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गुरुग्राम: प्लांट खोलने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने से पीछे हट रहे उद्योगपति, जानिए वजह

गुरुग्राम में अब तक सिर्फ 2580 औद्योगिक कंपनियों ने ही आवेदन किया है. जिसमें से सरकार ने 340 को ही अभी काम शुरू करने की अनुमति दी है, वो भी कई शर्तों के साथ. ऐसे में कई उद्योगपति ऐसे हैं, जिन्होंने अभीतक आवेदन ही नहीं किए हैं.

2580 industrial companies applied to start the plant in gurugram
गुरुग्राम: ऑनलाइन अप्लाई करने से पीछे हट रहे उद्योगपति, जानिए वजह
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Published : Apr 29, 2020, 1:02 PM IST

गुरुग्राम: कोरोना वायरस की वजह से उद्योग जगत को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद पड़ी हैं, लेकिन अब इकाइयों को खोलने की अनुमति सरकार की ओर से दी जा रही है. इसके लिए उद्योगपतियों को पहले ऑनलाइन पोर्टल पर अप्लाई करना होगा. जिसके बाद सरकार की ओर से इंस्पेक्शन करने के बाद ही प्लांट खोलने की अनुमति दी जा रही रही है.

अगर बात गुरुग्राम की करें तो यहां अब तक सिर्फ 2580 औद्योगिक कंपनियों ने ही आवेदन किया है. जिसमें से सरकार ने 340 को ही अभी काम शुरू करने की अनुमति दी है. वो भी कई शर्तों के साथ. ऐसे में कई उद्योगपति ऐसे हैं, जिन्होंने अभीतक आवेदन ही नहीं किए हैं.

प्लांट खोलने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने से पीछे हट रहे उद्योगपति

बता दें कि गुरुग्राम जाना-माना उद्योग क्षेत्र है. देश कही नहीं बल्कि विदेश की कई नामचीन कंपनियों के हेड ऑफिस समेत ऑटोमोबाइल का हब भी गुरूग्राम में है. ऐसे में लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार गुरुग्राम में ही देखने को मिली है. अब जब सरकार प्लांट को खोलने की अनुमति दे रही है तो कई ऐसे उद्योगपति हैं जो पोर्टल पर अप्लाई नहीं कर रहे हैं. सरकार से आवेदन के लिए अप्लाई नहीं करने वाले ऐसे ही कुछ उद्योगपतियों से ईटीवी भारत ने बात की और जाना कि वो पोर्ट पर आवेदन आखिर क्यों नहीं कर रहे हैं?

ईटीवी भारत ने जब उद्योगपतियों से बात की तो उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की औद्योगिक इकाइयों को खोलने की तुरंत छूट मिलनी चाहिए. जब तक उद्योगों से संबंधित पूरी चेन शुरू नहीं होगी, तबतक कामकाज सुचारू नहीं हो पाएगा. वहीं उद्योगपतियों का ये भी कहना है कि सभी कंपनियों का रॉ- मटेरियल अलग-अलग राज्य और अलग-अलग कंपनियों से आता है. ऐसे में सिर्फ उन्हें मंजूरी देने से कोई फायदा नहीं होने वाला है.

ये भी पढ़िए: मिलिए चंडीगढ़ की 'कोरोना वॉरियर्स' ASI बहनों से, जिनका पूरा परिवार देश सेवा में जुटा

उद्योगपतियों ने ये भी कहा कि अभी फैक्ट्रियों को संचालित करने की मंजूरी बहुत धीमी गति से दी जा रही है. इस प्रक्रिया में काफी समय लगने वाला है. साथ ही जिन कंपनियों का आवेदन मंजूर हो भी गया है तो उन्हें अपनी फैक्ट्री में काम शुरू करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में औद्योगिक माहौल को संतोषजनक सुधारने में अभी काफी समय लगेगा.

गुरुग्राम: कोरोना वायरस की वजह से उद्योग जगत को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद पड़ी हैं, लेकिन अब इकाइयों को खोलने की अनुमति सरकार की ओर से दी जा रही है. इसके लिए उद्योगपतियों को पहले ऑनलाइन पोर्टल पर अप्लाई करना होगा. जिसके बाद सरकार की ओर से इंस्पेक्शन करने के बाद ही प्लांट खोलने की अनुमति दी जा रही रही है.

अगर बात गुरुग्राम की करें तो यहां अब तक सिर्फ 2580 औद्योगिक कंपनियों ने ही आवेदन किया है. जिसमें से सरकार ने 340 को ही अभी काम शुरू करने की अनुमति दी है. वो भी कई शर्तों के साथ. ऐसे में कई उद्योगपति ऐसे हैं, जिन्होंने अभीतक आवेदन ही नहीं किए हैं.

प्लांट खोलने के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने से पीछे हट रहे उद्योगपति

बता दें कि गुरुग्राम जाना-माना उद्योग क्षेत्र है. देश कही नहीं बल्कि विदेश की कई नामचीन कंपनियों के हेड ऑफिस समेत ऑटोमोबाइल का हब भी गुरूग्राम में है. ऐसे में लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार गुरुग्राम में ही देखने को मिली है. अब जब सरकार प्लांट को खोलने की अनुमति दे रही है तो कई ऐसे उद्योगपति हैं जो पोर्टल पर अप्लाई नहीं कर रहे हैं. सरकार से आवेदन के लिए अप्लाई नहीं करने वाले ऐसे ही कुछ उद्योगपतियों से ईटीवी भारत ने बात की और जाना कि वो पोर्ट पर आवेदन आखिर क्यों नहीं कर रहे हैं?

ईटीवी भारत ने जब उद्योगपतियों से बात की तो उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की औद्योगिक इकाइयों को खोलने की तुरंत छूट मिलनी चाहिए. जब तक उद्योगों से संबंधित पूरी चेन शुरू नहीं होगी, तबतक कामकाज सुचारू नहीं हो पाएगा. वहीं उद्योगपतियों का ये भी कहना है कि सभी कंपनियों का रॉ- मटेरियल अलग-अलग राज्य और अलग-अलग कंपनियों से आता है. ऐसे में सिर्फ उन्हें मंजूरी देने से कोई फायदा नहीं होने वाला है.

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उद्योगपतियों ने ये भी कहा कि अभी फैक्ट्रियों को संचालित करने की मंजूरी बहुत धीमी गति से दी जा रही है. इस प्रक्रिया में काफी समय लगने वाला है. साथ ही जिन कंपनियों का आवेदन मंजूर हो भी गया है तो उन्हें अपनी फैक्ट्री में काम शुरू करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में औद्योगिक माहौल को संतोषजनक सुधारने में अभी काफी समय लगेगा.

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