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प्रदेश में चक्का जाम का दिखा व्यापक असर, फतेहाबाद में किसानों ने किया हाईवे जाम

पूरे देश में कृषि अध्यादेश के खिलाफ किसान सड़कों पर हैं. हरियाणा में रविवार को किसानों ने चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज करवाया, जिसका व्यापक असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला. फतेहाबाद में भी किसानों ने सड़क जाम किया.

farmers did road jam in fatehabad
फतेहाबाद में किसानों ने किया हाइवे जाम
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Published : Sep 20, 2020, 4:32 PM IST

फतेहाबाद: लोकसभा में पास होने के बाद विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि से संबंधित बिल राज्यसभा से भी पास हो गए हैं, लेकिन इस बीच हरियाणा में किसानों ने चक्का जाम किया. फतेहाबाद में भी रविवार को किसानों और व्यापारियों ने नेशनल हाईवे नंबर नौ को जाम किया. इसके साथ ही लघु सचिवालय के सामने सड़क पर किसान और व्यापारियों ने बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

किसानों और व्यापारियों का कहना था कि जब तक सरकार कृषि बिल को वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसानों और व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि आने वाली 25 सितंबर को वो कृषि बिल के विरोध में भारत बंद रखेंगे. फतेहाबाद में व्यापार मंडल के प्रेस प्रवक्ता ने किसानों और व्यापारियों की ओर से संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि कृषि बिल का असर किसान व्यापारी ही नहीं बल्कि आम आदमी की रसोई पर भी पड़ने वाला है.

फतेहाबाद में किसानों ने किया हाइवे जाम

किसानों ने कहा कि बड़ी कंपनियां सब्जियों और अनाज का स्टॉक रख सकेगी, जिसके कारण उत्पाद महंगे होंगे. खाद पदार्थों के रेट बढ़ जाएंगे इसलिए सरकार को ये कृषि बिल वापस लेना चाहिए.

इस बीच रविवार को एक बार फिर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का इस विधेयक से कोई भी लेना-देना नहीं है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही थी और आने वाले समय में भी होगी. इसमें किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है. ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान से किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता होगी.

पढ़ें- राज्य सभा से कृषि सुधार बिल पास, सदन की कार्यवाही स्थगित

फतेहाबाद: लोकसभा में पास होने के बाद विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि से संबंधित बिल राज्यसभा से भी पास हो गए हैं, लेकिन इस बीच हरियाणा में किसानों ने चक्का जाम किया. फतेहाबाद में भी रविवार को किसानों और व्यापारियों ने नेशनल हाईवे नंबर नौ को जाम किया. इसके साथ ही लघु सचिवालय के सामने सड़क पर किसान और व्यापारियों ने बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

किसानों और व्यापारियों का कहना था कि जब तक सरकार कृषि बिल को वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसानों और व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि आने वाली 25 सितंबर को वो कृषि बिल के विरोध में भारत बंद रखेंगे. फतेहाबाद में व्यापार मंडल के प्रेस प्रवक्ता ने किसानों और व्यापारियों की ओर से संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि कृषि बिल का असर किसान व्यापारी ही नहीं बल्कि आम आदमी की रसोई पर भी पड़ने वाला है.

फतेहाबाद में किसानों ने किया हाइवे जाम

किसानों ने कहा कि बड़ी कंपनियां सब्जियों और अनाज का स्टॉक रख सकेगी, जिसके कारण उत्पाद महंगे होंगे. खाद पदार्थों के रेट बढ़ जाएंगे इसलिए सरकार को ये कृषि बिल वापस लेना चाहिए.

इस बीच रविवार को एक बार फिर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का इस विधेयक से कोई भी लेना-देना नहीं है. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही थी और आने वाले समय में भी होगी. इसमें किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है. ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. किसानों को अपनी फसल किसी भी स्थान से किसी भी स्थान पर मनचाही कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता होगी.

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