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टोहाना में बढ़ी टीबी के मरीजों की संख्या, 6 महीने में आंकड़ा 235 के पार

टीबी की रोकथाम के लिए सरकार, प्राइवेट संस्थान और एनजीओ देश भर में कैंपेन चला रहे हैं. फिर अकेले टोहाना शहर में पिछली सालों की तुलना में इस साल मरीजों की संख्या बढ़ गई है. 6 महीने में मरीजों की संख्या करीब 235 दर्ज की गई है.

टोहाना नागरिक अस्पताल
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Published : Aug 11, 2019, 8:35 PM IST

फतेहाबाद: टोहाना क्षेत्र में इस साल टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा होता दिख रहा है. सरकार की तरफ से टीबी की रोकथाम के लिए टीबी निरोधी अभियान चलाया जा रहा है. इस काम में सरकार और सामाजिक संगठन भी आगे आ रहे हैं. बता दें कि सरकार ने टीबी को नोटिफाइड डिजीज घोषित कर दिया है. इसके तहत प्राइवेट अस्पताल में आने वाले टीबी के मरीजों का डाटा भी इकट्ठा किया जाता है.

टोहाना में बढ़ी टीबी के मरीजों की संख्या

गत वर्षों के आंकड़े

  • वर्ष 2015 में 303 मरीज दर्ज किए गए थे, जिसमें से 85 प्रतिशत ठीक हुए.
  • वर्ष 2017 में 297 मरीज थे. इसमें 86 प्रतिशत ठीक हुए.
  • वर्ष 2018 में 305 मरीज आए, ठीक करने का प्रतिशत 87 रहा.

इसी तरह वर्ष 2019 की बात की जाए तो यहां 6 महीने की रिपोर्ट में करीब 235 मरीज दर्ज किए गए हैं. इस साल के आंकड़ों से लगता है कि मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है.

ये भी पढ़ें:-जम्मू-कश्मीर : बकरीद से पहले कड़ी सुरक्षा, अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील

बता दें कि सरकार की ओर से जिला फतेहाबाद में टीबी की रोकथाम के लिए साल 2018 से सीबीनेट मोबाइल वैन भी चलाई जा रही है. मोबाइल वैन पीएचसी, सीएचसी, उपसिविल अस्पताल तथा स्लम एरिया में पहुंचकर संदिग्ध टीबी मरीजों की जांच के लिए लगाई गई.

इस वैन में बलगम की जांच में पुष्टि न होने व एक्सरे जांच में लक्षण दिखने पर सीबीनेट मशीन से जांच की है. इसके बावजूद भी मरीजों की संख्या में इजाफा अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े करता है.

फतेहाबाद: टोहाना क्षेत्र में इस साल टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा होता दिख रहा है. सरकार की तरफ से टीबी की रोकथाम के लिए टीबी निरोधी अभियान चलाया जा रहा है. इस काम में सरकार और सामाजिक संगठन भी आगे आ रहे हैं. बता दें कि सरकार ने टीबी को नोटिफाइड डिजीज घोषित कर दिया है. इसके तहत प्राइवेट अस्पताल में आने वाले टीबी के मरीजों का डाटा भी इकट्ठा किया जाता है.

टोहाना में बढ़ी टीबी के मरीजों की संख्या

गत वर्षों के आंकड़े

  • वर्ष 2015 में 303 मरीज दर्ज किए गए थे, जिसमें से 85 प्रतिशत ठीक हुए.
  • वर्ष 2017 में 297 मरीज थे. इसमें 86 प्रतिशत ठीक हुए.
  • वर्ष 2018 में 305 मरीज आए, ठीक करने का प्रतिशत 87 रहा.

इसी तरह वर्ष 2019 की बात की जाए तो यहां 6 महीने की रिपोर्ट में करीब 235 मरीज दर्ज किए गए हैं. इस साल के आंकड़ों से लगता है कि मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है.

