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जहां सामान्‍य फसलें होना भी मुश्किल हैं, वहां किसान ने उगाया एक लाख रुपये प्रति किलो भाव का केसर

फरीदाबाद के खेतिहर किसान ने अमेरिकन बीज के साथ 2 बीघा खेत में केसर को उगाने की कोशिश की है. दो बीघा जमीन में उसकी लहलहाती हुई केसर की खेती सभी को आकर्षित कर रही है.

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Published : Apr 2, 2019, 6:30 PM IST

केसर की खेती

फरीदाबाद: भारत देश में अब कश्मीर ठंडी वादियों के बाद अब फरीदाबाद में भी केसर की खेती शुरू की गई है. केसर की खेती में कम लागत और ज्यादा मुनाफे के साथ इस फसल से किसान बेहद खुश है. फरीदाबाद के अंदर केसर की खेती करने वाले जय चंद शर्मा पहले किसान हैं

खेतिहर किसान ने बताया कि उसने सर्दियों में केसर की खेती करने का मन बनाया है. अमेरिकन बीज के साथ 2 बीघा खेत में केसर को उगाने की कोशिश की, जिसका आज उसे भरपूर फायदा नजर आया है. दो बीघा जमीन में उसकी लहर आती हुई केसर की खेती सभी को आकर्षित कर रही है.

केसर की खेती

बल्लभगढ़ के गांव मंझावली में केसर की खेती की गई है. सबसे बड़ी यह है किअभी तक केसर की खेती कश्मीर की ठंडी वादियों में होती है. केसर की खेती के लिए ठंडा मौसम चाहिए. गांव मंझावली के रहने वाले जे सी शर्मा से जब उस खेती की जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में केसर की खेती होती है.

जेसी शर्मा, किसान

उन्होंने बताया कि ठंडा मौसम फसल को देने के लिए बर्फ के पानी से भी सिंचाई की. आज उनके करीब ₹70 हजार की लागत के बाद फसल तैयार खड़ी है. किसान ने बताया कि उन्हें करीब 3 से 4 लाख का मुनाफा होने की उम्मीद है. उसने कहा कि यदि 1 किलो के करीब केसर का बीज बन जाए. बाकी फसल उसकी मार्केट में बिक जाए तो उसे काफी फायदा होगा.

फरीदाबाद: भारत देश में अब कश्मीर ठंडी वादियों के बाद अब फरीदाबाद में भी केसर की खेती शुरू की गई है. केसर की खेती में कम लागत और ज्यादा मुनाफे के साथ इस फसल से किसान बेहद खुश है. फरीदाबाद के अंदर केसर की खेती करने वाले जय चंद शर्मा पहले किसान हैं

खेतिहर किसान ने बताया कि उसने सर्दियों में केसर की खेती करने का मन बनाया है. अमेरिकन बीज के साथ 2 बीघा खेत में केसर को उगाने की कोशिश की, जिसका आज उसे भरपूर फायदा नजर आया है. दो बीघा जमीन में उसकी लहर आती हुई केसर की खेती सभी को आकर्षित कर रही है.

केसर की खेती

बल्लभगढ़ के गांव मंझावली में केसर की खेती की गई है. सबसे बड़ी यह है किअभी तक केसर की खेती कश्मीर की ठंडी वादियों में होती है. केसर की खेती के लिए ठंडा मौसम चाहिए. गांव मंझावली के रहने वाले जे सी शर्मा से जब उस खेती की जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में केसर की खेती होती है.

जेसी शर्मा, किसान

उन्होंने बताया कि ठंडा मौसम फसल को देने के लिए बर्फ के पानी से भी सिंचाई की. आज उनके करीब ₹70 हजार की लागत के बाद फसल तैयार खड़ी है. किसान ने बताया कि उन्हें करीब 3 से 4 लाख का मुनाफा होने की उम्मीद है. उसने कहा कि यदि 1 किलो के करीब केसर का बीज बन जाए. बाकी फसल उसकी मार्केट में बिक जाए तो उसे काफी फायदा होगा.

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एंकर।

भारत देश में अब कश्मीर ठंडी वादियों के बाद अब फरीदाबाद में भी केसर की खेती शुरू की गई है जी हां कम लागत और ज्यादा मुनाफे के साथ इस फसल से किसान बेहद खुश हैं खेतिहर किसान ने बताया कि उसने सर्दियों में केसर की खेती करने का मन बनाया और अमेरिकन बीज के साथ 2 बीघा खेत में केसर को उगाने की कोशिश की जिसका आज उसे भरपूर फायदा नजर आया है दो बीघा जमीन में उसकी लहर आती हुई केसर की खेती सभी को आकर्षित कर रही है ।


वीओ। दिखाई दे रहा यह नजारा बल्लमगढ़ के गांव मंझावली का है  जहां  केसर की खेती की गई है सबसे बड़ी बात तो यहां यह है कि अभी तक यह खेती कश्मीर की ठंडी वादियों में होती है क्योंकि इस खेती के लिए ठंडा मौसम चाहिए गांव मंझावली के रहने वाले जे सी शर्मा से जब उस खेती की जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सर्दी के मौसम में यह खेती होती है हालांकि उन्होंने ठंडा मौसम फसल को देने के लिए बर्फ के पानी से भी सिंचाई की और आज उनके करीब ₹70 हजार  की लागत के बाद फसल तैयार  खड़ी है किसान ने बताया कि उन्हें करीब 3 से 4 लाख   का मुनाफा होने की उम्मीद है उसने कहा कि यदि 1 किलो के करीब केसर का बीज बन जाए और बाकी फसल उसकी मार्केट में बिक जाए तो उसे काफी फायदा होगा वहीं उसके पड़ोसी ने भी कहा कि उन्हें किस खेती को देखकर काफी प्रोत्साहन मिला है उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को अब फरीदाबाद जिले में भी केसर की खेती करनी चाहिए क्योंकि अभी तक फरीदाबाद के अंदर केसर की खेती करने वाले जय चंद शर्मा पहले किसान हैं।

बाइट। जय चंद शर्मा किसान गांव मंझावली
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