फरीदाबाद: देश और प्रदेश की जनता का स्वास्थ्य सही रहे इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं. लेकिन, अधिकारियों और संबंधित विभाग की लापरवाही के कारण एक ओर सरकार के लाखों रुपए बर्बाद हो रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर इन सरकारी योजनाओं पर भी संकट मंडरा रहा है. दरअसल लापरवाही के कारण हरियाणा के फरीदाबाद के ग्रामीण क्षेत्र में बने व्यायामसाला अपनी दयनीय हालत पर इन दिनों आंसू बहा रहे हैं.
पृथला विधानसभा क्षेत्र बने व्यायामशाला की स्थिति दयनीय: बता दें कि फरीदाबाद के पृथला विधानसभा क्षेत्र के लगते हुए जाजरू गांव और सोताई में जहां व्यामशाला का निर्माण किया गया था, उनमें अब झाड़ियां उगी हुई हैं. यहां पर ना तो कोई ग्रामीण इसमें आता है और ना ही प्रशासन के अधिकारियों को इसकी परवाह है. आलम यह है कि यहां पर जगह-जगह लंबी-लंबी झाड़ियां उग चुकी हैं. सरकार द्वारा लगाए गए मिनी ओपन जिम की स्थिति भी खराब है.
करोड़ों रुपये की कीमती जमीन पर व्यायामशाला का निर्माण: पूरे वर्ष में सिर्फ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को इर्द गिर्द ही साफ-सफाई कराई जाती है. सरकार ने पंचायत की करोड़ों रुपए की कीमती जमीन पर 6 वर्ष पहले जिले के 26 गांव में व्यामशाला बनाई थी. एक व्यामशाला 2 एकड़ पंचायती जमीन में 40 लाख रुपए लागत से तैयार की गई. सरकार का उद्देश्य था कि इन व्यामशालाओं में पूरे वर्ष लोगों नियमत योग करें और सुबह शाम एक्सरसाइज करके लोग स्वस्थ रहें, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इन व्यायामशाला में योगा शिक्षक भी नियुक्त करने की योजना थी, लेकिन प्रशासन की उदासीनता की वजह से ना तो कोई योगा शिक्षक आया और ना ही अभी तक किसी भी व्यामशालाओं कोई भी ग्रामीण व्यायाम या योगा करने के लिए नहीं आता है.
सरपंच की दलील: वहीं, जाजरू गांव के सरपंच अजय डागर कहते हैं कि, '3 साल से गांव में पंचायत भंग थी. ऐसे में व्यामशालाओं की अनदेखी हुई है. पिछले 6 महीने पहले ही सरपंच बना हूं. अब हमारे पास फंड आया है उससे हम काम करवाएंगे. हालांकि सरकार ने बहुत कम फंड दिया हैं. उसमें काम करना मुश्किल है, लेकिन फिर भी हम अब इसके ऊपर ध्यान देंगे.'
व्यायामशाला से स्थानीय लोग परेशान: हालांकि ग्रामीणों ने इनकी शिकायत कई बार अधिकारियों से भी की है. लेकिन, अधिकारी और गांव के मौजूदा लोग इसकी साफ-सफाई को लेकर गंभीर नहीं हैं. वही, गांव के लोगों का कहना है कि कोई योग शिक्षक वहां पर नहीं लगाया गया है. जब यहां पर व्यामशाला नहीं बनाई गई थी, तब कम से कम इस पट्टे पर उठाकर पंचायत की आय तो होती थी. अब ना तो पंचायत की आय होती है और ना ही यहां पर योग किया जाता है. इस तरह से व्यामशाला सरकार के उद्देश्य पर खरा नहीं उतर पा रही है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर सरकार को सिर्फ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नजदीक ही योग क्यों याद आता है. जबकि यह तो निरंतर की प्रक्रिया है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आने वाले हैं. इसलिए व्यामशाला सरकार की ओर से व्यायामशाला की साफ-सफाई कराई जाएगी, फिर कोई नहीं पूछेगा. वहीं, गांव के युवक अमर सिंह का कहना है कि इस व्यामशाला के ऊपर किसी का भी कोई ध्यान नहीं है. इसके लिए प्रशासन और जो पंचायत के मौजूदा लोग हैं वह जिम्मेदार हैं. उन्हें इसके ऊपर ध्यान देना चाहिए.
क्या कहते हैं खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी?: हालांकि इस बारे में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अजीत सिंह का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आने वाला है. हर गांव और जिला स्तर पर योग का प्रशिक्षण दिया जाता है. इन व्यायामशाला में भी योग की कक्षाएं शुरू होंगी. इसलिए हमने सभी 26 गांव के पंचायत सचिव को 1 सप्ताह के अंदर व्यायामशाला की सफाई करने के लिए पत्र लिख कर भेजा है.
उन्होंने कहा कि यदि 1 सप्ताह में सफाई नहीं होती है तो इसका जिम्मेदार सरपंच और पंचायत सचिव होगा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऐसे कैसे होगा योगा और सरकार जो जिम्मेदार व्यक्ति है उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती. इन अधिकारियों को योगा दिवस के आसपास ही इसकी साफ-सफाई का ध्यान क्यों आता है.
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