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बता दें कि सरकार की ओर से जिला फतेहाबाद में टीबी की रोकथाम के लिए साल 2018 से सीबीनेट मोबाइल वैन भी चलाई जा रही है. मोबाइल वैन पीएचसी, सीएचसी, उपसिविल अस्पताल तथा स्लम एरिया में पहुंचकर संदिग्ध टीबी मरीजों की जांच के लिए लगाई गई.

इस वैन में बलगम की जांच में पुष्टि न होने व एक्सरे जांच में लक्षण दिखने पर सीबीनेट मशीन से जांच की है. इसके बावजूद भी मरीजों की संख्या में इजाफा अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े करता है.

Intro:टीबी को लेकर सरकार द्वारा नोटिफाईड डिजिज घोषित करने के बाद आकडों में सामने आने लगे है टीबी के सभी मरीज, नागरिक अस्पताल के द्वारा ख्संगनता से चलाया जा रहा अभियान है, पिछले तीन सालों के मुकाबले इसी वर्ष दुगनी संखया दर्ज होती दिखाई दे रही है।

Body:टोहाना के क्षेत्र में इस वर्ष टीबी के मरीजों की दर्ज संखया में ईजाफा होता दिख रहा है। जिसका कारण नागरिक अस्पताल के द्वारा जहां संगनता से चलाया जा रहा है टीबी निरोधक अभियान है। वही पर इस बिमारी को सरकार के द्वारा नोटिफाईड डिजिज घोषित करने से सभी टीबी के मरीज एक जगह दर्ज होने लगे है। जिसका सार्थक परिणाम है कि सही संखया सामने आने से निति निर्धारण करने व उपचार की बेहतर योजानाए बनाई जा सकती है। जैसा कि ज्ञात है कि टीबी की बिमारी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व सामाजिक संस्थाओं के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसमें पहले मरीज की पहचान उसके बाद निरन्तर दवाई देते हुए उसका उपचार शामिल है। यह उपचार उस समय तक जारी रहता है जब तक कि यह बिमारी जड़ से समाप्त नहीं हो जाए इसके लिए टोहाना के नागरिक अस्पताल मे अलग से लैबकर्मी व स्वास्थ्य कर्मी लगाए गए है जिससे इस बिमारी का उपचार सही समय पर हो सके। इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए स्वास्थ्य कर्मी रमेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2015 में 303 मरीज दर्ज किए गए थे जिसमें से 85प्रतिशत ठीक हुए व 91सफलता प्रतिशत रहा। इसी प्रकार 2017 में 297 मरीज थे इसमें 86 प्रतिशत ठीक हुए व 92सफलता प्रतिशत रहा। वर्ष 2017 में 294 मरीज आए जिसमें 87 प्रतिशत ठीक हुए, जिसका सफलता प्रतिशत 92 रहा। वर्ष 2018 में 305 मरीज आए ठीक करने का प्रतिशत 87 रहा व सफलता का प्रतिशत 92रहा है। वही अगर बात कि जाए 2019 की तो छह माह रिपोर्ट में अब तक 235 मरीज दर्ज किए गए है जिससे लगता है कि रिपोर्ट बढी है। जिसका कारण है कि सरकार के द्वारा टीबी को नोटिफाईड डिजिज किया गया है। जिसके कारण निजी अस्पताल में चल रहे मरीजों को भी सरकार की हिदायतों के अनुसार मरीजों को सरकारी अस्पताल में नोटिफाईड करना पड़ता है। जिसकी वजह से यह डाटा बढा हुआ दिखाई दे रहा है। पहले निजी अस्पताल में ईलाज करवा रहे टीबी मरीजों का रिकार्ड नागरिक अस्पताल केपास नहीं होता था। अबकी बार इन आंकडो में दुगनी बढोतरी दर्ज की जासकती है। Conclusion:bite_1 - रमेश कुमार सीनियर सुपरवाईजर
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