फतेहाबाद: विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. लघु सचिवालय फतेहाबाद में भारतीय किसान यूनियन खेती बचाव ने किसानों की जमीन अधिग्रहण के मामले में मुख्यमंत्री के पुतले का दहन किया है. किसानों का कहना कि जमीन अधिग्रहण को लेकर नए कानून का वो विरोध करते हैं. किसानों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 18 फरवरी को पलवल में किसान मोर्चा की बड़ी मीटिंग करके आंदोलन को तेज किया जाएगा.
बता दें कि लघु सचिवालय फतेहाबाद के बाहर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन खेती बचाव की ओर से भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पुतला दहन किया गया. भारतीय किसान यूनियन खेती बचाव के प्रधान जरनैल सिंह मलवाला ने बताया कि सरकार ने जो जमीन अधिग्रहण को लेकर नया नियम बनाया है, उसका किसान विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि किसान को कलेक्ट्रेट से दी गई जमीन की कीमत को दोगुना करके दे, क्योंकि कलेक्ट्रेट की कीमत बहुत कम है.
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किसानों का कहना है कि कलेक्ट्रेट की ओर से दी गई कीमत से किसानों को कहीं ओर अपने आवास बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. वहीं, उन्होंने कहा कि किसान के कोर्ट जाने के रास्ते भी सरकार बंद रही है. किसान भूमि अधिग्रहण को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी नहीं खटखटा सकता. जिसका किसान यूनियन विरोध करती है. उन्होंने कहा कि 18 फरवरी को पलवल में संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होने जा रही है, जिसमें एमएसपी के साथ-साथ इस मुद्दे को भी उठाया जाएगा और आने वाले दिनों में इस आंदोलन को तेज किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक मांगें नहीं मानी जाती, हरियाणा में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.