फरीदाबाद/करनाल: आज पूरे हरियाणा में सब्जी मंडियों में सब्जी व्यापारियों, आढ़तियों की ओर से हड़ताल का ऐलान किया गया था. रात बारह बजे से सब्जी मंडी के गेट बंद कर दिये गए थे. बाजार में सब्जी नहीं मिलने के कारण सब्जी के दाम में वृद्धि देखी गयी. हड़ताल का असर आम लोगों के साथ-साथ किसानों और रेहड़ी वालों पर भी पड़ा. किसान अपनी फसल नहीं बेच पाये वहीं रेहड़ी वालों को बेचने के लिए सब्जी नहीं मिल पायी.
सब्जी हुई महंगी: सब्जी मंडी बंद होने के कारण मार्केट में आज सब्जी नहीं मिल रही है. जो सब्जी मिल रही है,उसकी कीमत ज्यादा है. करनाल की सब्जी मंडी में सब्जी लेने आए पवन कुमार के अनुसार वह हर रोज सब्जी लेने के लिए सब्जी मंडी में आते हैं जहां पर उनको ठीक भाव में सब्जी मिल जाती थी लेकिन आज सब्जी मंडी में हड़ताल होने की वजह से सब्जी मंडी के गेट के बाहर सड़क पर कुछ लोग सब्जी बेच रहे हैं .सब्जी कम होने की वजह से दाम भी चार गुना ज्यादा बढ़ गए हैं. ऐसे ही परेशानी फरीदाबाद के शिवम को भी उठानी पड़ी. शिवम ने बताया कि कल किसी कारणवश सब्जी नहीं ले पाया और आज जब मंडी पहुंचा हो तो देखा मंडी बंद है. एक-दो दुकान खुली हुई हैं, उनका रेट जो कल था आज उससे डबल है.
सब्जी विक्रेता राजपाल ने भी कहा कि आज महंगाई काफी ज्यादा है. कल हमने आलू 10 रुपये किलो बेचा था और आज आलू का रेट 15 रुपये किलो है, कल प्याज का रेट 15रुपये किलो था आज 30 रुपए किलो है, टमाटर 10 रुपये किलो था और आज 20 है, हरी मिर्च कल 10 रुपये पाव थी आज 20 रुपये पाव है.
छोटे किसान परेशान: छोटे किसान हर दिन अपने खेत से सब्जी तोड़ते हैं और मंडी में आ कर बेचते हैं. उनको भी आज परेशानी उठानी पड़ी. करनाल के किसान सीताराम ने बताया कि कुछ सब्जी ऐसी होती है जो रोज की रोज तोड़ी जाती है और बेची जाती है. अगर उनको अपने ही खेत में या अपने पास किसान रख ले तो उनकों नुकसान होता है. मशरूम और मटर जैसी कई सब्जियां हैं जिनको रोज के रोज तोड़ा जाता है और बेचा जाता है अगर उनको कुछ घंटे की देरी से भी तोड़ा जाए तो किसान को नुकसान होता है. कई किसान तो वापस चले गये तो कुछ मजबूरीवश सड़क पर ही सब्जी बेचते दिखे.
रेहड़ी वालों को परेशानी: रेहड़ी लगाने वाले करनाल के विनीत सैनी ने बताया कि पिछले करीब दो दशक से सब्जी बेचने का काम कर रहे हैं. सब्जी व्यापारियों से सब्जी लेकर आमलोगों को सब्जी बेचते हैं लेकिन सब्जी मिली नहीं जिसके चलते आज की रोजी-रोटी मर गई. वह रोज कमाने वाले और खाने वाले लोग हैं.
सब्जी व्यापारियों की मांग: करनाल के सब्जी मंडी में आढ़ती का काम करने वाले जगदीश ने कहा कि मार्केट फीस बढ़ा देने के चलते ही सब्जी व्यापारियों में गुस्सा है.जगदीश के अनुसार मंडी प्रशासन और सरकार की तरफ से ऐलान किया गया है कि सभी सब्जी व्यापारी मार्केट कमेटी की 1 साल की फीस एडवांस के साथ पिछले साल की फीस का 40% एक्स्ट्रा जमा करायें. सरकार के द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि मार्केट कमेटी सब्जी व्यापारियों से फीस हर साल 10% की बढ़ोतरी के साथ लेगी. उनकी मांग है कि सरकार बढ़ी हुई दर वापस ले.
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