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नशे पर राजनीतिक रोटियां सेक रही पार्टियां, जिंदगियां छीन रहा चिट्टा, रिपोर्ट

फतेहाबाद जिले में बढ़ रहे नशे को लेकर सिर्फ राजनीति हो रही है लेकिन असल हालात कुछ और ही हैं. पिछले कुछ सालों का आंकड़ा उठा कर देखें तो लगातार नशे के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.

Drug addiction is a big problem in Fatehabad
Drug addiction is a big problem in Fatehabad
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Published : Nov 26, 2019, 10:30 AM IST

Updated : Nov 26, 2019, 10:45 AM IST

फतेहाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव में नशा के मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई. विपक्ष ने नशे के मुद्दे को सरकार के खिलाफ हथियार बनाकर प्रचार किया, शायद यही वजह है कि सरकार अब नशे को एजेंडा बनाकर काम करने की सोच रही है, लेकिन सच्चाई तो ये है कि पंजाब से सटे राज्यों में स्थिति गंभीर होती जा रही है. ये बात हम नहीं. बल्कि स्थानीय लोग कह रहे हैं

'फतेहाबाद, सिरसा को स्पेशल जोन घोषित किया जाए'

लोगों और सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि फतेहाबाद और सिरसा को स्पेशल जोन घोषित किया जाना चाहिए. जब तक सरकार दोनों जिलों को स्पेशल जोन घोषित नहीं करेगी. तब तक नशे पर रोक लगाना नामुमकिन है.

रोजाना 5 से 10 ग्राम हेरोइन पकड़ रही है पुलिस!

लापरवाह प्रशासन और बेपरवाह पुलिस, इसी का खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है. पुलिस का दावा है कि महीने में औसतन पुलिस ने 5 से 10 ग्राम हेरोइन के साथ तस्करों को रोजाना पकड़ रही है, लेकिन अभी भी बड़ी मछलियां पुलिस के रडार से कोसो दूर है.

फतेहाबाद में बढ़ता नशा, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें-फतेहाबाद में एक के बाद एक जिंदगी छीन रहा नशा, लगातार लोग हो रहे शिकार, रिपोर्ट

हरियाणा में नशा तेजी से फैल रहा है

फतेहाबाद में चिट्टे का नशा ज्यादा तेजी से फैल रहा है. कुछ लोग इसे चिट्टा बोलते हैं और कुछ हेरोइन, लेकिन बात एक ही है. हेरोइन की डिमांड फतेहाबाद में इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब इसमें भी नकली हेरोइन आने लगी है. फिलहाल रोकथाम के नाम पर बस दावे किए गए हैं.

कुछ ऐसे हैं नशे के आंकडे़

साल नए मरीज पुराने मरीज
2005 266 444
2006 243 377
2007 188 260
2008 330 225
2009 335 238
2010 312 463
2011 428 414
2012 704 799
2013 895 1601
2014 1038 1609
2015 1440 1950
2016 500 400

नोट : ये आंकड़े पीजीआई के नशा मुक्ति केंद्र के हैं. साल 2016 के आंकड़े अप्रैल महीने प्रथम सप्ताह तक के हैं.

इन पदार्थों का होता है अधिक इस्तेमाल

पदार्थ नए मरीज पुराने मरीज
नशीले पदार्थ 826 445
अल्कोहल 742 1043
भांग आदि पदार्थ 80 129
तंबाकू 103 29

नोट : ये आंकड़े साल 2015 के हैं. इनके अलावा अन्य प्रकार का भी नशा लोग करते हैं.

फतेहाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव में नशा के मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई. विपक्ष ने नशे के मुद्दे को सरकार के खिलाफ हथियार बनाकर प्रचार किया, शायद यही वजह है कि सरकार अब नशे को एजेंडा बनाकर काम करने की सोच रही है, लेकिन सच्चाई तो ये है कि पंजाब से सटे राज्यों में स्थिति गंभीर होती जा रही है. ये बात हम नहीं. बल्कि स्थानीय लोग कह रहे हैं

'फतेहाबाद, सिरसा को स्पेशल जोन घोषित किया जाए'

लोगों और सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि फतेहाबाद और सिरसा को स्पेशल जोन घोषित किया जाना चाहिए. जब तक सरकार दोनों जिलों को स्पेशल जोन घोषित नहीं करेगी. तब तक नशे पर रोक लगाना नामुमकिन है.

रोजाना 5 से 10 ग्राम हेरोइन पकड़ रही है पुलिस!

