फरीदाबाद: शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रदेश के हर जिले में रोजगार कार्यालय (Employment Office Haryana) खोले गए, इन कार्यालयों का काम युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है. शुरुआत में रोजगार कार्यालयों से लोगों को रोजगार मिला, लेकिन वक्त बीतने के साथ रोजगार कार्यालय की जिम्मेदारी भी लगभग खत्म सी हो गई. हम बात कर रहे हैं फरीदाबाद रोजगार कार्यालय (Employment Office Faridabad) से युवाओं को निराशा ही हाथ लगी है. ना तो युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं ना ही रोजगार भत्ता.
फरीदाबाद रोजगार कार्यालय में 2 साल से 16 युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है. जबकि यहां 24 के लगभग स्टाफ कार्यरत है. फरीदाबाद की आबादी 24 लाख के करीब है और इतनी बड़ी आबादी में केवल 16 लोगों को रोजगार भत्ता दिया जाना ऐसा ही है जैसे ऊंट के मुंह में जीरा. युवाओं की मानें तो रोजगार कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी सिर्फ मोटा वेतन ले रहे हैं. युवाओं ने बताया कि कई बार अप्लाई करने के बाद भी उनको भत्ता नहीं दिया गया.
हरियाणा सरकार ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं को उनकी दैनिक खर्चा पूर्ति के लिए 1500 रुपये बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरुआत भी की. बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएट युवकों को दिया जाता है. ये लाभ तब तक दिया जाता है जब तक युवक को नौकरी नहीं मिल जाती. ये योजना भी सिर्फ कागजों में सिमटती हुई नजर आ रही है. युवाओं के मुताबिक रोजगार कार्यालयों में बस कागजी कार्रवाई की जाती है. बड़ी संख्या में पढ़े लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं.
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हरियाणा सरकार ने बेरोजगारी भत्ता की जो स्कीम चलाई है उसके लिए लाभार्थी को हरियाणा वासी होना जरूरी है. इसके अलावा रोजगार ना होने का शपथ पत्र और शिक्षा से संबंधित दस्तावेज रोजगार कार्यालय में जमा करवाना होता है. जिसके बाद युवक का रजिस्ट्रेशन होता है. इनके बाद बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है. लेकिन ये सब अब सिर्फ कागजों तक ही सीमित हो गया है. जिले में खुले रोजगार कार्यालय सफेद हाथी साबित हो रहे हैं.