फतेहाबाद: हरियाणा सरकार ने रतिया इलाके में 50 प्रतिशत जमीन पर धान बुआई पर रोक लगा दी है. जिसके विरोध में रतिया के किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को रतिया इलाके के 52 गावों में किसानों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया. किसानों ने गांवों के मुख्य चौराहों और बस स्टैंड पर काले झंडे लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
किसानों का कहना है कि अगर सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं लेती है, तो सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा. किसानों ने कहा कि सरकार के इस फैसले के विरोध में 25 मई को रतिया ब्लॉक के गांवों के किसान लघु सचिवालय में एकत्र होंगे और डीसी कार्यालत का घेराव करेंगे.
इस संबंध में किसान रमेश चौहान ने कहा कि उनकी जमीन घग्गर नदी के आसपास पड़ती है. जिसके कारण वहां की मिट्टी काफी चिकनी है. इस मिट्टी में धान के अलावा किसी भी फसल की बुआई नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मई महीने में यह निर्णय लागू कर दिया है. इसके चलते किसानों को किसी अन्य फसल की बुवाई का मौका भी नहीं मिल पाया है.
किसानों ने कहा कि उनका विरोध सरकार के इस फैसले के खिलाफ लगातार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि वो सरकार के अलावा किसी अन्य फसल की बुआई नहीं कर सकते हैं. किसानों ने कहा कि सरकार के इस तानाशाही फैसले के खिलाफ वो बड़ा आंदोलन करेंगे.
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने डार्क जोन को देखते हुए राज्य के कई इलाकों में धान की बुआई पर 50 प्रतिशत रोक लगा दी है. जिसमें फतेहाबाद का रतिया ब्लॉक भी शामिल है. रतिया के किसान सरकार के इसी फैसले का विरोध कर रहे हैं.
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