फतेहाबाद: टोहाना में प्रदेश की पहली स्थापित शिव नंदी शाला में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाते हुए नए प्रयोग किए जाने जा रहे हैं. इसी कड़ी में गोवंश के गोबर से 50000 दीपक बनाकर दीपावली पर वितरित करने का लक्ष्य संचालकों ने रखा है.
शिवनंदी शाला ने किचन गार्डन बनाकर लोगों को पौधे उपलब्ध करवाए हैं, जिनमें गाय के गोबर और गोमूत्र को उर्वरक की तरह पौधों की मिट्टी में इस्तेमाल किया गया है. गाय के गोबर को खाद के रूप में प्रयोग करने के लिए किसानों को दिया है. इससे जमीन की उर्वरता क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा गोमूत्र गोवंश से प्राप्त दूध, घी और दही को भी बेचने का काम किया जा रहा है.
दीपावली के पावन मौके पर गोवंश के पंचगव्य से तैयार दीपक धूप अगरबत्ती को आमजन में वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत 50,000 दीपक बनाने में शिव नंदी शाला की कमेटी जुटी हुई है.
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शिव नंदी शाला के संचालक धर्मपाल सैनी ने बताया कि इस प्रयोग से प्राप्त आय को 2000 को पशुओं के चारे उपचार और रख रखाव पर खर्च किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सामान को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए समिति द्वारा स्टॉल लगाई जाएगी. जिसमें 2 रुपये प्रति दीपक और 5 रुपये प्रति धूप, अगरबत्ती और हवन टिक्की दी जाएगी.