फरीदाबाद: दीवाली के बाद लगातार बढ़े प्रदूषण के स्तर का अब लोगों के स्वास्थ्य (Faridabad Pollution on People Health) पर भी असर पड़ रहा है. फरीदाबाद की आबोहवा में सांस लेना मुश्किल होने लगा है. फरीदाबाद सिविल अस्पताल में सांस और प्रदूषण से सम्बंधित रोजाना 3 से 4 मरीज (Respiratory Patients Increase Faridabad) आ रहे हैं. जिसका सीधा सा मतलब है कि खुले में सांस लेना सेहत के लिए खतरनाक हो चुका है. शहर में बहुत से लोगों को सांस लेने मे परशानी और आंखों में जलन जैसी समस्या से दो चार होना पड़ रहा है.
फरीदाबाद के सबसे बड़े सरकारी सिविल अस्पताल में सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, खांसी जैसी शिकायतों को लेकर मरीज पहुंच रहे हैं, जहां जाकर हमने वहां आने वाले लोगों से फरीदाबाद मे बढ़ रहे प्रदूषण से होने वाली परेशानी और समस्याओं के बारे मे जाना तो पता लगा की लोगों को बढ़ रहे प्रदूषण से काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं. लोगों के मुताबिक दीवाली पर पटाखे बैन कर दिए गए थे, बावजूद शहर में पूरी तरह से पटाखे चलाए गए.
जिले का प्रदूषण लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोगों के मुताबिक सरकार और प्रशाशन को इस मामले पर काफी ध्यान देने की जरूरत है ताकि लोगों को इस प्रदुषण रुपी बीमारी से निजात मिल सके. इस मामले पर हमारी टीम ने सिविल अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर से बात की तो उन्होंने बताया कि आजकल प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर हो चूका है.
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यहां लगभग 3 से 4 लोग इस समस्या को लेकर आ रहा हैं. लोगों को इस समस्या से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. अपने आस-पास कूड़े को जलने से रोकना चाहिए, पहले से सांस के पीड़ित लोगों की समस्या भी बढ़ी है. सड़क के किनारे पड़ी धुल मिटटी के कण भी काफी हानिकारक हैं. ऐसे में सबको अपना बचाव करना चाहिए.
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