फतेहाबाद: पराली मामले को लेकर किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला दहन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सरकार को किसान विरोधी करार दिया.
सरकार को किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार किसानों को परेशान करना बंद नहीं किया और किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं हुए तो किसान सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे.
किसानों ने सरकार के सामने रखी मांगें
पराली जलाने के मामले को लेकर सरकार द्वारा किसानों पर केस दर्ज करने के विरोध में किसानों ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया. इस दौरान किसानों ने सरकार के सामने अपनी मांगे रखी.
किसानों ने कहा कि पराली निस्तारण के लिए सरकार कदम उठाए और धान का न्यूनतम समर्थन मुल्य बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि पराली निस्तारण के उपाय करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए उल्टे किसानों पर ही अपराधिक मुकदमे दर्ज कर दिए.
इस मामले में किसान संघर्ष समिति के सह संयोजक मनदीप सिंह ने कहा कि इस समय किसानों पर पराली जलाने के मामले में केस दर्ज किए जा रहे हैं जो कि सरासर गलत है. मनदीप सिंह ने सरकार से मांग की कि पराली निस्तारण के लिए सरकार कोई कदम उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों पर अपराधिक मुकदमें दर्ज कर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रही है.
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किसान विरोधी है सरकार
किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार किसान विरोधी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की फसलों की खरीद बंद कर दी है जिसके कारण किसानों की फसलें अभी तक मंडियों में पड़ी हुई है. किसानों ने कहा कि सरकार ने उत्तर प्रदेश से धान की खरीद करके अपने कोटे को भर लिया है और हरियाणा के किसानों को बिचौलियों के भरोसे छोड़ दिया है.
इस संबंध में किसान संघर्ष समिति के सह संयोजक मनदीप सिंह ने कहा कि धान की रेट कम होने की वजह से किसान परेशान हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि धान के फसल की ऊंचे मुल्य पर खरीदारी की जाए और बंद पड़े भुना शुगर मिल को चलाया जाए.