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लॉकडाउन में काम की तलाश में भटक रहे मजदूर बोले, कोरोना से डर नहीं लगता, भूख से डर लगता है

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Published : May 19, 2021, 5:28 PM IST

लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के लिए एक बार मुश्किलें खड़ी हो गई है. इन लोगों का कहना है कि वो अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी भी कमा नहीं पा रहे हैं ऐसे में भूखे मरने की नौबत आ गई है.

Migrant laborers not getting work
प्रवासी मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है ताकि उनके परिवार के लिए खाने का इंतजाम हो सके

फरीदाबाद: एक तरफ तो लोग कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं तो वहीं मजदूरों के लिए अब दो वक्त की रोटी कमाना भी मुश्किल हो गया है. कोरोना काल में मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से वो काफी परेशान होने लगे हैं. इन मजदूरों का कहना है कि अगर उन्हें काम नहीं मिलेगा तो वो अपने परिवार का पेट कैसे पालेंगे. इन मजदूरों के अंदर अब कोरोना का खौफ भी नहीं रहा और इनका कहना है कि कोरोना से डर नहीं लगता साहब, भूख से डर लगता है.

लॉकडाउन की वजह से सभी काम-धेंधे चौपट हो चुके हैं, ऐसे में दूसरे राज्यों से मीलो दूर आए इन प्रवासी मजदूरों के लिए दो वक्त की रोटी कमाना भी मुश्किल हो गया है. ये मजदूर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वो काम की तलाश में रोज निकलते हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस उन्हें डंडे मार कर वापस भगा देती है ऐसे में उनका जीना मुश्किल हो गया है.

प्रवासी मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है ताकि उनके परिवार के लिए खाने का इंतजाम हो सके

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन से उद्योग बंद, काम गया तो फिर पलायन करने को मजबूर प्रवासी मजदूर

उन्होंने कहा कि परिवार का पेट पालने के लिए उनके पास ना ही तो पैसा है और ना ही खाना. इन प्रवासी मजदूरों सरकार से गुहार लगाई है कि वो उनकी तरफ भी थोड़ा ध्यान दें ताकि ताकि उनके परिवारों का भी पेट भर सके.

फरीदाबाद: एक तरफ तो लोग कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं तो वहीं मजदूरों के लिए अब दो वक्त की रोटी कमाना भी मुश्किल हो गया है. कोरोना काल में मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है जिसकी वजह से वो काफी परेशान होने लगे हैं. इन मजदूरों का कहना है कि अगर उन्हें काम नहीं मिलेगा तो वो अपने परिवार का पेट कैसे पालेंगे. इन मजदूरों के अंदर अब कोरोना का खौफ भी नहीं रहा और इनका कहना है कि कोरोना से डर नहीं लगता साहब, भूख से डर लगता है.

लॉकडाउन की वजह से सभी काम-धेंधे चौपट हो चुके हैं, ऐसे में दूसरे राज्यों से मीलो दूर आए इन प्रवासी मजदूरों के लिए दो वक्त की रोटी कमाना भी मुश्किल हो गया है. ये मजदूर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वो काम की तलाश में रोज निकलते हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस उन्हें डंडे मार कर वापस भगा देती है ऐसे में उनका जीना मुश्किल हो गया है.

प्रवासी मजदूरों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है ताकि उनके परिवार के लिए खाने का इंतजाम हो सके

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उन्होंने कहा कि परिवार का पेट पालने के लिए उनके पास ना ही तो पैसा है और ना ही खाना. इन प्रवासी मजदूरों सरकार से गुहार लगाई है कि वो उनकी तरफ भी थोड़ा ध्यान दें ताकि ताकि उनके परिवारों का भी पेट भर सके.

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