फरीदाबाद: हरियाणा में इन दिनों फसलों की सरकारी खरीदी चल रही है. वहीं, अनाज मंडी में इस साल कम अनाज आने की वजह से काम करने वाले मजदूरों पर भी इसका असर पड़ रहा है. ट्रक और ट्रैक्टरों में आने वाला अनाज को साफ करने वाले मजदूर भी अब मंडी परिसर में खाली बैठकर इंतजार कर रहे हैं कि कब काम मिलेगा और कब उन्हें मजदूरी मिलेगी.
बता दें कि इस साल अनाज मंडी में कम पहुंच रहा है जिसकी वजह से मजदूरों को भी आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. मंडी में किसानों द्वारा ट्रैक्टर से लाई जाने वाली गेहूं की ढेरी को साफ करने के लिए आढ़तियों ने मजदूरों को काम पर रखा है. लेकिन, इस साल हरियाणा में बेमौसम बारिश की वजह से जहां किसानों की 20 से 25 फीसदी गेहूं की फसल खराब हुई है ऐसे में मंडी में आढ़त पर काम करने वाले मजदूरों के लिए भी आर्थिक परेशानी पेश आ रही है.
मजदूरों का कहना है कि हर साल यहां गेहूं के सीजन में आढ़तियों के पास काम करने के लिए आते हैं. किसान ट्रॉली में गेहूं लेकर आते हैं तो उन्हें उतरवाकर उनकी साफ-सफाई करते हैं. जिसकी एवज में उन्हें मजदूरी के हिसाब से उन्हें 1 से 2 किलो गेहूं मिलता है, जिसे वह बेच कर अपना गुजारा करते हैं. लेकिन, इस बार बेमौसम बरसात की वजह से किसानों की फसल कम हुई है.
पहले अनाज मंडी में किसान कई क्विंटल गेहूं लेकर आते थे, वहीं अब फसल खराब होने के कारण वे भी कम ही अनाज लेकर आ रहे हैं. ऐसे में श्रमिक पूरे दिन में एक से दो ट्रॉली ही खाली कर पाते हैं जिसकी सफाई करने पर भी मजदूरी कम मिलने लगी है. उन्होंने बताया कि यह सारी समस्या बेमौसम बरसात की वजह से किसानों की फसल खराब होने से आ रही है. मजदूरी के चक्कर में पूरे दिन खाली बैठकर ही घर वापस जाना पड़ रहा है.
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