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जल संरक्षण को लेकर प्रशासन हुआ मुस्तैद, जारी किए गए ये निर्देश - Tohana

टोहाना में भूजल खतरे के निशान की तरफ तेजी से गहराता जा रहा है. जिसे देखते हुए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि पानी को बेकार बहने न दिया जाए. इतना हीं नहीं यहां प्रशासन ने विभिन्न योजनाओं पर भी काम शुरू कर दिया है.

जल संरक्षण को लेकर प्रशासन हुआ मुस्तै
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Published : Jul 12, 2019, 7:55 AM IST

Updated : Jul 12, 2019, 9:42 AM IST

फतेहाबाद: बेशक टोहाना को नहरों की नगरी कहा जाता है. इसके बावजूद यहां भूजल का संकट ऐसे गहराया कि टोहाना डार्क जोन घोषित करना पड़ा. तभी से पूरे ब्लॉक में नया नलकूप लगाने पर पाबंदी लगा दी गई.

प्रशासन और आम जनता परेशान
फिर भी पानी दोहन में कोई कमी नहीं आई और भूजल खतरे के निशान की तरफ तेजी से गहराता जा रहा है. जिला एंव सांख्यिकी विभाग के अनुसार अभी भी टोहाना उपमंडल में 12 हजार से अधिक नलकूप हैं, जो धान सीजन में सबसे अधिक पानी दोहन करते हैं. यहां के ये हालात ऐसे हैं जिसे देखकर प्रशासन और आम नागरिक दोनों परेशान है.

क्लिक कर देखें वीडियो

नगर पालिका को जारी किए गए निर्देश
वहीं उपमंडल अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका को निर्देश जारी कर दिए हैं कि पानी बेकार बहने न दिया जाए, इसके लिए रिचार्ज बोर लगवाए जा रहे हैं.

कम पानी वाली खेती से भूजल बचाया जा सकता है
अब देखने वाली बात होती है कि यहां के किसान धान जैसी अधिक पानी सोखने वाली फसलों को छोड़ कर कम पानी वाली फसलों की तरफ कब तक रूझान करते हैं क्योंकि जब तक ऐसा नहीं होता तब तक भूजल को बचाया नहीं जा सकता.

फतेहाबाद: बेशक टोहाना को नहरों की नगरी कहा जाता है. इसके बावजूद यहां भूजल का संकट ऐसे गहराया कि टोहाना डार्क जोन घोषित करना पड़ा. तभी से पूरे ब्लॉक में नया नलकूप लगाने पर पाबंदी लगा दी गई.

प्रशासन और आम जनता परेशान
फिर भी पानी दोहन में कोई कमी नहीं आई और भूजल खतरे के निशान की तरफ तेजी से गहराता जा रहा है. जिला एंव सांख्यिकी विभाग के अनुसार अभी भी टोहाना उपमंडल में 12 हजार से अधिक नलकूप हैं, जो धान सीजन में सबसे अधिक पानी दोहन करते हैं. यहां के ये हालात ऐसे हैं जिसे देखकर प्रशासन और आम नागरिक दोनों परेशान है.

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नगर पालिका को जारी किए गए निर्देश
वहीं उपमंडल अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका को निर्देश जारी कर दिए हैं कि पानी बेकार बहने न दिया जाए, इसके लिए रिचार्ज बोर लगवाए जा रहे हैं.

कम पानी वाली खेती से भूजल बचाया जा सकता है
अब देखने वाली बात होती है कि यहां के किसान धान जैसी अधिक पानी सोखने वाली फसलों को छोड़ कर कम पानी वाली फसलों की तरफ कब तक रूझान करते हैं क्योंकि जब तक ऐसा नहीं होता तब तक भूजल को बचाया नहीं जा सकता.

Intro:टोहाना नहरी नगरी मगर डार्क जोन में आने से बना चिन्ता का विषय, देश व प्रदेश स्तर पर जारी अभियान में टोहाना प्रशासन ने भी दिखा रहा है चुस्ती, नगरपरिषद, जनस्वास्थय विभाग सहित अन्य विभागों से जारी किए उपमण्डल अधिकारी ने जल संरक्षण के निर्देश। Body:नहर नगरी टोहाना पिछले कुछ समय से अपने अस्तिव को लेकर झुझ रही है क्योकि बेसक इसे नहरी नगरी होने का गौरव प्राप्त है परन्तु पिछले कुछ वर्षो से अम्त्याधिक जल दोहन की वजह की वजह यह क्षेत्र डार्क जोन में आ गया है। जिससे प्रशासन के साथ आम नागरिक के माथे पर चिन्ता की रेखाए खीची हुई है। इसका बडा कारण यहां पर किसानों के द्वारा अधिक धान की फसल का लेना बताया जाता है। पिछले समय से प्रशासन ने इसके चलते जहां पर धान की फसल के चक्र को सुचारू करवाने पर सखती दिखाई है वही संबधित विभागों के साथ मिलकर जल संरक्षण की योजनाओं पर काम भी चल रहा है। इसके बारे में विस्तार से उपमण्डल अधिकारी सुरेन्द ङ्क्षसह ने बताया कि उन्होनें नगरपालिका को निर्देश जारी किए है कि टोहाना में बारिश के पानी को बेकार न बहने दिया जाए इसके लिए रिचार्ज बोर लगवाए जा रहे है। इसके साथ ही जनस्वास्थ्य विभाग को भी जल सरंक्षण के निेर्देश जारी किए गए है। उनकी पुरी कोशिश है जहां पानी का बेजरूरी दोहन न हो वही बारिश के पानी को भी संरक्षित किया जाए। जिससे वाटर लेवल को बढाया जा सके। Conclusion:टोहाना हरियाणा से नवल सिंह की रिपोर्ट
विजुवल -
bite1 - सुरेन्द्र ङ्क्षसह, उपमण्डल अधिकारी टोहाना
vis1 - संबधित शॉट
Last Updated : Jul 12, 2019, 9:42 AM IST
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