फतेहाबाद: बेशक टोहाना को नहरों की नगरी कहा जाता है. इसके बावजूद यहां भूजल का संकट ऐसे गहराया कि टोहाना डार्क जोन घोषित करना पड़ा. तभी से पूरे ब्लॉक में नया नलकूप लगाने पर पाबंदी लगा दी गई.
प्रशासन और आम जनता परेशान
फिर भी पानी दोहन में कोई कमी नहीं आई और भूजल खतरे के निशान की तरफ तेजी से गहराता जा रहा है. जिला एंव सांख्यिकी विभाग के अनुसार अभी भी टोहाना उपमंडल में 12 हजार से अधिक नलकूप हैं, जो धान सीजन में सबसे अधिक पानी दोहन करते हैं. यहां के ये हालात ऐसे हैं जिसे देखकर प्रशासन और आम नागरिक दोनों परेशान है.
नगर पालिका को जारी किए गए निर्देश
वहीं उपमंडल अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका को निर्देश जारी कर दिए हैं कि पानी बेकार बहने न दिया जाए, इसके लिए रिचार्ज बोर लगवाए जा रहे हैं.
कम पानी वाली खेती से भूजल बचाया जा सकता है
अब देखने वाली बात होती है कि यहां के किसान धान जैसी अधिक पानी सोखने वाली फसलों को छोड़ कर कम पानी वाली फसलों की तरफ कब तक रूझान करते हैं क्योंकि जब तक ऐसा नहीं होता तब तक भूजल को बचाया नहीं जा सकता.