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खोरी गांव तोडफोड़ मामले में नया मोड़, ये लोग बोले- हम तो दिल्ली के हैं, हमारे घर क्यों तोड़े जा रहे - खोरी गांव दिल्ली बॉर्डर विवाद

दिल्ली और हरियाणा सीमा पर बसे खोरी गांव तोड़फोड़ (Khori Village Demolition) मामले में नया मोड़ सामने आया है. खोरी गांव के कुछ लोगों का कहना है कि वो हरियाणा के निवासी है ही नहीं तो उनके घर हरियाणा सरकार कैसे तोड़ सकती है. उनका दावा है कि वो दिल्ली सीमा में आते हैं और दिल्ली के निवासी हैं.

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खोरी गांव तोडफोड़ मामले में नया मोड़
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Published : Jun 21, 2021, 9:07 PM IST

फरीदाबाद: जिले के खोरी गांव पर इन दिनों मुसीबतों का पहाड़ टूटा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानते हुए चंद दिनों बाद खोरी गांव को तोड़ (Khori Village Demolition Update) दिया जाएगा, लेकिन इस मामले में अब एक नया पेंच सामने आ रहा है. खोरी गांव में ही रहने वाले कुछ लोगों ने नेताओं और प्रशासन पर दिल्ली और हरियाणा सीमा (Khori Village Delhi Border Dispute) में हेरफेर करने का आरोप लगाया है.

दरअसल खोरी गांव हरियाणा और दिल्ली सीमा पर बसा हुआ है. यही वजह है कि इस गांव के ज्यादातर लोगों के सभी सरकारी कागज, मसलन आधार कार्ड, वोटर कार्ड यहां तक की बिजली का मीटर भी दिल्ली सरकार की तरफ से लगाए गए हैं. ऐसे में ये लोग खुद को दिल्ली में होने का दावा कर रहे हैं और हरियाणा सरकार की तरफ से उनके घरों को तोड़ने की चेतावनी को नाजायज करार दे रहे हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने की ग्रामीणों से बातचीत, देखिए वीडियो

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद खोरी गांव के लोगों को दोबारा बसाएगी हरियाणा सरकार, लेकिन सीएम ने रखी ये शर्त

ईटीवी भारत की टीम ने जब खोरी गांव के लोगों से बातचीत की तो वहां मौजूद सभी लोग खुद को दिल्ली को निवासी बता रहे हैं. उनका कहना है कि यहां दो पीढ़ियां दिल्ली के निवासी के तौर पर जी चुकी है. यहां जो बहुंए ब्याह कर आई थीं वो आज दादी-नानी बन गई हैं. यहा तीन मंजिला मकान बने हैं जो करीब 30 से 40 साल पुराने हैं.

'राजनीति की वजह से सीमा बोर्ड को आगे खिसकाया'

लोगों का कहना है कि कुछ महीने पहले जो सीमा प्रारंभ का बोर्ड लगा था उसे दिल्ली की ओर बढ़ा कर ओर आगे लगा दिया गया. जबकी पहले सीमा बोर्ड और घेराबंद कॉलोनी के अंदर की तरफ थी. लोगों का कहना है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के विजयी उम्मीदवार सहीराम पहलवान को वोट दिए. अब जीतने के बाद उनकी सुध लेने नहीं आ रहे. वहीं विपक्ष के नेता को उन्होंने वोट नहीं दिए थे, इसलिए वो उनकी सुनेंगे नहीं.

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गांव में बने हुए तीन मंजिला पक्के मकान.

ये भी पढ़ें: खोरी गांव पहुंची सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, बोलीं- गरीबों के घरों को तोड़ना मानवता के खिलाफ

पुलिस कर रही है मुनादी, फ्लैग मार्च

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से खोरी गांव में पुलिस और प्रशासन काफी सक्रिय हो गया है. सोमवार को भी पुलिस ने खोरी गांव में फ्लैग मार्च किया और लोगों को जल्द से जल्द किसी दूसरी जगह शिफ्ट होने की चेतावनी दी. वहीं गांव में पूरा दिन लोगों को सामान शिफ्ट करने के लिए मुनादी करवाई जा रही है.

