फरीदाबाद: हरियाणा में भ्रष्टाचार के एक मामले में आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आईएएस धर्मेंद्र सिंह सोनीपत नगर निगम के कमिश्नर पद पर तैनात हैं. उनके ऊपर दिल्ली के रहने वाले ललित मित्तल ने एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि वो मिस्टर हर्ष चंद दासगुप्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक हैं. उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया कि फरीदाबाद नगर निगम में सरकारी ठेका दिलाने के एवज में उनसे जेके भाटिया, आरजी शर्मा और पंकज गर्ग नाम के व्यक्ति ने 1.1 1 करोड़ रुपए रिश्वत ली.
शिकायतकर्ता ललित मित्तल का आरोप है कि पैसा लेने के बाद आरोपियों ने उनसे कहा कि नगर निगम का सरकारी ठेका उन्हें ही दिलवाए जाएगा. उनकी अधिकारियों से सेटिंग है. जिसमें आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र सिंह का भी नाम लिया गया था. जब ललित मित्तल को ठेका नहीं मिला तब जाकर उन्होंने जून 2022 में एफआईआर दर्ज करवाई. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने एसीपी विष्णु प्रसाद के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया. एसआईटी पूरे मामले की जांच में जुट गई.
इसी सिलसिले में एसआईटी ने देर रात गुरुग्राम से आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया. जून 2022 में जब ये मामला दर्ज किया गया था, उस समय धर्मेंद्र सिंह फरीदाबाद नगर निगम में एडिशनल कमिश्नर थे. गिरफ्तार आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र सिंह सोनीपत नगर निगम के कमिश्नर भी रह चुके हैं और अभी हरियाणा भवन एडीशनल रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर तैनात थे. सोनीपत में भी उनके ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं. आरोप है कि उन्होंने 52 करोड़ के टेंडर की राशि बढ़ाकर 87 करोड़ कर दी. जिसमें से करोड़ों रुपये उनको रिश्वत के तौर पर दिया गया.
धर्मेंद्र सिंह को गिरफ्तार करने के बाद देर रात फरीदाबाद जिला नागरिक अस्पताल में उनका मेडिकल करवाया गया. गौरतलब है कि फरीदाबाद में भ्रष्टाचार का इस तरह का ये कोई पहला मामला नहीं है. नगर निगम फरीदाबाद में 200 करोड़ का घोटाला पहले भी सामने आ चुका है. जिसमें एंटी करप्शन ब्यूरो ने चीफ इंजीनियर समेत 1 ठेकेदार और कई लोगों को गिरफ्तार किया था. जबकि उस दौरान नगर निगम के आयुक्त रहे आईएएस अधिकारी समेत 3 अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है.
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