फतेहाबाद: रात को शहरभर में लोगों के पास मोबाइल पर हजारों से लेकर लाखों रुपये तक के डेवेलपमेंट टैक्स भरने के मैसेज आने के बाद लोगों में हड़कंप मच गया. सुबह होते ही लोग नगर परिषद कार्यालय पहुंचे और हंगामा शुरू हो गया. लोगों का कहना है कि टैक्स भरने के बावजूद किसी के पास हजारों तो किसी के पास लाखों रुपये तक के मैसेज आए हैं. लोगों ने कहा कि 10 फरवरी की आधी रात को लोगों को एसएमएस भेजकर डेवेलपमेंट चार्जिज के नाम पर उन्हें लाखों रुपये का कर्जदार घोषित कर दिया है.
नागरिक अधिकार मंच के संयोजक मोहन लाल नारंग ने कहा कि यह विकास शुल्क हरियाणा डेवेलपमेंट एंड रेगुलेशन ऑफ अर्बन एरिया एक्ट 1975 के सभी नियमों को ताक पर रखकर उन सभी भवनों, प्लाटों पर लगाया गया है जो नगर परिषद के अस्तित्व में आने से पहले पुरानी आबादियों, लाल डोरे में या नियमित कॉलोनियों में आते हैं. नगर परिषद ने यह विकास शुल्क उन लोगों पर भी थौप दिया है जिन्होंने अपने मकान, दुकान के नक्शे पास करवाकर इसकी एवज में विकास शुल्क भर चुके हैं.
यही नहीं, एसएमएस से भेजी गई इस सूचना में कूड़ा-कर्कट निपटान के पिछले तीन वर्षों के चार्जिज जोड़कर जले पर नमक छिड़कने का काम किया गया है. वहीं इस बारे में नगर परिषद में अब नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि जिन्होंने हाउस टैक्स भर दिए हैं, वे इस मैसेज को इग्नॉर कर दें. वहीं इस बारे में नगर परिषद ईओ ऋषिकेश चौधरी का कहना है कि जिन्होंने टैक्स भर दिया है, वे इस मैसेज को इग्नॉर करें.
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यह मैसेज नगर परिषद नहीं बल्कि हेड ऑफिस से भेजा गया है. जिसमें पिछला बकाया और डेवलपमेंट टैक्स, फायर सेफ्टी टैक्स आदि कई टैक्स शामिल हैं. नागरिक अधिकार मंच के सदस्यों ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि वह अपने तुगलकी फरमान को वापस ले अन्यथा जनता सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगी.
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