फरीदाबाद: कहा जाता है कि मेहनत से सफलता पाई जा सकती है, ऐसा ही बल्लभगढ़ के चावला कॉलोनी में रहने वाले कौशल ने कर दिखाया है. उसने सीबीएसई के दसवीं में 97 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. कौशल ने बल्लभगढ़ के एक निजी स्कूल में ही पढ़ाई की है. उसकी मेहनत में परिवार और स्कूल के अध्यापकों ने भी साथ दिया. कौशल ने बिना ट्यूशन पढ़े ही इस सफलता को हासिल किया है. आपको बता दें कि 10वीं और 12वीं का सीबीएसई रिजल्ट 12 मई को घोषित किया गया था.
बल्लभगढ़ चावला कॉलोनी के रहने वाले कौशल ने बताया कि स्कूल से घर आकर स्कूल का होमवर्क करने के बाद वह अपने कमरे में बैठकर पढ़ाई करता था. स्कूल के बाद घर में ही हर दिन 6 घंटे तक पढ़ाई करता था. कौशल ने कहा कि उसे विश्वास था कि वो इस अचीवमेंट को पा लेगा. कौशल ने बताया कि स्कूल में भी जब प्री-एग्जाम होते थे, उसमें भी उसकी फर्स्ट रैंक आती थी. इस दौरान कौशल ने कहा कि कभी भी असफलता से हार नहीं माननी चाहिए.
उन्हें दोबारा कड़ी मेहनत से आगे की तैयारी कर फिर से कोशिश करनी चाहिए. वहीं कौशल के पिता नवीन कुमार ने बताया कि कौशल शुरू से ही पढ़ने का शौकीन था. स्कूल से आने के बाद भी उसे पढ़ता हुआ ही देखा करते थे. उसकी मेहनत में सबसे ज्यादा योगदान उसके दादाजी का रहा है. उसके दादाजी भी घर पर उसकी पढ़ाई में मदद किया करते थे. आज उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि उनके बेटे ने 97 प्रतिशत नंबर हासिल किए हैं.
उन्हें खुशी है कि अब वे अपने बेटे कौशल के नाम से जाने जाएंगे. कौशल की मां परविशा ने कहा कि बेटे ने 97 प्रतिशत नंबर हासिल किए हैं. इससे वे बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि माता-पिता के लिए इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है. कौशल की मां खुद एक स्कूल टीचर हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें विश्वास था कि उनका बेटा एक दिन उनके परिवार का नाम रोशन करेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि हर मां-बाप को अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देनी चाहिए.
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फरीदाबाद बोहरा पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल रोहन खन्ना ने बताया कि उनके स्कूल के स्टूडेंट ने 97 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. यह बेहद खुशी की बात है. उन्होंने बताया कि उनकी स्कूल का एक नियम है कि 96 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले स्टूडेंट की आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च स्कूल वहन करता है. फिर चाहे स्टूडेंट आईआईटी करें या किसी विषय में ग्रेजुएशन करें. यहां तक की कोचिंग तक का खर्चा स्कूल की तरफ से दिया जाता है.