ये पढ़ें- खोरी गांव पर बोले सीएम मनोहर लाल, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, गांव खाली कराना होगा

खोरी गांव पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ की जानी है. करीबन दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, फिलहाल थोड़ी बहुत जगह खाली करवाई जा चुकी है और लोगों ने गांव से दाना भी शुरू कर दिया है और जो लोग अभी वहां से नहीं गए हैं तो प्रशासन उन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है.

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गांव में बने हुए तीन मंजिला पक्के मकान.

बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां सीमा विवाद की वजह से प्रशासन को दिक्कत हो सकती है.

ये पढ़ें- फरीदाबाद: खोरी गांव में आशियाना छिन जाने के डर से महिला ने तेल छिड़कर की आत्महत्या की कोशिश

फरीदाबाद: जिले के खोरी गांव पर इन दिनों मुसीबतों का पहाड़ टूटा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानते हुए चंद दिनों बाद खोरी गांव को तोड़ (Khori Village Demolition Update) दिया जाएगा, लेकिन इस मामले में अब एक नया पेंच सामने आ रहा है. खोरी गांव में ही रहने वाले कुछ लोगों ने नेताओं और प्रशासन पर दिल्ली और हरियाणा सीमा (Khori Village Delhi Border Dispute) में हेरफेर करने का आरोप लगाया है.

दरअसल खोरी गांव हरियाणा और दिल्ली सीमा पर बसा हुआ है. यही वजह है कि इस गांव के ज्यादातर लोगों के सभी सरकारी कागज, मसलन आधार कार्ड, वोटर कार्ड यहां तक की बिजली का मीटर भी दिल्ली सरकार की तरफ से लगाए गए हैं. ऐसे में ये लोग खुद को दिल्ली में होने का दावा कर रहे हैं और हरियाणा सरकार की तरफ से उनके घरों को तोड़ने की चेतावनी को नाजायज करार दे रहे हैं.

ईटीवी भारत की टीम ने की ग्रामीणों से बातचीत, देखिए वीडियो

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ईटीवी भारत की टीम ने जब खोरी गांव के लोगों से बातचीत की तो वहां मौजूद सभी लोग खुद को दिल्ली को निवासी बता रहे हैं. उनका कहना है कि यहां दो पीढ़ियां दिल्ली के निवासी के तौर पर जी चुकी है. यहां जो बहुंए ब्याह कर आई थीं वो आज दादी-नानी बन गई हैं. यहा तीन मंजिला मकान बने हैं जो करीब 30 से 40 साल पुराने हैं.

'राजनीति की वजह से सीमा बोर्ड को आगे खिसकाया'

लोगों का कहना है कि कुछ महीने पहले जो सीमा प्रारंभ का बोर्ड लगा था उसे दिल्ली की ओर बढ़ा कर ओर आगे लगा दिया गया. जबकी पहले सीमा बोर्ड और घेराबंद कॉलोनी के अंदर की तरफ थी. लोगों का कहना है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी के विजयी उम्मीदवार सहीराम पहलवान को वोट दिए. अब जीतने के बाद उनकी सुध लेने नहीं आ रहे. वहीं विपक्ष के नेता को उन्होंने वोट नहीं दिए थे, इसलिए वो उनकी सुनेंगे नहीं.

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गांव में बने हुए तीन मंजिला पक्के मकान.

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पुलिस कर रही है मुनादी, फ्लैग मार्च

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से खोरी गांव में पुलिस और प्रशासन काफी सक्रिय हो गया है. सोमवार को भी पुलिस ने खोरी गांव में फ्लैग मार्च किया और लोगों को जल्द से जल्द किसी दूसरी जगह शिफ्ट होने की चेतावनी दी. वहीं गांव में पूरा दिन लोगों को सामान शिफ्ट करने के लिए मुनादी करवाई जा रही है.

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खोरी गांव पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ की जानी है. करीबन दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, फिलहाल थोड़ी बहुत जगह खाली करवाई जा चुकी है और लोगों ने गांव से दाना भी शुरू कर दिया है और जो लोग अभी वहां से नहीं गए हैं तो प्रशासन उन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है.

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गांव में बने हुए तीन मंजिला पक्के मकान.

बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां सीमा विवाद की वजह से प्रशासन को दिक्कत हो सकती है.

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