लापरवाह प्रशासन और बेपरवाह पुलिस, इसी का खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है. पुलिस का दावा है कि महीने में औसतन पुलिस ने 5 से 10 ग्राम हेरोइन के साथ तस्करों को रोजाना पकड़ रही है, लेकिन अभी भी बड़ी मछलियां पुलिस के रडार से कोसो दूर है.

फतेहाबाद में बढ़ता नशा, देखें वीडियो

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हरियाणा में नशा तेजी से फैल रहा है

फतेहाबाद में चिट्टे का नशा ज्यादा तेजी से फैल रहा है. कुछ लोग इसे चिट्टा बोलते हैं और कुछ हेरोइन, लेकिन बात एक ही है. हेरोइन की डिमांड फतेहाबाद में इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब इसमें भी नकली हेरोइन आने लगी है. फिलहाल रोकथाम के नाम पर बस दावे किए गए हैं.

कुछ ऐसे हैं नशे के आंकडे़

साल नए मरीज पुराने मरीज
2005 266 444
2006 243 377
2007 188 260
2008 330 225
2009 335 238
2010 312 463
2011 428 414
2012 704 799
2013 895 1601
2014 1038 1609
2015 1440 1950
2016 500 400

नोट : ये आंकड़े पीजीआई के नशा मुक्ति केंद्र के हैं. साल 2016 के आंकड़े अप्रैल महीने प्रथम सप्ताह तक के हैं.

इन पदार्थों का होता है अधिक इस्तेमाल

पदार्थ नए मरीज पुराने मरीज
नशीले पदार्थ 826 445
अल्कोहल 742 1043
भांग आदि पदार्थ 80 129
तंबाकू 103 29

नोट : ये आंकड़े साल 2015 के हैं. इनके अलावा अन्य प्रकार का भी नशा लोग करते हैं.

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फतेहाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव में नशा के मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई. विपक्ष ने नशे के मुद्दे को सरकार के खिलाफ हथियार बनाकर प्रचार किया, शायद यही वजह है कि सरकार अब नशे को एजेंडा बनाकर काम करने की सोच रही है, लेकिन सच्चाई तो ये है कि पंजाब से सटे राज्यों में स्थिति गंभीर होती जा रही है. ये बात हम नहीं. बल्कि स्थानीय लोग कह रहे हैं



'फतेहाबाद, सिरसा को स्पेशल जोन घोषित किया जाए'

लोगों और सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि फतेहाबाद और सिरसा को स्पेशल जोन घोषित किया जाना चाहिए. जब तक सरकार दोनों जिलों को स्पेशल जोन घोषित नहीं करेगी. तब तक नशे पर रोक लगाना नामुमकिन है.



रोजाना 5 से 10 ग्राम हेरोइन पकड़ रही है पुलिस!

लापरवाह प्रशासन और बेपरवाह पुलिस, इसी का खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ रहा है. पुलिस का दावा है कि महीने में औसतन पुलिस ने 5 से 10 ग्राम हेरोइन के साथ तस्करों को रोजाना पकड़ रही है, लेकिन अभी भी बड़ी मछलियां पुलिस के रडार से कोसो दूर है.



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हरियाणा में नशा तेजी से फैल रहा है

फतेहाबाद में चिट्टे का नशा ज्यादा तेजी से फैल रहा है. कुछ लोग इसे चिट्टा बोलते हैं और कुछ हेरोइन, लेकिन बात एक ही है.  हेरोइन की डिमांड फतेहाबाद में इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब इसमें भी नकली हेरोइन आने लगी है. फिलहाल रोकथाम के नाम पर बस दावे किए गए हैं.



कुछ ऐसे हैं नशे के आंकडे़ 




         
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
         
सालनए मरीजपुराने मरीज
2005266444
2006243377
2007188260
2008330225
2009335238
2010312463
2011428414
2012704799
20138951601
201410381609
201514401950
2016500400


नोट : ये आंकड़े पीजीआई के नशा मुक्ति केंद्र के हैं. साल 2016 के आंकड़े अप्रैल महीने प्रथम सप्ताह तक के हैं.



इन पदार्थों का होता है अधिक इस्तेमाल 




         
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
                  
                           
                           
                           
                  
         
पदार्थनए मरीजपुराने मरीज
नशीले पदार्थ826445
अल्कोहल 7421043
भांग आदि पदार्थ80129
तंबाकू10329


नोट : ये आंकड़े साल 2015 के हैं. इनके अलावा अन्य प्रकार का भी नशा लोग करते हैं. 



 


Conclusion:
Last Updated : Nov 26, 2019, 10:45 AM IST
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