फरीदाबाद: लघु सचिवालय सेक्टर 12 में हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में क्राइम गोष्ठी आयोजित हुई. उन्होंने अधिकारियों को अपराध पर अंकुश, नशाखोरी पर लगाम और महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए. बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था ममता सिंह व पुलिस आयुक्त राकेश आर्य मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें: Faridabad Crime News: बहन पर गलत कमेंट किया तो नाबालिग भाई ने की नाबालिग युवक की हत्या, मुख्य आरोपी समेत 2 गिरफ्तार
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कई बार देखा गया है कि थाना और चौकियों में अधिकारी और कर्मचारी लोगों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं सुनते. जिसकी वजह से पीड़ितों को कई बार थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं. जो काम तुरंत होना चाहिए उसके लिए लंबा इंतजार करवाया जाता है. लोग अपने जीवन में परेशानियों से जूझ रहे होते हैं और अधिकारी उनकी समस्याओं को गंभीरता से न सुनकर उनकी मुश्किलों को बढ़ा देते हैं. इसलिए लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुनकर उनका समय पर निपटारा किया जाना चाहिए.
डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि ग्राम प्रहरी से प्रतिदिन डाटा क्लेक्ट करें और डेटा पर तुरंत कार्रवाई करें. किसी भी कार्य को करते समय कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है. हर थाने चौकी के बीट इंचार्ज की कार्रवाई के समय अहम भूमिका रहती है. इसलिए बीट इंचार्ज को उसके एरिया का अच्छे से पता होना चाहिए और वहां पर रहने वाले लोगों की भी जानकारी होनी चाहिए. लोगों को नशे से होने वाले दुष्परिणाम और समस्याओं के बारे में समय-समय पर जागरूक करने का काम करें.
महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कामकाजी महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा हो तथा माता-पिता व परिजनों की चिंता कम हो. इस उद्देश्य से राज्य में जल्द ही सेफ सिटी परियोजना की शुरूआत की जाएगी. ताकि महिलाएं अपने आपको कार्यस्थलों, शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक परिवहन में पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें.
प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत महिलाएं देर रात यात्रा करती हैं, वह डायल 112 पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकती हैं. जिससे पुलिस के पास उनका नंबर स्थाई रूप से फीड हो जाएगा. यात्रा करने वाली महिलाएं गड़बड़ी का अंदेशा होने पर ऑटो पर लिखे यूनिक कोड की फोटो खींचकर डायल 112 पर भेज सकती हैं. ऑपरेटर को पता लग जाएगा कि वह महिला किस ऑटो में कहां पर यात्रा कर रही है. पुलिस उस वाहन चालक या उसमें बैठी महिला से आसानी संपर्क कर सकती है. इससे महिलाओं में सुरक्षा का भाव बढ़ेगा ऑटो चालक या अन्य लोगों की मनमानी पर अंकुश लगेगा.
भ्रष्टाचार रोकने के लिए उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी दलालों से दूरी बनाकर रखें, अगर गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित एसएचओ चौकी इंचार्ज व सुपरविजन करने वालो के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. प्रत्येक थाने में इन्वेस्टिगेशन की टीम अलग होनी चाहिए जिनसे इन्वेस्टिगेशन के अलावा कोई अन्य ड्यूटी नहीं ली जानी चाहिए. अच्छा काम करने वाले को हीरो ऑफ द वीक बनाया जाए. प्रत्येक पुलिसकर्मी को सप्ताह में 1 दिन का रेस्ट सुनिश्चित किया जाए ताकि वह अपने परिवार के साथ भी थोड़ा समय व्यतीत कर सके.