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फतेहाबाद: 5 सालों में आधी रह गई रोडवेज बसों की संख्या, संयुक्त कर्मचारी यूनियन ने जताया रोष

यूनियन के कहा कि निजी बसों की संख्या काफी रफ्तार से बढ़ी हैं. जिसको लेकर उनके द्वारा समय-समय पर आवाज उठाई जाती रही है, इसके लिए आम जनता को भी कर्मचारियों के साथ आना होगा.

Roadways Employees protested tohana
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Published : Feb 15, 2021, 8:31 AM IST

फतेहाबाद: हरियाणा में रोडवेज विभाग में निजीकरण के चलते सरकारी बसों की संख्या तेजी से घटी है. जिसको लेकर हरियाणा रोडवेज में कार्यरत यूनियन लगातार विरोध जता रही हैं. उनका कहना है कि इसका प्रभाव जनता पर नकारात्मक रूप से पड़ेगा, जिससे सफर महंगा होगा. रोडवेज कर्मचारी यूनियन की मानें तो पिछले पांच वर्ष में सरकारी बसों की संख्या घटकर आधी रह गई हैं.

यूनियन के कहा कि निजी बसों की संख्या काफी रफ्तार से बढ़ी हैं. जिसको लेकर उनके द्वारा समय-समय पर आवाज उठाई जाती रही है, इसके लिए आम जनता को भी कर्मचारियों के साथ आना होगा. जिससे निजीकरण की रफ्तार को रोका जा सके. जनता पर इसके पड़ रहे दुष्प्रभाव से भी बचा जा सके.

5 सालों में आधी रह गई रोडवेज बसों की संख्या

इसको लेकर हरियाणा रोडवेज टोहाना के कर्मचारियों ने बैठक करते हुए अपना रोष जताया, सरकार से मांग भी की हरियाणा रोडवेज में सरकारी बसों की संख्या को बढ़ाया जा सके. इसके बारे में जानकारी देते हुए कुलदीप कन्हडी प्रधान सयुंकत कर्मचारी रोडवेज यूनियन टोहाना ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में सरकारी बसों की संख्या लगातार घटी हैं. विभिन्न रुट पर निजी बसों की संख्या बढ़ती जा रही हैं.

ये भी पढ़ें- जेपी दलाल के विवादित बयान पर हरियाणा में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन

पांच वर्ष पहले टोहाना रोडवेज के बेड़े में 50 से ऊपर रोडवेज बसें थी जो अब घट कर 35-36 रह गई हैं. प्रदेश के निजीकरण का प्रभाव प्रत्येक जिले की सरकारी बसों की संख्या पर पडा हैं. उन्होंने कहा कि इसको लेकर रोडवेज कर्मचारी समय समय पर आवाज उठाते रहे हैं. प्रदेश सरकार के द्वारा रोडवेज के प्रति यह उदासीन रवैया आने वाले समय में आम जनता पर भारी पड़ेगा. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की हरियाणा रोडवेज में सरकारी बसों की संख्या को बढ़ाया जाए.

फतेहाबाद: हरियाणा में रोडवेज विभाग में निजीकरण के चलते सरकारी बसों की संख्या तेजी से घटी है. जिसको लेकर हरियाणा रोडवेज में कार्यरत यूनियन लगातार विरोध जता रही हैं. उनका कहना है कि इसका प्रभाव जनता पर नकारात्मक रूप से पड़ेगा, जिससे सफर महंगा होगा. रोडवेज कर्मचारी यूनियन की मानें तो पिछले पांच वर्ष में सरकारी बसों की संख्या घटकर आधी रह गई हैं.

यूनियन के कहा कि निजी बसों की संख्या काफी रफ्तार से बढ़ी हैं. जिसको लेकर उनके द्वारा समय-समय पर आवाज उठाई जाती रही है, इसके लिए आम जनता को भी कर्मचारियों के साथ आना होगा. जिससे निजीकरण की रफ्तार को रोका जा सके. जनता पर इसके पड़ रहे दुष्प्रभाव से भी बचा जा सके.

5 सालों में आधी रह गई रोडवेज बसों की संख्या

इसको लेकर हरियाणा रोडवेज टोहाना के कर्मचारियों ने बैठक करते हुए अपना रोष जताया, सरकार से मांग भी की हरियाणा रोडवेज में सरकारी बसों की संख्या को बढ़ाया जा सके. इसके बारे में जानकारी देते हुए कुलदीप कन्हडी प्रधान सयुंकत कर्मचारी रोडवेज यूनियन टोहाना ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में सरकारी बसों की संख्या लगातार घटी हैं. विभिन्न रुट पर निजी बसों की संख्या बढ़ती जा रही हैं.

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पांच वर्ष पहले टोहाना रोडवेज के बेड़े में 50 से ऊपर रोडवेज बसें थी जो अब घट कर 35-36 रह गई हैं. प्रदेश के निजीकरण का प्रभाव प्रत्येक जिले की सरकारी बसों की संख्या पर पडा हैं. उन्होंने कहा कि इसको लेकर रोडवेज कर्मचारी समय समय पर आवाज उठाते रहे हैं. प्रदेश सरकार के द्वारा रोडवेज के प्रति यह उदासीन रवैया आने वाले समय में आम जनता पर भारी पड़ेगा. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की हरियाणा रोडवेज में सरकारी बसों की संख्या को बढ़ाया जाए.

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