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खोरी गांव की मार्मिक कहानी: सारी जमा पूंजी लगा दी, मकान बनाया और उम्र के आखिरी पड़ाव पर सड़क पर आ गए - faridabad news

कुछ ही दिनों में फरीदाबाद के खोरी गांव के लाखों लोग बेघर हो जाएंगे. हर किसी को यही चिंता है कि बिना छत के आखिर गुजारा कैसे होगा? ईटीवी भारत की टीम ने हालात से मजबूर खोरी गांव के मजबूर लोगों से बातचीत की. वहां के बाशिदों ने जिन अनुभवों को साझा किया, वो बेहद मार्मिक है.

faridabad khori village illegal encroachment
फरीदाबाद के खोरी गांव के लाखों लोग बेघर हो जाएंगे
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Published : Jun 12, 2021, 9:49 PM IST

फरीदाबाद: फरीदाबाद के खोरी गांव (Faridabad Khori Village) में होने वाले तोड़-फोड से वहां के बाशिदों के सपने चकनाचूर हो चुके हैं. इस तोड़ फोड़ की कार्रवाई से एक साथ लाखों लोग बेघर हो जाएंगे. यहां किसी को अपनी बेटी की शादी करनी है, तो किसी ने हाल ही में अपनी जिंदगी भर की पूरी पूंजी लगा कर अपना आशियाना बनाया था, लेकिन आज की परिस्थियां ऐसी बनीं, कि आज अपने सपने को अपनी आंखों के सामने टूटते देखने के सिवा कोई चारा नहीं बचा.

खोरी गांव फरीदाबाद के वन क्षेत्र में बसा है, जो कि पर्यावरण की नजर से गलत है, लेकिन अब इस गांव में लाखों जिंदगियां बसती हैं, उनका आशियाना तोड़ देने का मतलब है इन लोगों की हसती-खेलती जिंदगियों को बर्बाद कर, उन्हें रातों-रात सड़क पर छोड़ देना, ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने ये जानने की कोशिक की कि आखिर ये गांव बसा कैसे.

वीडियो में देखिए खोरी गांव की मार्मिक कहानी

ये भी पढे़ं- फरीदाबाद के खोरी गांव में 10 हजार मकानों को तोड़ेगा प्रशासन, हजारों परिवार होंगे बेघर!

'उम्र के आखिरी पड़ाव में कहां जाएं'

नूरजहां खोरी गांव की सीनियर सिटीजन हैं. वो 65 साल की हैं. जब से उन्हें ये पता चला है कि ये गांव तोड़ दिया जाएगा. उनका मकान भी उनसे छीन लिया जाएगा. तब से उनकी रातों की नींद उड़ गई है. उनके पति की 25 साल पहले मौत हो गई थी. उनकी 22 साल की बेटी है, नूरजहां अपनी बेटी की शादी की तैयारियां कर रही थीं, कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन के नोटिस ने मानों उनकी सांसें छीन ली है.

ये पढ़ें- कुछ घंटों बाद मिट जाएगा हरियाणा के इस गांव का वजूद! तोड़े जाएंगे 10 हजार मकान

'सारी जिंदगी की कमाई लगा दी, अब कहां जाएंगे'

नूरजहां की बेटी नेहा जो अब लोगों के घर में बर्तन-पौछा का काम करती है, वो खोरी गांव तोड़ने की खबर पर यकीन नहीं कर पा रही है. उसका रो-रोकर बुरा हाल है. उसका कहना है कि करीब 20 साल पहले उन्होंने यहां पर जमीन खरीदी और मकान बनाया. जिंदगी भर की मेहनत मकान में लगा दी और अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है. ऐसे में घर तोड़ने के बाद वो कहां जाएंगे, ये सोच कर भी रूह कांप जाती है.

faridabad khori village illegal encroachment
खोरी गांव में करीब 1.5 लाख लोग रहते हैं

आपको जान कर हैरानी होगी कि खोरी गांव के लोगों के सभी सरकारी कागजात बने हैं. यहां रहने वाले वासूदेव कहते हैं कि उन्होंने अपना आधार कार्ड बनावाया है. पैन कार्ड बनवाया है. हालांकि इसके लिए उनसे अधिकारियों ने पैसे ज्यादा वसूले, लेकिन सभी काम हुए हैं.

खोरी गांव में प्रशासन की तैयारियों को देख ग्रामीणों की जिंगदी रुक सी गई है. ग्रामीण अपने घरों से सामान निकाल रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों को कोरोना काल में कहां लेकर जाएंगे ये किसी को नहीं पता. इन ग्रामीणों की मांग है कि कम से कम उनके रहने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाए.

faridabad khori village illegal encroachment
गांव में है बिजली के खंबे, घर-घर है बिजली

ये भी पढे़ं- फरीदाबाद के खोरी गांव में 10 हजार मकानों को तोड़ेगा प्रशासन, हजारों परिवार होंगे बेघर!

