फतेहाबादः ये वो जिला है जहां पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे. और उस वक्त दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए सरकार और प्रशासन ने किसान को जिम्मेदार बताया था. जिसके बाद बहुत सारे किसानों ने सरकार द्वारा बताई गई हैप्पी सीडर मशीन से पराली का निस्तारण किया. लेकिन इस मशीन ने किसानों की फसल को इतना नुकसान पहुंचाया है कि गेहूं की पूरी फसल बर्बाद हो गई है.
हैप्पी सीडर ने बर्बाद की फसल- किसान
किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा बताई गई हैप्पी सीडर मशीन से उन्होंने पराली का निस्तारण किया था. जिसकी वजह से उनके खेतों में गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों का कहना है कि जिन खेतों में हैप्पी सीडर का इस्तेमाल हुआ है. उन्ही खेतों में कीड़ों(सुंडी) का प्रकोप है. जिन खेतों में पराली जलाई गई है उन खेतों में ये कीड़े नहीं हैं.
फसल का मुआवजा चाहते हैं किसान
किसानों का कहना है कि हमने सरकार के कहने पर इस प्रक्रिया से पराली का निस्तारण किया. जिसके बाद गेहूं की फसल बर्बाद हो गई. अब सरकार हमें इस फसल का मुआवजा दे. ताकि आगे किसान को दिक्कत न आए.
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कैसे काम करती है हैप्पी सीडर मशीन ?
हैप्पी सीडर मशीन धान की फसल कटने के बाद बचे अवशेषों को काटने के साथ-साथ उसी समय गेहूं की बुआई भी करती है. और पराली के अवशेषों को मिट्टी में दबा देती है. जो गलने के बाद खाद बन जाता है.
किसानों की मदद के लिए बनाए गए CHC सेंटर
सरकार ने किसानों की मदद के लिए सीएचसी सेंटर बनाए. इसी सीएसी से फतेहाबाद के किसानों ने हैप्पी सीडर मशीन ली और पराली के निस्तारण के साथ-साथ गेहूं की बिजाई भी की. लेकिन ये मशीन उनके लिए काल साबित हुई.