फरीदाबाद: देश में कंज्यूमर को ध्यान रखते हुए कंज्यूमर कोर्ट का निर्माण किया गया, ताकि किसी भी कस्टमर को अपने हक की लड़ाई लड़ने को लेकर कहीं और जाने की जरूरत न पड़े. हालांकि पहले ऑनलाइन शिकायत दर्ज होती थी, लेकिन अब ऑफलाइन भी शिकायत दर्ज करवाने का प्रावधान कर दिया गया है बाकायदा इसके लिए अब अलग से जज की भी नियुक्ति की गई है.
फरीदाबाद कंज्यूमर कोर्ट में एक महीने में 70-80 मामले: जब कस्टमर किसी तरह से अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है, तब जाकर वह कंज्यूमर कोर्ट का सहारा लेता है. यही वजह है कि अब कंज्यूमर कोर्ट में भी कई अहम फैसले लिए जाते हैं और कस्टमर को पूरी संतुष्टि कंज्यूमर कोर्ट से मिलता है. वहीं, फरीदाबाद में लगभग हर महीने 70 से 80 केस फरीदाबाद जिला कंज्यूमर कोर्ट में दर्ज किए जाते हैं. यहां, एक महीने में करीब 80 से लेकर 100 मामलों को निपटाया जाता है.
इन परिस्थितियों में कंज्यूमर खटखटाते हैं कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा: ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य मुकेश शर्मा ने बताया 'हमारे पास डिफिशिएंसी इन सर्विस से संबंधित मामले आते हैं. इसमें हाउसिंग, बिजली, इंश्योरेंस, बैंक, बिल्डर, कंपनी, रेट से ज्यादा दाम पर सामान देने के मामले सामने आते हैं. सरकारी और प्राइवेट संस्थान कंपनी इत्यादि के ऊपर मामले दर्ज किए जाते हैं. उदाहरण के तौर पर अपने हेल्थ इंश्योरेंस लिया और जब आप अस्पताल में एडमिट हुए उस समय हेल्थ इंश्योरेंस वालों ने आपको क्लेम नहीं दिया तो लोग कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं.'
फरीदाबाद कंज्यूमर कोर्ट में बिल्डरों के खिलाफ मामले ज्यादा: जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य मुकेश शर्मा के अनुसार, फरीदाबाद कंज्यूमर कोर्ट में हर महीने 80 से 100 के करीब कंप्लेंट का निपटारा किया जाता है वही मामले भी 70 से 80 हर महीने दर्ज किए जाते हैं. फरीदाबाद में ज्यादातर बिल्डरों के खिलाफ मामले आते हैं. इसके अलावा हुडा डिपार्मेंट के खिलाफ भी शिकायतें आती हैं.
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जिला कंज्यूमर कोर्ट को 50 लाख तक मुआवजे का प्रवाधान: हालांकि मुआवजे की रकम का भी प्रावधान है. जिला कंज्यूमर कोर्ट को 50 लाख तक मुआवजा तक फैसला सुना सकते हैं. यदि मुआवजा राशि 50 लाख से ज्यादा है तो उसके लिए ऊपरी कंज्यूमर कोर्ट में मामले को ट्रांसफर कर दिया जाता है.
इन परिस्थितियों में भी कंज्यूमर कोर्ट पहुंचते हैं उपभोक्ता: गौर रहे कि फरीदाबाद में बिजली विभाग के खिलाफ भी बैंक के खिलाफ भी मामले दर्ज किए जाते हैं. अक्सर देखा जाता है कि बिजली बिल यूनिट से ज्यादा आता है और कस्टमर बार-बार बिजली दफ्तर के चक्कर काटता है, लेकिन फिर भी वहां पर उसकी सुनवाई नहीं होती है तब जाकर आखिरी में वह कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है. वहां कस्टमर को इंसाफ मिलता है. इसी तरह से छोटे दुकान से लेकर बड़े-बड़े कंपनियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए जाते हैं और कस्टमर को कंज्यूमर कोर्ट में इंसाफ मिलता है.
हुडा डिपार्टमेंट पर जुर्माना: हालांकि फरीदाबाद में अधिकतर प्रॉपर्टी से जुड़े मामले सामने आते हैं. क्योंकि एनसीआर में होने की वजह से यह जमीन और फ्लैट काफी महंगे हैं. यही वजह है कि बिल्डरों द्वारा पैसे लेकर भी कस्टमर को फ्लैट नहीं दिया जाता है. अंत में कस्टमर परेशान होकर मामला कंज्यूमर कोर्ट में दर्ज करवाता है. हालांकि हाल ही में हुडा डिपार्मेंट के खिलाफ कस्टमर ने मामला दर्ज करवाया था. मामले में बहस भी चली और आखिर में कंज्यूमर कोर्ट ने हुडा डिपार्टमेंट पर जुर्माना भी लगाया.
यहां दर्ज करा सकते हैं शिकायत: बता दें कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं अपनी शिकायतों को ऑनलाइन माध्यम से भी दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए कंज्यूमर कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट ( https://consumerhelpline.gov.in/ ) पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए अपना नाम, नंबर और अन्य जानकारी डालकर अकाउंट बनाकर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं.
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