खोरी गांव पर क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली क्षेत्र के गांव खोरी में अब फिर से तोड़फोड़ की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को 6 हफ्ते में कार्रवाई करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. जिला प्रशासन ये कार्रवाई 12 जून को करने वाला था, लेकिन इसे कुछ प्रशासनिक तैयारियों के लिए कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया है.

faridabad khori village illegal encroachment
स्थानीय लोगों के पास है आधार कार्ड

बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण था, नगर निगम ने पिछले वर्ष सितंबर में यहां कार्रवाई की थी. ऐसे ही इस वर्ष दो अप्रैल को भी खोरी गांव में बड़ी तोड़फोड़ की गई थी.

faridabad khori village illegal encroachment
गांव की गलियाों में लगी हुई हैं इंटरलॉक टाइल्स

ये भी पढे़ं- फरीदाबाद: खोरी गांव में लोगों के बेघर होने का खतरा, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

अब गांव खोरी सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां प्रशासन का पीला पंजा चलाया जाएगा.

ये पढ़ें- फरीदाबाद के खोरी गांव में धरने पर बैठे ग्रामीण, 10 हजार मकानों को बचाने की लड़ाई

फरीदाबाद: फरीदाबाद के खोरी गांव (Faridabad Khori Village) में होने वाले तोड़-फोड से वहां के बाशिदों के सपने चकनाचूर हो चुके हैं. इस तोड़ फोड़ की कार्रवाई से एक साथ लाखों लोग बेघर हो जाएंगे. यहां किसी को अपनी बेटी की शादी करनी है, तो किसी ने हाल ही में अपनी जिंदगी भर की पूरी पूंजी लगा कर अपना आशियाना बनाया था, लेकिन आज की परिस्थियां ऐसी बनीं, कि आज अपने सपने को अपनी आंखों के सामने टूटते देखने के सिवा कोई चारा नहीं बचा.

खोरी गांव फरीदाबाद के वन क्षेत्र में बसा है, जो कि पर्यावरण की नजर से गलत है, लेकिन अब इस गांव में लाखों जिंदगियां बसती हैं, उनका आशियाना तोड़ देने का मतलब है इन लोगों की हसती-खेलती जिंदगियों को बर्बाद कर, उन्हें रातों-रात सड़क पर छोड़ देना, ऐसे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने ये जानने की कोशिक की कि आखिर ये गांव बसा कैसे.

वीडियो में देखिए खोरी गांव की मार्मिक कहानी

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'उम्र के आखिरी पड़ाव में कहां जाएं'

नूरजहां खोरी गांव की सीनियर सिटीजन हैं. वो 65 साल की हैं. जब से उन्हें ये पता चला है कि ये गांव तोड़ दिया जाएगा. उनका मकान भी उनसे छीन लिया जाएगा. तब से उनकी रातों की नींद उड़ गई है. उनके पति की 25 साल पहले मौत हो गई थी. उनकी 22 साल की बेटी है, नूरजहां अपनी बेटी की शादी की तैयारियां कर रही थीं, कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन के नोटिस ने मानों उनकी सांसें छीन ली है.

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'सारी जिंदगी की कमाई लगा दी, अब कहां जाएंगे'

नूरजहां की बेटी नेहा जो अब लोगों के घर में बर्तन-पौछा का काम करती है, वो खोरी गांव तोड़ने की खबर पर यकीन नहीं कर पा रही है. उसका रो-रोकर बुरा हाल है. उसका कहना है कि करीब 20 साल पहले उन्होंने यहां पर जमीन खरीदी और मकान बनाया. जिंदगी भर की मेहनत मकान में लगा दी और अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है. ऐसे में घर तोड़ने के बाद वो कहां जाएंगे, ये सोच कर भी रूह कांप जाती है.

faridabad khori village illegal encroachment
खोरी गांव में करीब 1.5 लाख लोग रहते हैं

आपको जान कर हैरानी होगी कि खोरी गांव के लोगों के सभी सरकारी कागजात बने हैं. यहां रहने वाले वासूदेव कहते हैं कि उन्होंने अपना आधार कार्ड बनावाया है. पैन कार्ड बनवाया है. हालांकि इसके लिए उनसे अधिकारियों ने पैसे ज्यादा वसूले, लेकिन सभी काम हुए हैं.

खोरी गांव में प्रशासन की तैयारियों को देख ग्रामीणों की जिंगदी रुक सी गई है. ग्रामीण अपने घरों से सामान निकाल रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों को कोरोना काल में कहां लेकर जाएंगे ये किसी को नहीं पता. इन ग्रामीणों की मांग है कि कम से कम उनके रहने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाए.

faridabad khori village illegal encroachment
गांव में है बिजली के खंबे, घर-घर है बिजली

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खोरी गांव पर क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली क्षेत्र के गांव खोरी में अब फिर से तोड़फोड़ की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को 6 हफ्ते में कार्रवाई करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. जिला प्रशासन ये कार्रवाई 12 जून को करने वाला था, लेकिन इसे कुछ प्रशासनिक तैयारियों के लिए कुछ दिनों के लिए स्थगित किया गया है.

faridabad khori village illegal encroachment
स्थानीय लोगों के पास है आधार कार्ड

बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण था, नगर निगम ने पिछले वर्ष सितंबर में यहां कार्रवाई की थी. ऐसे ही इस वर्ष दो अप्रैल को भी खोरी गांव में बड़ी तोड़फोड़ की गई थी.

faridabad khori village illegal encroachment
गांव की गलियाों में लगी हुई हैं इंटरलॉक टाइल्स

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अब गांव खोरी सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां प्रशासन का पीला पंजा चलाया जाएगा.

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