फरीदाबाद: फिल्म पानीपत का विरोध जारी है. हरियाणा में जाट समाज फिल्म निर्माताओं का विरोध कर रहे हैं. वहीं मांग कर रहे हैं कि इस फिल्म पर बैन लगा देना चाहिए. इसी कड़ी में जाट समाज फरीदाबाद ने फिल्म का खुल कर विरोध जताया. जाट समाज के लोगों ने फरीदाबाद एसडीएस को ज्ञापन सौंपकर हरियाणा में फिल्म को बंद करने की अपील की.
हाल ही में लगाई गई पानीपत हिंदी फिल्म के विरोध में जाट समाज सड़कों पर है. विरोध करने वाले वाले जाट नेताओं का कहना है कि फिल्म में फिल्म निर्माता ने महाराजा सूरजमल की गलत छवि दिखाई है. फिल्म निर्माताओं को इतिहास का ज्ञान लेना चाहिए. बिना इतिहास पढ़े उस पर फिल्म बनाना गैरकानूनी है और गलत है. उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल की छवि को गलत ढंग से पेश किया गया है.
उनका कहना है कि इससे पहले भी फिल्म निर्माता महारानी पद्मावती की गलत छवि दिखा चुके हैं. सरकार को ऐसे फिल्म निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी फिल्मों को रोकना चाहिए. जाट नेता अवतार सारण का कहना है कि राजा किसी भी बिरादरी से हो उसकी पहले पूरे इतिहास को जानकारी उस पर आगे फिल्म निर्माताओं को फिल्म बनानी चाहिए ताकि समाज में एक अच्छा संदेश जाए.
आखिर विवाद क्या है?
फिल्म 'पानीपत' में भरतपुर के महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण करने के विरोध में विवाद और तेज हो गया हैं. फिल्म में महाराजा सूरजमल को आगरा का किला मांगते हुए दिखाया गया है, साथ ही महाराजा सूरजमल को बृज भाषा के बजाय हरियाणवी भाषा में बात करते हुए दिखाया गया है.
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जाट नेताओं का कहना है कि महाराजा सूरजमल ने 6 माह तक मराठा सेना और महिलाओं को अपने यहां शरण दी और ऐसे ही शरण देने वाले महाराज का चित्रण इस फिल्म में एक लालची महाराज के रूप में किया जा रहा है. मतलब इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, जो हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.