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हरियाणा में कोरोना ने उजाड़ दिया हंसता-खेलता परिवार, 10 दिन के अंदर सभी सदस्यों ने तोड़ा दम

फरीदाबाद में कोरोना ने पूरे परिवार को उजाड़ कर रख दिया. 10 दिन के अंदर-अंदर एक ही परिवार के चार लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया.

four family members death corona faridabad
हरियाणा में कोरोना ने उजाड़ दिया हंसता-खेलता परिवार
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Published : Apr 30, 2021, 8:49 PM IST

फरीदाबाद: फरीदाबाद के फ्रंटियर काॅलोनी से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां कोरोना की वजह से एक हंसता खेलता परिवार बिखर गया. दस दिन के अंदर परिवार के चार लोगों की कोेरोना से मौत हो गयी. मरने वालों में पति पत्नी और दो बेटे हैं.

वहीं कॉलोनी के लोगों ने एक निजी अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आराेप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने पांच लाख रुपए का बिल बनाया था. ढाई लाख रुपये कॉलोनी के लोगों ने जमा भी किए, बावजूद देरशाम तक अस्पताल शव देने को तैयार नहीं था.

ये भी पढ़िए: गुरुग्राम कोरोना अपडेट: 1 मई से नहीं लगेगी वैक्सीन, इन 70 सोसायटियों में बाहर जाने पर लगी रोक

फ्रंटियर कॉलोनी निवासी अजय अरोड़ा ने बताया कि उनकी कॉलोनी में महिपाल का परिवार रहता था. ये पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया. 23 अप्रैल को महिपाल की कोरोना से मौत हो गई. तीन दिन बाद उनकी पत्नी भारती ने भी कोरोना से दम तोड़ दिया. इसके बाद इनके दोनों बेटे विपुल और रोहित भी कोरोना की चपेट में आ गए.

ये भी पढ़िए: हरियाणा में 1 मई से 18 से ज्यादा का कोरोना वैक्सीनेशन मुश्किल, सरकार के दावे पर ग्रहण लगा रही ये सच्चाई

विपुल को एनआईटी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां चार दिन पहले उसकी मौत हो गई. सबसे छोटा बेटा रोहित को सोहना रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुक्रवार को उसने भी दम तोड़ दिया. अजय अरोड़ा का आरोप है कि निजी अस्पताल प्रबंधन ने 5 लाख रुपये का बिल बनाया था. कॉलोनी के लोगों ने मिलकर ढाई लाख रुपये जमा किए बावजूद इसके देर शाम तक शव नहीं दिया गया.

फरीदाबाद: फरीदाबाद के फ्रंटियर काॅलोनी से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जहां कोरोना की वजह से एक हंसता खेलता परिवार बिखर गया. दस दिन के अंदर परिवार के चार लोगों की कोेरोना से मौत हो गयी. मरने वालों में पति पत्नी और दो बेटे हैं.

वहीं कॉलोनी के लोगों ने एक निजी अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आराेप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने पांच लाख रुपए का बिल बनाया था. ढाई लाख रुपये कॉलोनी के लोगों ने जमा भी किए, बावजूद देरशाम तक अस्पताल शव देने को तैयार नहीं था.

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फ्रंटियर कॉलोनी निवासी अजय अरोड़ा ने बताया कि उनकी कॉलोनी में महिपाल का परिवार रहता था. ये पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया. 23 अप्रैल को महिपाल की कोरोना से मौत हो गई. तीन दिन बाद उनकी पत्नी भारती ने भी कोरोना से दम तोड़ दिया. इसके बाद इनके दोनों बेटे विपुल और रोहित भी कोरोना की चपेट में आ गए.

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विपुल को एनआईटी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां चार दिन पहले उसकी मौत हो गई. सबसे छोटा बेटा रोहित को सोहना रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुक्रवार को उसने भी दम तोड़ दिया. अजय अरोड़ा का आरोप है कि निजी अस्पताल प्रबंधन ने 5 लाख रुपये का बिल बनाया था. कॉलोनी के लोगों ने मिलकर ढाई लाख रुपये जमा किए बावजूद इसके देर शाम तक शव नहीं दिया गया.

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