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कार के अंदर लगातार ब्लोअर चलाना हो सकता है बेहद खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं अलर्ट - कार हीटर के साइड इफेक्ट

सर्दियों के मौसम में कार के अंदर सफर करने वाले लोग अक्सर ब्लोअर का इस्तेमाल करते (Side Effects Of Car Heaters) हैं. लेकिन बहुत सारे लोग बिना जानकारी के ब्लोअर का इस्तेमाल लापरवाही के साथ करते हैं. यही लापरवाही उनकी जान पर भी भारी पड़ जाती हैं. इस बारे में हमने डॉक्टर पवन अग्रवाल से बात की.

Side Effects Of Car Heaters
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 10, 2022, 10:00 PM IST

फरीदाबाद: सर्दियों के मौसम में गाड़ी के अंदर हीटर का इस्तेमाल करना आम बात है. सफर करने के दौरान लोग कार के अंदर लगे ब्लोअर का खूब इस्तेमाल करते हैं. इसका इस्तेमाल कार में बैठे लोग सर्दियों से बचने के लिए करते हैं. अक्सर देखा जाता है कि चलती कार में ही नहीं बल्कि कार खड़ी रहने पर भी लोग ब्लोअर चला देते हैं. बहुत सारे लोग कार में लगे हीटर का इस्तेमाल बिना जानकारी के लापरवाही के साथ करते हैं. यही लापरवाही उनकी जान पर भी भारी पड़ जाती हैं. कार चलाते वक्त ब्लोअर के क्या-क्या नुकसान हैं और इस नुकसान से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते (Car Blower Precaution) हैं. इस बारे में हमने डॉक्टर पवन अग्रवाल से बातचीत की.

फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग में एमडी, होम्योपैथिक डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि जब लंबे समय तक चलती गाड़ी में गर्म हीटर चलता रहता है. बाहर से आने वाली हवा के लिए एंट्री प्वाइंट को खोला नहीं गया है. तब इस वजह से हीटर की गर्म हवा गाड़ी के अंदर ही घूमती रहती है. एक वक्त ऐसा आता है जब यह बेहद विषैली हो जाती है और गाड़ी के अंदर बैठे लोगों के दिमाग पर असर डालने लगती है. जब इसका असर शुरू होता है तो गाड़ी के अंदर बैठे लोगों को इसका अहसास भी नहीं होता कि उनका शरीर धीरे-धीरे सुन्न हो चुका है. गाड़ी चलाने वाले का शरीर किसी भी काम को करने में निष्क्रिय हो जाता है. गाड़ी पर उनका संतुलन नहीं रहता और सड़क हादसे की काफी हद तक यही वजह बन जाता है.

डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि पाकिस्तान के एक टूरिस्ट प्लेस में गाड़ियों के अंदर बैठे हुए 22 लोगों की मौत हुई है. इसकी कहीं ना कहीं यही वजह रही है कि लोगों ने ठंड से बचने के लिए गाड़ी में लगे हीटर को लंबे समय तक चलाया. इस दौरान बाहर से आने वाली हवा के सारे रास्ते बंद होने से गाड़ी के अंदर की ऑक्सीजन धीरे-धीरे खत्म हो गई. कार्बन मोनोऑक्साइड में उनको अपनी चपेट में ले लिया. इसीलिए सर्दियों के मौसम में कार के अंदर ब्लोअर का इस्तेमाल करते वक्त कई प्रकार की सावधानियों का बरतना बेहद जरूरी है.

कार के अंदर लगातार ब्लोअर चलाना हो सकता है बेहद खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं अलर्ट

उन्होंने कहा कि जब भी हम गाड़ी के अंदर गर्म हीटर का इस्तेमाल करते हैं तो प्रत्येक गाड़ी में बाहर की हवा अंदर लाने के लिए अलग से एंट्री प्वाइंट का ऑप्शन होता है. ऐसे में बाहर की हवा अंदर आने से आपको थोड़ी सर्दी जरूर महसूस होगी लेकिन गर्म हीटर से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड अंदर से खत्म होती रहेगी. इससे आप को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहेगी. गाड़ी चाहे पेट्रोल-डीजल से चल रही हो या फिर सीएनजी से वह कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पैदा करती है. ये गैस गर्म हीटर चलाने से पैदा होती है. हीटर चलाते वक्त फ्रेश एयर मोड को ऑन रखना चाहिए ताकि गाड़ी के अंदर बाहर की हवा निकलती रहे. अगर आप कार को लंबे सफर पर ले जा रहे हैं तो उससे पहले ही उसके एग्जॉस्ट सिस्टम को चेक करा लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें- सर्दियों में कैसे करें अपने दुधारू पशुओं की देखभाल, डॉक्टर से जानें काम के सुझाव

