. इस पर उन्होंने अस्पताल से बच्चे को दंपत्ति के हैंडओवर करा दिया. वीरवार को यह दंपत्ति दोबारा थाने आए और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन व आशा वर्कर पर आरोप लगाए हैं. इस मामले में जांच की जा रही है. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अस्पताल के बिल को लेकर विवाद है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.