फतेहाबाद: मध्य प्रदेश में दो बच्चों की निर्मम हत्या के विरोध में टोहाना के लोगों में काफी रोष है. जिसको लेकर उन्होंने कैंडल मार्च निकाला. इस कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियां शामिल हुए हैं. वही सभी युवाओं ने सख्त कदम उठाने की मांग की.
टोहाना में आयोजित किए गए कैंडल रोष मार्च में आई लड़कियों का कहना था कि बच्चियां देश में सुरक्षित नहीं है. इस रोष मार्च में देर शाम जहां आम नागरिक देखे गए, वहीं लड़कियां की भारी संख्या भी इस विरोध प्रदर्शन में नजर आई. इस कैंडल मार्च का आयोजन शहर की सामाजिक संस्थाओं की ओर से किया गया था.
कब होगी देश में सुरक्षित बेटियां ?
ये प्रदर्शन टोहाना के डॉ.भीमराव अंबेडकर चौक से शुरू होकर शहर के मुख्य बाजारों से होता हुआ दोबारा डॉ.भीमराव अंबेडकर चौक पर आकर समाप्त हुआ. इस मौके पर प्रदर्शन में शामिल बच्चियों ने बताया कि आज देश में बेटी बचाओ अभियान तो सरकार चला रही है, लेकिन बेटियां देश में सुरक्षित नहीं है. जिसका उदाहरण ये मध्य प्रदेश की घटना है. जिसमें सिर्फ उनको इसलिए पीट-पीट कर मार दिया गया क्योंकि वो किसी के खेत में शौच के लिए गई थी. उन्होनें रोष मार्च निकाल कर अपील की है कि दोषियों को फांसी की सजा देने के साथ-साथ आगे के लिए ठोस कदम उठाए जाए ताकि फिर ऐसी घटनाएं आगे ना हो.
क्या था मामला?
मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित भावखेड़ी गांव में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां कथित रूप से दो दलित बच्चों की खुले में शौच करने के लिए एक मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 12 साल की रोशनी और 10 साल के अविनाश नाम के बच्चे को गंभीर चोटे आईं, जिसके तुरंत बाद जब उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
ये भी पढे़- पलवल: 12वीं के छात्र ने रची किडनैपिंग की साजिश, पिता से मांगी 50 लाख की फिरौती