फरीदाबाद: नागरिकता संशोधन कानून के बनाए जाने के बाद जिस तरह से देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू-मुसलमान को लेकर आपसी भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. जिस तरह से कुछ राजनीतिक लोग इस भाईचारे को बिगाड़ कर अपनी राजनीति की रोटी सेकने में लगे हैं. वहीं फरीदाबाद के सूरजकुंड में तीन भाई ऐसे भी हैं जो मानवता का संदेश दे रहे हैं.
34वां सूरजकुंड मेला
ये तीनो भाई मुसलमान समुदाय से संबंध रखते हैं, लेकिन सूरजकुंड मेले में एक भाई कृष्ण का रूप धरकर तो दूसरा रावण का रूप धरकर वहीं तीसरा यमराज का रूप धर कर लोगों को मानवता का संदेश दे रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि उनका धर्म भले ही दूसरा हो लेकिन वे सब एक हैं.
उन्होंने कहा कि इस देश में हिंदू मुसलमान भाई-भाई हैं और सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है, लेकिन कुछ राजनीतिक लोग इस आपसी सद्भावना को बिगाड़ना चाहते हैं. नो अपने धर्म से ऊपर हटकर एक कलाकार भी हैं और एक कलाकार के लिए कोई धर्म कोई मजहब नहीं होता.
कई सालों से आ रहे सूरजकुंड मेले में
उन्होंने कहा कि जितना हमें हिंदू पसंद करते हैं. उतना ही मुसलमान भी पसंद करते हैं. जो लोग हमें पसंद नहीं करते वो हमारे पास नहीं आते. वे पिछले कई सालों से सूरजकुंड मेले में आ रहे हैं और तरह-तरह के रूप धर कर लोगों का मनोरंजन करते हैं.
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पूर्वज भी करते थे कला का प्रदर्शन
उनके पूर्वज भी इसी काम को किया करते थे. वे राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले हैं और देश के अलग-अलग हिस्सो में अपनी कला दिखा चुके हैं. जो लोग नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं वे राजनीति के शिकार हैं.