गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. 134-ए के तहत जिन गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल में दाखिला मिलना था उनके अभिभावक दाखिले के लिए एक स्कूल से दूसरे स्कूल और शिक्षा विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
दरअसल सेक्शन 134-ए के तहत बीपीएल और ईडब्लूएस कैटेगरी के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला देना अनिवार्य है, लेकिन देखने में ये आया है कि काफी स्कूल सीट ना होने की बात कह कर इन बच्चों को दाखिल नहीं दे रहे हैं.
'नरबीर सिंह से मिलने पहुंचे अभिभावक'
स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभिभावक कई बार शिक्षा विभाग से लेकर डिप्टी कमिश्नर को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इस सब के बावजूद स्कूल अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं. मंगलवार को ये सभी अभिभावक अपनी शिकायत लेकर कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह से भी मिलने पहुंचे. वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन इस मामले पर संज्ञान लेकर जल्द कार्रवाई की बात कर रहा है.
'कब होगी कार्रवाई कोई नहीं जानता'
जिला प्रशासन स्कूलों पर कार्रवाई की बात तो कर रहा है, लेकिन सवाल ये है कि बेलगाम हो चुके प्राइवेट स्कूलों पर ये कार्रवाई कब और किस रूप में होगी ये कोई नहीं जानता. हालात ये हैं कि अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए दर दर की ठोकर खा रहे इन अभिभावकों को अब ये समझ नहीं आ रहा है कि जिस कानून के तहत उनके बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिला है उस अधिकार को इन्हें दिलाएगा कौन.
'अधर में अटका बच्चों का भविष्य'
क्योंकि काफी बच्चे तो इनमें ऐसे भी हैं जिन्होंने पुराने स्कूल से अपना नाम इस उम्मीद में कटवा लिया था कि कल से 134-ए उनके लिए किसी बड़े प्राइवेट स्कूल का दरवाजा खुलेगा. लेकिन प्राइवेट स्कूल और सरकार की तकरार ने उनके भविष्य को अधर में लटका दिया है.