फरीदाबाद: चीन और अन्य देशों में कोरोना के मामले को बढ़ते देखते हुए अलग-अलग देशों ने कोविड-19 पर गाइडलाइंस जारी कर दी है और इसी कड़ी में भारत भी इस कोरोना के नए वैरिएंट से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जो लोग विदेशों से आते हैं उनका कोविड-19 का टेस्ट किया जाता है. उनको 7 दिन तक इसोलेट किया जाता है. जब उसकी रिपोर्ट नॉर्मल आती है तब उन्हें घर भेजा जाता है. कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से सतर्क है. यहां कोरोना संक्रमितों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है. कोविड-19 में ऑक्सीजन की कमी न हो इस के लिए ऑक्सीजन के सिलेंडर व्यवस्था कर दिए हैं. जरूरी दवाइयां एवं समग्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा जुटा लिए गए हैं. (new variant of Corona)
सर्दी, जुकाम, खांसी वाले मरीजों के लिए अलग से फ्लू काउंटर भी बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं. बादशाह खान नागरिक अस्पताल परिसर में कोई भी व्यक्ति बिना मास्क लगाकर घूमता हुआ नजर आता है तो उसके ऊपर चालान भी किए जा रहे हैं, सरकार द्वारा गाइडलाइंस के पूरी तरह से पालन भी किया जा रहा है. (Healthcare facilities in Hospital in Faridabad)
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सीएमओ विनय गुप्ता ने बताया कि, सरकार की जो भी गाइडलाइंस है उनका हम पालन कर रहे हैं. कोविड-19 के दौरान किसी मेडिकल इक्विपमेंट की कमी न हो इसके लिए हमने अच्छी तरह से तैयारी भी कर ली है. ऑक्सीजन प्लांट को ढंग से रिव्यू कर लिया गया है कि वह काम कर रहा है कि नहीं कर रहा है. (corona precautions) (sop for corona diseases)
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सीएमओ ने कहा कि, पहले महामारी में ऑक्सीजन की कमी हमारे पास थी, लेकिन अब हमारे पास 92 मीट्रिक टन के आसपास ऑक्सीजन है. कोविड-19 दौरान जो भी ट्रीटमेंट मरीजों को चाहिए, वह पूरी तरह से हमारे पास उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि, इसका रिव्यू मैंने खुद किया है सभी तैयारी हमारी तरफ से पूरी कर ली गई है. किसी भी चुनौती से हम लड़ने को तैयार हैं. कोरोना संक्रमितों के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया है, जिसमें अभी तक 96 बेड है. जरूरत पड़ी तो बेड की संख्या और भी बढ़ा दी जाएगी. (Corona Cases in Haryana)
डॉ. विनय गुप्ता आगे बताते हैं कि, यह जो वायरस कोरोना का नया वैरिएंट आया है, बीएफ-7 वह ओमीक्रॉन का ही वर्जन है. अब तक के स्टडी के अनुसार यह वैरिएंट काफी तेजी से लोगों में फैलता है. गौरतलब है कि पिछले कोरोना के दौरान कई लोगों ने अपनी जान गई थी. समय पर सही मेडिकल ट्रीटमेंट न होने की वजह से लोगों को अपनी जान देनी पड़ी. यही वजह है कि इस बार ऐसी गलती न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है.
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