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हरियाणा में ब्लैक फंगस: फरीदाबाद में वक्त पर इंजेक्शन नहीं मिला तो निकालनी पड़ी बुजुर्ग की आंख - faridabad black fungus eye operation

फरीदाबाद के मेट्रो अस्पताल में एक बुजुर्ग महिला ब्लैक फंगस (black fungus) से पीड़ित है. परिवार का आरोप है सरकार ने समय पर इलाज के लिए इंजेक्शन नहीं उपलब्ध करवाए, इसलिए डॉक्टरों को उनके मरीज की आंख निकालनी पड़ी.

faridabad black fungus injection shortage
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Published : May 29, 2021, 11:48 AM IST

फरीदाबाद: कोरोना (coronavirus) का खतरा कम हुआ नहीं कि अब ब्लैक फंगस (black fungus) की फांस से लोग परेशान हैं. लोगों की परेशानी सिर्फ बीमारी ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य सिस्टम भी है. इसी स्वास्थ्य सिस्टम की मार महेंद्र झेल रहे हैं. महेंद्र की मां को एक महीने पहले कोरोना हुआ था. इसके बाद उन्हें स्टेरॉइड्स दिए गए. कोरोना तो ठीक हो गया, लेकिन वो ब्लैक फंगस से संक्रमित हो गईं. इस दौरान महेंद्र को इलाज के लिए इंजेक्शन (black fungus injection shortage) नहीं मिले और उनकी मां की एक आंख निकालनी पड़ी.

महेंद्र ने बताया कि उनकी मां को 13 मई को ब्लैक फंगस डायग्नोज हुआ. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सरकार से गुहार लगाई कि इलाज के लिए कारगर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाएं, लेकिन जितने मिलने चाहिए थे उतने नहीं मिले. महेंद्र ने बताया कि डॉक्टर के मुताबिक उनकी मां को रोजाना 6 इंजेक्शन दिए जाने थे. लेकिन उन्हें 7 दिनों में सिर्फ 4 ही इंजेक्शन मिले.

इंजेक्शन नहीं मिला तो निकालनी पड़ी बुजुर्ग की आंख, देखें वीडियो

ये भी पढे़ं- जिन्हें कोरोना नहीं हुआ उनको क्यों हो रहा ब्लैक फंगस, डॉक्टर ने बताए ये कारण

महेंद्र ने बताया कि अस्पताल प्रशासन लगातार सरकार को ई-मेल के जरिए इंजेक्शन की डिमांड भेज रहा था. लेकिन फिर भी इंजेक्शन नहीं मिले. आखिर में डॉक्टरों को उनकी मां की आंख को निकालना पड़ा. महेंद्र ने ये भी बताया कि आंख तो निकाल ली गई है. लेकिन समय पर इंजेक्शन ना मिलने के कारण ब्लैक फंगस दिमाग तक पहुंच चुका है.

बुजुर्ग मां का इलाज करवाने के लिए बेटा दर-दर की ठोकरें खा रहा है. महेंद्र ने अब दोबारा इंजेक्शन के लिए सरकार से गुहार लगाई है. महेंद्र ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, फरीदाबाद के जिला उपायुक्त यशपाल यादव को भी ट्वीट किया है.

ये भी पढ़ें- ब्लैक फंगस से कैसे बचना है और क्या होते हैं इसके लक्षण? यहां जानिए इस बीमारी से जुड़ी हर जानकारी

फरीदाबाद: कोरोना (coronavirus) का खतरा कम हुआ नहीं कि अब ब्लैक फंगस (black fungus) की फांस से लोग परेशान हैं. लोगों की परेशानी सिर्फ बीमारी ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य सिस्टम भी है. इसी स्वास्थ्य सिस्टम की मार महेंद्र झेल रहे हैं. महेंद्र की मां को एक महीने पहले कोरोना हुआ था. इसके बाद उन्हें स्टेरॉइड्स दिए गए. कोरोना तो ठीक हो गया, लेकिन वो ब्लैक फंगस से संक्रमित हो गईं. इस दौरान महेंद्र को इलाज के लिए इंजेक्शन (black fungus injection shortage) नहीं मिले और उनकी मां की एक आंख निकालनी पड़ी.

महेंद्र ने बताया कि उनकी मां को 13 मई को ब्लैक फंगस डायग्नोज हुआ. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सरकार से गुहार लगाई कि इलाज के लिए कारगर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाएं, लेकिन जितने मिलने चाहिए थे उतने नहीं मिले. महेंद्र ने बताया कि डॉक्टर के मुताबिक उनकी मां को रोजाना 6 इंजेक्शन दिए जाने थे. लेकिन उन्हें 7 दिनों में सिर्फ 4 ही इंजेक्शन मिले.

इंजेक्शन नहीं मिला तो निकालनी पड़ी बुजुर्ग की आंख, देखें वीडियो

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महेंद्र ने बताया कि अस्पताल प्रशासन लगातार सरकार को ई-मेल के जरिए इंजेक्शन की डिमांड भेज रहा था. लेकिन फिर भी इंजेक्शन नहीं मिले. आखिर में डॉक्टरों को उनकी मां की आंख को निकालना पड़ा. महेंद्र ने ये भी बताया कि आंख तो निकाल ली गई है. लेकिन समय पर इंजेक्शन ना मिलने के कारण ब्लैक फंगस दिमाग तक पहुंच चुका है.

बुजुर्ग मां का इलाज करवाने के लिए बेटा दर-दर की ठोकरें खा रहा है. महेंद्र ने अब दोबारा इंजेक्शन के लिए सरकार से गुहार लगाई है. महेंद्र ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, फरीदाबाद के जिला उपायुक्त यशपाल यादव को भी ट्वीट किया है.

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