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अनोखी शादी: घोड़ी पर सवार होकर चली दुल्हन, भेदभाव ना करने का दिया संदेश

फतेहाबाद में अनोखी शादी का नजारा देखने को मिला, जहां शादी के बंधन में बंधने से पहले लड़की की घुड़चढ़ी हुई. समाज में लड़का-लड़की में भेदभाव के खिलाफ संदेश देने के लिए लड़की के माता-पिता ने दुल्हन की घुड़चढ़ी करवाने की ठानी. जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई और लोगों द्वारा इसकी जमकर सराहना भी की जा रही है.

bride rode mare in fatehabad
bride rode mare in fatehabad
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Published : Apr 23, 2022, 5:38 PM IST

फतेहाबाद: आमतौर पर शादी के वक्त हम लोग देखते हैं कि दूल्हा घोड़ी पर चढ़ता है. वहीं फतेहाबाद के जंडी मोहल्ला में नई परंपरा के तहत दुल्हन को घोड़ी पर चढ़ाकर उसका बनौरा निकाला गया. डीजे के साथ नाचते गाते उनके परिजन बनौरा निकाल रहे थे और लोगों ने इस नई परंपरा की जमकर तारीफ की. मिली जानकारी के अनुसार, जंडी मौहल्ला निवासी प्रेमा देवी व हंसराज की बेटी शालू का विवाह 25 अप्रैल को सादुलपुर निवासी राजेश के साथ तय हुआ है.

शालू ग्रेजुएट है और उसके विवाह को लेकर बनौरे की रस्म के तहत शालू के मौसा मदनलाल डिगवाल ने अपने घर में कार्यक्रम आयोजित किया. इससे पहले शालू को घोड़ी पर बैठाया गया, तो मोहल्लावासियों व उनके रिश्तेदारों ने तालियां बजाकर इस परंपरा का स्वागत किया. इसके बाद डीजे पर नाचते हुए लोग उसे मदनलाल डिगवाल के घर ले गए, जहां आए हुए सभी अतिथियों को भोजन दिया गया. शालू ने बताया कि उसके माता-पिता ने ये कदम उठाकर समाज को बड़ा संदेश दिया है कि आज बेटा व बेटियों में कोई फर्क नहीं है. उसे अपने माता पिता पर गर्व है.

bride rode mare in fatehabad
घोड़ी पर सवार होकर चली दुल्हन

ये भी पढ़ें- अंबाला में अनोखी शादी: घोड़ी पर सवार होकर चली दुल्हन, भेदभाव ना करने का दिया संदेश

शालू के पिता हंसराज व माता प्रेमा देवी ने कहा कि उन्होंने कभी भी बेटा व बेटियों में कोई फर्क नहीं समझा. उन्होंने शालू को पढ़ाया लिखाया और शादी के समय भी यह एहसास दिलाया है कि उनकी बेटी बेटों से कम नहीं है. दंपति ने बताया कि उनकी तीन बेटियां व एक बेटा है और वह सभी को एक समान मानते हैं. लोगों को कभी भी बेटा व बेटी में कोई फर्म नहीं समझना चाहिए. बेटियों को बेटों की तरह की खूब पढ़ाना व लिखाना चाहिए. आज हर क्षेत्र में बेटियां बड़ा मुकाम हासिल कर रही हैं.

फतेहाबाद: आमतौर पर शादी के वक्त हम लोग देखते हैं कि दूल्हा घोड़ी पर चढ़ता है. वहीं फतेहाबाद के जंडी मोहल्ला में नई परंपरा के तहत दुल्हन को घोड़ी पर चढ़ाकर उसका बनौरा निकाला गया. डीजे के साथ नाचते गाते उनके परिजन बनौरा निकाल रहे थे और लोगों ने इस नई परंपरा की जमकर तारीफ की. मिली जानकारी के अनुसार, जंडी मौहल्ला निवासी प्रेमा देवी व हंसराज की बेटी शालू का विवाह 25 अप्रैल को सादुलपुर निवासी राजेश के साथ तय हुआ है.

शालू ग्रेजुएट है और उसके विवाह को लेकर बनौरे की रस्म के तहत शालू के मौसा मदनलाल डिगवाल ने अपने घर में कार्यक्रम आयोजित किया. इससे पहले शालू को घोड़ी पर बैठाया गया, तो मोहल्लावासियों व उनके रिश्तेदारों ने तालियां बजाकर इस परंपरा का स्वागत किया. इसके बाद डीजे पर नाचते हुए लोग उसे मदनलाल डिगवाल के घर ले गए, जहां आए हुए सभी अतिथियों को भोजन दिया गया. शालू ने बताया कि उसके माता-पिता ने ये कदम उठाकर समाज को बड़ा संदेश दिया है कि आज बेटा व बेटियों में कोई फर्क नहीं है. उसे अपने माता पिता पर गर्व है.

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घोड़ी पर सवार होकर चली दुल्हन

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शालू के पिता हंसराज व माता प्रेमा देवी ने कहा कि उन्होंने कभी भी बेटा व बेटियों में कोई फर्क नहीं समझा. उन्होंने शालू को पढ़ाया लिखाया और शादी के समय भी यह एहसास दिलाया है कि उनकी बेटी बेटों से कम नहीं है. दंपति ने बताया कि उनकी तीन बेटियां व एक बेटा है और वह सभी को एक समान मानते हैं. लोगों को कभी भी बेटा व बेटी में कोई फर्म नहीं समझना चाहिए. बेटियों को बेटों की तरह की खूब पढ़ाना व लिखाना चाहिए. आज हर क्षेत्र में बेटियां बड़ा मुकाम हासिल कर रही हैं.

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