डॉ. पवन अग्रवाल ने कहा कि भारत में इस तरह से होने वाली मौतों के आंकड़े भले ही कम हो लेकिन लोग अक्सर लापरवाही करते देखे जा सकते हैं. यूरोप के देशों में इस तरह के हादसे होने के ज्यादा चांस रहते हैं लेकिन वहां पर जागरूकता के चलते इस प्रकार के हादसे नहीं होते. इसलिए सर्दियों के मौसम में अगर आप गाड़ी के अंदर गर्म हीटर का आनंद ले रहे हैं तो आपको गाड़ी में प्रयोग करने वाले हीटर के फायदे व नुकसान के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है. अगर गाड़ी के अंदर आपने हीटर चलाया हुआ है और बाहर की हवा अंदर नहीं आ रही है और कुछ ही समय बाद आपका जी मचल रहा है या फिर आप के सर में दर्द हो रहा है या फिर आपको उल्टियां करने का मन कर रहा है तो समझ जाइए आप कार्बन मोनोऑक्साइड की चपेट में आ चुके हैं.

ये भी पढ़ें--हरियाणा का ये किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए कमा रहा लाखों, सुनिए इनकी कहानी

इस दौरान आपको फ्रेश एयर की जरूरत होती है. अगर आप गाड़ी चला रहे है और ऐसा आपको जरा सा भी फील हो रहा हो तो बाहर की हवा को गाड़ी के अंदर आने दें. उन्होंने बताया कि अधिकांश कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के रास्ते आपकी मांसपेशियों दिमाग को निष्क्रिय करती है. सबसे बड़ी बात ये कि आपको इसका पता भी नहीं चलता है. बेहद कम मामलों में कार के अंदर बैठे लोगों को इसका एहसास हो पाता है. एक्सपर्टस का मानना है कि गाड़ियों में ब्लोअर यूज करने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती है. बहुत ज्यादा ठंड है तो ब्लोअर चलाया जा सकता है, लेकिन कुछ समय बाद उसे बंद कर देना चाहिए. अगर गाड़ी में बच्चे हैं फिर तो ब्लोअर को बहुत ही कम यूज करना चाहिए. कार में ब्लोअर का इस्तेमाल करते वक्त गाड़ी की खिड़की हमेशा खुली रखें. ब्लोअर के लगातार इस्तेमाल से बचें. कार में थोड़ी देर तक इसका इस्तेमाल करने के बाद इसे बंद कर दें. टेम्परेचर को ज्यादा ना बढ़ाएं. ..तो अगली बार जब भी आप कार में सफर करते वक्त हीटर का यूज करते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें और सुरक्षित रहें.

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फरीदाबाद: सर्दियों के मौसम में गाड़ी के अंदर हीटर का इस्तेमाल करना आम बात है. सफर करने के दौरान लोग कार के अंदर लगे ब्लोअर का खूब इस्तेमाल करते हैं. इसका इस्तेमाल कार में बैठे लोग सर्दियों से बचने के लिए करते हैं. अक्सर देखा जाता है कि चलती कार में ही नहीं बल्कि कार खड़ी रहने पर भी लोग ब्लोअर चला देते हैं. बहुत सारे लोग कार में लगे हीटर का इस्तेमाल बिना जानकारी के लापरवाही के साथ करते हैं. यही लापरवाही उनकी जान पर भी भारी पड़ जाती हैं. कार चलाते वक्त ब्लोअर के क्या-क्या नुकसान हैं और इस नुकसान से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते (Car Blower Precaution) हैं. इस बारे में हमने डॉक्टर पवन अग्रवाल से बातचीत की.

फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग में एमडी, होम्योपैथिक डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि जब लंबे समय तक चलती गाड़ी में गर्म हीटर चलता रहता है. बाहर से आने वाली हवा के लिए एंट्री प्वाइंट को खोला नहीं गया है. तब इस वजह से हीटर की गर्म हवा गाड़ी के अंदर ही घूमती रहती है. एक वक्त ऐसा आता है जब यह बेहद विषैली हो जाती है और गाड़ी के अंदर बैठे लोगों के दिमाग पर असर डालने लगती है. जब इसका असर शुरू होता है तो गाड़ी के अंदर बैठे लोगों को इसका अहसास भी नहीं होता कि उनका शरीर धीरे-धीरे सुन्न हो चुका है. गाड़ी चलाने वाले का शरीर किसी भी काम को करने में निष्क्रिय हो जाता है. गाड़ी पर उनका संतुलन नहीं रहता और सड़क हादसे की काफी हद तक यही वजह बन जाता है.

डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि पाकिस्तान के एक टूरिस्ट प्लेस में गाड़ियों के अंदर बैठे हुए 22 लोगों की मौत हुई है. इसकी कहीं ना कहीं यही वजह रही है कि लोगों ने ठंड से बचने के लिए गाड़ी में लगे हीटर को लंबे समय तक चलाया. इस दौरान बाहर से आने वाली हवा के सारे रास्ते बंद होने से गाड़ी के अंदर की ऑक्सीजन धीरे-धीरे खत्म हो गई. कार्बन मोनोऑक्साइड में उनको अपनी चपेट में ले लिया. इसीलिए सर्दियों के मौसम में कार के अंदर ब्लोअर का इस्तेमाल करते वक्त कई प्रकार की सावधानियों का बरतना बेहद जरूरी है.

कार के अंदर लगातार ब्लोअर चलाना हो सकता है बेहद खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं अलर्ट

उन्होंने कहा कि जब भी हम गाड़ी के अंदर गर्म हीटर का इस्तेमाल करते हैं तो प्रत्येक गाड़ी में बाहर की हवा अंदर लाने के लिए अलग से एंट्री प्वाइंट का ऑप्शन होता है. ऐसे में बाहर की हवा अंदर आने से आपको थोड़ी सर्दी जरूर महसूस होगी लेकिन गर्म हीटर से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड अंदर से खत्म होती रहेगी. इससे आप को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहेगी. गाड़ी चाहे पेट्रोल-डीजल से चल रही हो या फिर सीएनजी से वह कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पैदा करती है. ये गैस गर्म हीटर चलाने से पैदा होती है. हीटर चलाते वक्त फ्रेश एयर मोड को ऑन रखना चाहिए ताकि गाड़ी के अंदर बाहर की हवा निकलती रहे. अगर आप कार को लंबे सफर पर ले जा रहे हैं तो उससे पहले ही उसके एग्जॉस्ट सिस्टम को चेक करा लेना चाहिए.

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डॉ. पवन अग्रवाल ने कहा कि भारत में इस तरह से होने वाली मौतों के आंकड़े भले ही कम हो लेकिन लोग अक्सर लापरवाही करते देखे जा सकते हैं. यूरोप के देशों में इस तरह के हादसे होने के ज्यादा चांस रहते हैं लेकिन वहां पर जागरूकता के चलते इस प्रकार के हादसे नहीं होते. इसलिए सर्दियों के मौसम में अगर आप गाड़ी के अंदर गर्म हीटर का आनंद ले रहे हैं तो आपको गाड़ी में प्रयोग करने वाले हीटर के फायदे व नुकसान के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है. अगर गाड़ी के अंदर आपने हीटर चलाया हुआ है और बाहर की हवा अंदर नहीं आ रही है और कुछ ही समय बाद आपका जी मचल रहा है या फिर आप के सर में दर्द हो रहा है या फिर आपको उल्टियां करने का मन कर रहा है तो समझ जाइए आप कार्बन मोनोऑक्साइड की चपेट में आ चुके हैं.

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इस दौरान आपको फ्रेश एयर की जरूरत होती है. अगर आप गाड़ी चला रहे है और ऐसा आपको जरा सा भी फील हो रहा हो तो बाहर की हवा को गाड़ी के अंदर आने दें. उन्होंने बताया कि अधिकांश कार्बन मोनोऑक्साइड सांस के रास्ते आपकी मांसपेशियों दिमाग को निष्क्रिय करती है. सबसे बड़ी बात ये कि आपको इसका पता भी नहीं चलता है. बेहद कम मामलों में कार के अंदर बैठे लोगों को इसका एहसास हो पाता है. एक्सपर्टस का मानना है कि गाड़ियों में ब्लोअर यूज करने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती है. बहुत ज्यादा ठंड है तो ब्लोअर चलाया जा सकता है, लेकिन कुछ समय बाद उसे बंद कर देना चाहिए. अगर गाड़ी में बच्चे हैं फिर तो ब्लोअर को बहुत ही कम यूज करना चाहिए. कार में ब्लोअर का इस्तेमाल करते वक्त गाड़ी की खिड़की हमेशा खुली रखें. ब्लोअर के लगातार इस्तेमाल से बचें. कार में थोड़ी देर तक इसका इस्तेमाल करने के बाद इसे बंद कर दें. टेम्परेचर को ज्यादा ना बढ़ाएं. ..तो अगली बार जब भी आप कार में सफर करते वक्त हीटर का यूज करते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें और सुरक्षित रहें.

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