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कोरोना काल में दम तोड़ रही सरकारी एंबुलेंस सेवा, निजी चालक वसूल रहे मोटी रकम

फरीदाबाद में सरकारी एंबुलेंस की संख्या की कमी के चलते लोगों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है. समय पर एंबुलेंस ना मिलने से लोग निजी एंबुलेंस को पैसे देकर मरीजों को अस्पताल तक ला रहे हैं. ऐसे में गरीब लोगों के लिए सरकारी एंबुलेंस की सेवा बेहद मुश्किल होती जा रही है.

poor condition on government ambulance service in haryana
poor condition on government ambulance service in haryana
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Published : Aug 7, 2020, 9:30 PM IST

फरीदाबाद: करीब 23 लाख की आबादी वाले फरीदाबाद में सरकारी एंबुलेंस की सेवाएं दम तोड़ रही हैं. यहां के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बादशाह खान में आए दिन एंबुलेंस की कमी के चलते मरीजों की मौत हो रही है, लेकिन ना तो इससे हरियाणा सरकार को फर्क पड़ता है और ना ही फरीदाबाद प्रशासन को.

सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की काफी कमी है. ऐसे में सबसे ज्यादा फायदे में निजी एंबुलेंस संचालक हैं. कोरोना काल में वो इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों के बाहर खड़े निजी एंबुलेंस ड्राइवर मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं और तभी जाकर मरीज की जान बच पाती है.

फरीदाबाद में सिर्फ 19 सरकारी एंबुलेंस

दिल्ली से सटे फरीदाबाद जिले में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं. मरीजों को ना तो एंबुलेंस सेवा मिल पा रही है और ना ही अस्पताल में सही इलाज हो रहा है. फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल की बात करें तो इस समय अस्पताल में कुल 19 एंबुलेंस हैं. इनमें से 8 एंबुलेंस को कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने भी 75 नई एंबुलेंस की डिमांड सरकार के सामने रखी है, जिनका फिलहाल कोई अता-पता नहीं है.

कोरोना काल में दम तोड़ रही सरकारी एंबुलेंस सेवा, निजी चालक वसूल रहे मोटी रकम, देखिए ये रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें- गर्भवती महिला कर्मचारियों को हरियाणा सरकार ने दी राहत, वर्क फ्रॉम होम रहेगा जारी

फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग की मानें तो उनके पास जो एंबुलेंस हैं वो उनसे बेहतर काम कर रहे हैं और किसी को भी सरकारी सेवा के लिए परेशान होना नहीं पड़ रहा है. सिविल सर्जन रणदीप पुनिया का कहना है कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए उन्होंने प्राइवेट एंबुलेंस को भी हायर किया हुआ है और सरकार ने उनको छूट प्रदान की हुई है कि वो कितनी भी प्राइवेट एंबुलेंस हायर कर सकते हैं. हालांकि विभाग का दावा जमीनी हकीकत से परे है.

एंबुलेंस सेवा का बुरा हाल

जिस शहर को सरकार स्मार्ट सिटी बनाने की बात करती है. जिस शहर से हरियाणा सरकार को सबसे ज्यादा रेवेन्यू इकट्ठा होता है. उसी शहर की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत अब आपके सामने है. अगर अब कोरोना काल में भी फरीदाबाद में एंबुलेंस सेवा बेहतर नहीं की गई तो आगे स्थिति और भयावह होने वाली है.

फरीदाबाद: करीब 23 लाख की आबादी वाले फरीदाबाद में सरकारी एंबुलेंस की सेवाएं दम तोड़ रही हैं. यहां के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल बादशाह खान में आए दिन एंबुलेंस की कमी के चलते मरीजों की मौत हो रही है, लेकिन ना तो इससे हरियाणा सरकार को फर्क पड़ता है और ना ही फरीदाबाद प्रशासन को.

सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की काफी कमी है. ऐसे में सबसे ज्यादा फायदे में निजी एंबुलेंस संचालक हैं. कोरोना काल में वो इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों के बाहर खड़े निजी एंबुलेंस ड्राइवर मरीजों से मोटी रकम वसूलते हैं और तभी जाकर मरीज की जान बच पाती है.

फरीदाबाद में सिर्फ 19 सरकारी एंबुलेंस

दिल्ली से सटे फरीदाबाद जिले में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं. मरीजों को ना तो एंबुलेंस सेवा मिल पा रही है और ना ही अस्पताल में सही इलाज हो रहा है. फरीदाबाद के नागरिक अस्पताल की बात करें तो इस समय अस्पताल में कुल 19 एंबुलेंस हैं. इनमें से 8 एंबुलेंस को कोरोना के मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने भी 75 नई एंबुलेंस की डिमांड सरकार के सामने रखी है, जिनका फिलहाल कोई अता-पता नहीं है.

कोरोना काल में दम तोड़ रही सरकारी एंबुलेंस सेवा, निजी चालक वसूल रहे मोटी रकम, देखिए ये रिपोर्ट.

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फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग की मानें तो उनके पास जो एंबुलेंस हैं वो उनसे बेहतर काम कर रहे हैं और किसी को भी सरकारी सेवा के लिए परेशान होना नहीं पड़ रहा है. सिविल सर्जन रणदीप पुनिया का कहना है कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए उन्होंने प्राइवेट एंबुलेंस को भी हायर किया हुआ है और सरकार ने उनको छूट प्रदान की हुई है कि वो कितनी भी प्राइवेट एंबुलेंस हायर कर सकते हैं. हालांकि विभाग का दावा जमीनी हकीकत से परे है.

एंबुलेंस सेवा का बुरा हाल

जिस शहर को सरकार स्मार्ट सिटी बनाने की बात करती है. जिस शहर से हरियाणा सरकार को सबसे ज्यादा रेवेन्यू इकट्ठा होता है. उसी शहर की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत अब आपके सामने है. अगर अब कोरोना काल में भी फरीदाबाद में एंबुलेंस सेवा बेहतर नहीं की गई तो आगे स्थिति और भयावह होने वाली है.

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