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फतेहाबाद में देर रात किसानों ने फिर जलाई पराली, सख्ती का कोई असर नहीं

फतेहाबाद में किसानों के द्वारा पराली जलाने का सिलसिला लगातार जारी है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर छिड़े घमासान के बीच देर रात एक बार फिर किसानों ने खेतों में जमकर पराली जलाई है.

parali burning fatehabad
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Published : Nov 20, 2019, 1:18 PM IST

फतेहाबाद: उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण के बीच एक बार फिर देर रात फतेहाबाद में किसानों द्वारा पराली के बड़े-बड़े कूपों में आग लगाई गई. पराली जलाने को लेकर हो रहे विवाद के बीच किसान अब रात के अंधेरे में पराली में आग लगा रहे हैं.

फतेहाबाद में देर रात रतिया रोड पर दर्जनों जगहों पर किसानों ने पराली के बड़े-बड़े कूपो में आग लगाई. जिला प्रशासन द्वारा की जा रही सख्ती का किसानों पर कोई असर नहीं दिख रहा है. प्रदूषण का मुद्दा भले ही सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक गूंज रहा हो, लेकिन किसानों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

किसान रात के अंधेरे में दर्जनों जगहों पर पराली जलाते हुए नजर आए. खेतों में बड़े-बड़े कूपों में जलती पराली साफ तौर पर दिखाई दे रही थी. ये भी नजर आ रहा था कि प्रदूषण चाहे कितना भी बढ़ जाए, लेकिन किसानों को उससे कोई लेना देना नहीं है. रात के अंधेरे में किसान पराली को जला रहे हैं ताकि प्रशासनिक कारवाई से बचा जा सके.

फतेहाबाद में किसानों ने फिर जलाई पराली.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में 1 जनवरी से बंद होंगे डीजल ऑटो, सीएम के आदेश के बाद शुरू हुई कार्रवाई

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का सिलसिला जारी है. हरियाणा में मंगलवार को 79 स्थानों पर खेतों में आग लगाने के मामले सामने आए. इसमें सबसे अधिक फतेहाबाद जिले में सेटेलाइट ने 37 मामले पकड़े. इसके बाद सिरसा में 23 स्थानों पर आग के मामले मिले. हालांकि लोगों को स्मॉग से राहत है. इसका कारण उत्तर पश्चिमी हवाओं से जुड़ा हुआ है. इन हवाओं की गति धीमी है, जिससे स्मॉग वातावरण में रुक नहीं रहा है.

फतेहाबाद: उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण के बीच एक बार फिर देर रात फतेहाबाद में किसानों द्वारा पराली के बड़े-बड़े कूपों में आग लगाई गई. पराली जलाने को लेकर हो रहे विवाद के बीच किसान अब रात के अंधेरे में पराली में आग लगा रहे हैं.

फतेहाबाद में देर रात रतिया रोड पर दर्जनों जगहों पर किसानों ने पराली के बड़े-बड़े कूपो में आग लगाई. जिला प्रशासन द्वारा की जा रही सख्ती का किसानों पर कोई असर नहीं दिख रहा है. प्रदूषण का मुद्दा भले ही सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक गूंज रहा हो, लेकिन किसानों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

किसान रात के अंधेरे में दर्जनों जगहों पर पराली जलाते हुए नजर आए. खेतों में बड़े-बड़े कूपों में जलती पराली साफ तौर पर दिखाई दे रही थी. ये भी नजर आ रहा था कि प्रदूषण चाहे कितना भी बढ़ जाए, लेकिन किसानों को उससे कोई लेना देना नहीं है. रात के अंधेरे में किसान पराली को जला रहे हैं ताकि प्रशासनिक कारवाई से बचा जा सके.

फतेहाबाद में किसानों ने फिर जलाई पराली.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का सिलसिला जारी है. हरियाणा में मंगलवार को 79 स्थानों पर खेतों में आग लगाने के मामले सामने आए. इसमें सबसे अधिक फतेहाबाद जिले में सेटेलाइट ने 37 मामले पकड़े. इसके बाद सिरसा में 23 स्थानों पर आग के मामले मिले. हालांकि लोगों को स्मॉग से राहत है. इसका कारण उत्तर पश्चिमी हवाओं से जुड़ा हुआ है. इन हवाओं की गति धीमी है, जिससे स्मॉग वातावरण में रुक नहीं रहा है.

Intro:फतेहाबाद में किसानों के द्वारा पराली जलाने का सिलसिला लगातार जारी, रात के अंधेरे में पराली में आग लगा रहे हैं किसान, फतेहाबाद रतिया रोड पर दर्जनों जगहों पर किसानों ने पराली के बड़े-बड़े कूपो में लगाई आग, जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है सख्ती, लेकिन किसानों पर सख्ती का नहीं दिखाई देता कोई भी असर।
Body:प्रदूषण का मुद्दा भले ही सुप्रीम कोर्ट से लेकर संसद तक गूंज रहा हो, लेकिन किसानों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फतेहाबाद मे किसानों ने आज भी कई एकड़ में पराली जलाई। किसान रात के अंधेरे में दर्जनों जगहों पर पराली जलाते हुए नजर आए। फतेहाबाद रतिया मार्ग पर रात को किसानों के द्वारा जमकर पराली जलाई गई। खेतो मे बड़े-बड़े कूपो में जलती पराली साफ तौर पर दिखाई दे रही थी। यह भी नजर आ रहा था कि प्रदूषण चाहे कितना भी बढ़ जाए लेकिन किसानों को उससे कोई लेना देना नहीं है। रात के अंधेरे में किसान पराली को जला रहे हैं ताकि प्रशासनिक कारवाई से बचा जा सके। Conclusion:
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