फतेहाबाद: ट्रेड यूनियनों एवं कर्मचारी फेडरेशनों के आह्वान पर गुरुवार को कर्मचारियों, मजदूरों और परियोजना वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर फतेहाबाद डीसी कार्यालय पर महापड़ाव डाला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और रोष जताया. उन्होंने अपनी मांगों से संबंधित प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा.
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कर्मचारी यूनियनों ने 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपते हुए चेतावनी दी कि अगर राज्य और केंद्र के द्वारा जल्द ही उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं किया गया तो देशव्यापी आंदोलन में ट्रेड यूनियन बढ़ चढ़कर भाग लेगा. गुरुवार को डीसी कार्यालय के बाहर हुए इस प्रदर्शन में 10 ट्रेड यूनियन के कर्मचारियों ने भाग लिया. ट्रेड यूनियन इस मामले में अब 3 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ी रैली करेगा. इस रैली में ट्रेड यूनियन के द्वारा आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी.
कर्मचारी नेता बॉक्सिंग भडोलावाली ने कहा कि आज 10 ट्रेड यूनियनों के द्वारा फतेहाबाद लघु सचिवालय पर महापड़ाव डाला गया है. उन्होंने कहा कि 13 सूत्रीय मांगपत्र प्रधानमंत्री के नाम जिला प्रशासन को सौंपा गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कर्मचारियों की मांग जल्द पूरी नहीं होती तो 3 नवंबर को दिल्ली में ट्रेड यूनियनों की एक बड़ी रैली होगी और आगामी आंदोलन की घोषणा की जायेगी. इस रैली में फतेहाबाद के कर्मचारी भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे.
मजदूरों की प्रमुख मांगें:
- मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड रद्द कर श्रम कानूनों की सख्ती से पालना करवाई जाए।
- बढ़ती महंगाई के अनुसार न्यूनतम वेतन 26000/रुपए मासिक लागू हो.
- सार्वजनिक एवं सरकारी क्षेत्र के निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
- परियोजना कर्मियों सहित सभी विभागों के सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए.
- बेरोजगारों को रोजगार तथा सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों पर तुरंत स्थाई भर्ती की जाए.
- ठेका प्रथा बंद हो. कौशल रोजगार निगम को भंग कर समान काम समान वेतन लागू किया जाये.
- मनरेगा में 200 दिन का काम और 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए.
- नई पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए.
- निर्माण श्रमिक समेत अन्य श्रमिक बोर्डों के तहत पंजीकरण व अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
- महंगाई पर रोक लगाई जाए. सार्वजनिक वितरण प्रणाली बहाल की जाए और सभी आवश्यक खाद्य वस्तुओं को राशन डिपो के माध्यम से सस्ती दरों पर देने का प्रबंध हो.
- सभी श्रमिक एवं जरूरतमंदों के लिए गांव या शहर में आवास की गारंटी दी जाए.
- नई शिक्षा नीति 2020, बिजली बिल 2023 को वापस लिया जाए.
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