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फतेहाबाद में हॉरर किलिंग के मामले में 16 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा

फतेहाबाद कोर्ट ने हॉरर किलिंग के (fatehabad horror killing) एक मामले में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 16 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

fatehabad horror killing
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Published : Mar 22, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 5:45 PM IST

फतेहाबाद: जिले के गांव ढिंगसरा के बहुचर्चित हॉरर किलिंग मामले में सभी 16 दोषियों को मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत (Fatehabad court) ने आजीवन कारावास की कैद व 16 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषियों को आईपीसी की धारा 120बी व 5000 रुपये जुर्माना, 302 में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 148 में 3 साल, धारा 285 में 6 माह की कैद, धारा 452 में 7 साल कैद व 2 हजार का जुर्माना, धारा 364 में 10 साल कैद व 2000 रुपये जुर्माना तथा धारा 201 के तहत 3 साल कैद व 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

इस मामले में एक आरोपी श्रीराम की कोर्ट में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है. गांव डोबी के धर्मबीर ने साल 2018 में शीशवाल गांव में मामा के घर रह रही सुनीता के साथ अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था. इससे गुस्साए सुनीता के परिजनों, रिश्तेदारों ने धर्मबीर की तड़पा-तड़पा कर बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी. सभी दोषियों को कोर्ट ने 16 मार्च को दोषी करार दिया था. हिसार के डोबी गांव का रहने वाला धर्मबीर प्राइवेट बस पर ड्राइवर था. वहीं गांव मंगाली की सुनीता अपने मामा के घर हिसार के गांव शीशवाल में रहती थी. वह बस से आदमपुर पढ़ने जाती थी.

धर्मबीर-सुनीता का प्यार यहीं से परवान चढ़ा. दोनों की जाति अलग-अलग थी और परिजन उनकी शादी को तैयार नहीं हुए. दोनों ने मार्च 2018 में घर से भाग कर सिरसा के छत्तरपट्टी मंदिर में लव मैरिज कर ली. सिरसा कोर्ट में दोनों ने सुरक्षा मांगी तो उनको सेफ हाउस भेज दिया गया. सुनीता की शादी से उसके परिजन भड़के हुए थे. कुछ दिन सेफ हाउस में रहने के बाद धर्मबीर अपने मामा के पास ढिंगसरा चला गया. 1 जून 2018 को युवती के परिजन ढिंगसरा गांव पहुंचे और वहां पर हवाई फायर कर धर्मबीर और सुनीता का अपहरण कर लिया.

ये भी पढ़ें- हिसार में ढाई साल के बच्चे की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

इसके बाद धर्मबीर के मामा ने पुलिस में शिकायत दी थी. पुलिस ने युवती को शीशवाल से बरामद किया था, लेकिन युवक का कहीं कोई अता-पता नहीं चला था. पुलिस ने बाद में मामले का खुलासा किया था, जिसमें पता चला था कि दोषी धर्मबीर को गांव शीशवाल में ट्यूबवेल पर ले गए और यहां पर रबड़ के पट्टों व डंडों से पीट-पीटकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी. बाद में धर्मबीर का शव राजस्थान के भादरा से सिद्धमुख नहर से बरामद हुआ था.

भट्टूकलां पुलिस थाना में 1 जून 2018 को ढिंगसरा निवासी रायसिंह की शिकायत पर उसके भांजे धर्मबीर की हत्या के आरोप में सुंदरलाल, शेर सिंह, बलवान, विक्रम, भंवर सिंह उर्फ भंवरा, बलराज सिंह, नेकीराम, रवि, धर्मपाल उर्फ जागर, रवि, दलबीर, सुरजीत, श्रीराम, साहबराम, वेदप्रकाश, वीरूराम, विनोद कुमार, बलबीर सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 146, 149, 285, 364, 452, 302, 201, 120बी व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. इन 17 आरोपियों में से श्रीराम की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो गई.

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फतेहाबाद: जिले के गांव ढिंगसरा के बहुचर्चित हॉरर किलिंग मामले में सभी 16 दोषियों को मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत (Fatehabad court) ने आजीवन कारावास की कैद व 16 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषियों को आईपीसी की धारा 120बी व 5000 रुपये जुर्माना, 302 में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 148 में 3 साल, धारा 285 में 6 माह की कैद, धारा 452 में 7 साल कैद व 2 हजार का जुर्माना, धारा 364 में 10 साल कैद व 2000 रुपये जुर्माना तथा धारा 201 के तहत 3 साल कैद व 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

इस मामले में एक आरोपी श्रीराम की कोर्ट में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है. गांव डोबी के धर्मबीर ने साल 2018 में शीशवाल गांव में मामा के घर रह रही सुनीता के साथ अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था. इससे गुस्साए सुनीता के परिजनों, रिश्तेदारों ने धर्मबीर की तड़पा-तड़पा कर बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी. सभी दोषियों को कोर्ट ने 16 मार्च को दोषी करार दिया था. हिसार के डोबी गांव का रहने वाला धर्मबीर प्राइवेट बस पर ड्राइवर था. वहीं गांव मंगाली की सुनीता अपने मामा के घर हिसार के गांव शीशवाल में रहती थी. वह बस से आदमपुर पढ़ने जाती थी.

धर्मबीर-सुनीता का प्यार यहीं से परवान चढ़ा. दोनों की जाति अलग-अलग थी और परिजन उनकी शादी को तैयार नहीं हुए. दोनों ने मार्च 2018 में घर से भाग कर सिरसा के छत्तरपट्टी मंदिर में लव मैरिज कर ली. सिरसा कोर्ट में दोनों ने सुरक्षा मांगी तो उनको सेफ हाउस भेज दिया गया. सुनीता की शादी से उसके परिजन भड़के हुए थे. कुछ दिन सेफ हाउस में रहने के बाद धर्मबीर अपने मामा के पास ढिंगसरा चला गया. 1 जून 2018 को युवती के परिजन ढिंगसरा गांव पहुंचे और वहां पर हवाई फायर कर धर्मबीर और सुनीता का अपहरण कर लिया.

ये भी पढ़ें- हिसार में ढाई साल के बच्चे की हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

इसके बाद धर्मबीर के मामा ने पुलिस में शिकायत दी थी. पुलिस ने युवती को शीशवाल से बरामद किया था, लेकिन युवक का कहीं कोई अता-पता नहीं चला था. पुलिस ने बाद में मामले का खुलासा किया था, जिसमें पता चला था कि दोषी धर्मबीर को गांव शीशवाल में ट्यूबवेल पर ले गए और यहां पर रबड़ के पट्टों व डंडों से पीट-पीटकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी. बाद में धर्मबीर का शव राजस्थान के भादरा से सिद्धमुख नहर से बरामद हुआ था.

भट्टूकलां पुलिस थाना में 1 जून 2018 को ढिंगसरा निवासी रायसिंह की शिकायत पर उसके भांजे धर्मबीर की हत्या के आरोप में सुंदरलाल, शेर सिंह, बलवान, विक्रम, भंवर सिंह उर्फ भंवरा, बलराज सिंह, नेकीराम, रवि, धर्मपाल उर्फ जागर, रवि, दलबीर, सुरजीत, श्रीराम, साहबराम, वेदप्रकाश, वीरूराम, विनोद कुमार, बलबीर सिंह के खिलाफ भादंसं की धारा 146, 149, 285, 364, 452, 302, 201, 120बी व आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. इन 17 आरोपियों में से श्रीराम की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो गई.

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Last Updated : Mar 22, 2022, 5:45 PM IST
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