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अगर आप ड्राइविंग स्कूल चलाते हैं तो जरूरी है ये गाइडलाइन, नहीं तो रद्द हो जाएगा लाइसेंस - ड्राइविंग स्कूल आरटीओ नियम

फरीदाबाद में 20 और पलवल में 3 ड्राइविंग स्कूल हैं. वहां पर किस तरह से लोगों को ड्राइविंग सिखाई जाती है और ड्राइविंग स्कूल के लिए क्या-क्या गाइडलाइन हैं? इस रिपोर्ट में जानिए-

driving schools rto norms
क्या आपका ड्राइविंग स्कूल RTO की इन गाइडलाइन्स को कर रहा है फॉलो
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Published : Feb 10, 2021, 2:28 PM IST

फरीदाबाद: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में ड्राइविंग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है. हर कोई अपने जीवन में एक बार कार जरूर चलाना चाहता है. यही वजह है कि आज के वक्त में ड्राइविंग स्कूल एक अच्छा बिजनेस बन चुके हैं. अगर बात फरीदाबाद की करें तो यहां करीब 20 ड्राइविंग स्कूल चल रहे हैं तो वहीं पलवल में भी 3 ड्राइविंग स्कूल चल रहे हैं. जिनपर सड़क परिवहन विभाग की ओर से पूरी नजर रखी जाती है.

पलवल में किस तरह से लोगों को ड्राइविंग सिखाई जा रही है. ये बताया सालों से कार ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने वाले जोगिंदर ने. जोगिंदर ने बताया की जब भी उनके पास गाड़ी सीखने के लिए कोई आता है तो सबसे पहले उसको गाड़ी के बारे में बेसिक जानकारी दी जाती है, जिसमें गाड़ी के गेर बॉक्स से लेकर रेस, ब्रेक, क्लच और दूसरी बातों के बारे में बताया जाता है.

अगर आप ड्राइविंग स्कूल चलाते हैं तो जरूरी है ये गाइडलाइन

जोगिंदर ने बताया कि पहले ग्राउंड पर गाड़ी चलाना सिखाया जाता है. उसके बाद ही रोड पर गाड़ी ले जाते हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए हर गाड़ी में डबल ब्रेक, रेस और क्लच लगाए जाते हैं, जो सिर्फ उन्हीं गाड़ियों में लगाए जाते हैं जिनसे कार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि अगर कार चलाने वाला कार से नियंत्रण खो दे तो उसकी साइड में बैठा ट्रेनर खुद कार को कंट्रोल कर सके.

जोगिंदर ने बताया कि कार सिखाने के लिए 2 हजार रुपये फीस के तौर पर लिए जाते हैं. ड्राइविंग स्कूल 10 दिन में कार सिखाता है. उन्होंने बताया कि हर रोज 10 किलोमीटर तक कार का प्रशिक्षण दिया जाता है.

5 साल में रिन्यू होता है लाइसेंस

ड्राइविंग स्कूलों पर सड़क परिवहन विभाग (आरटीओ) की ओर से नजर रखी जाती है और यहीं से ड्राइविंग स्कूल खोलने के लिए लाइसेंस आवंटित किए जाते हैं. सड़क परिवहन विभाग की ओर से 5 साल के लिए ड्राइविंग स्कूल का लाइसेंस दिया जाता है और हर 5 साल में ये लाइसेंस रिन्यू करवाना पड़ता है.

driving schools rto norms
ये बातें जाननी है जरूरी

ड्राइविंग स्कूल के लिए RTO जारी करता है गाइडलाइन

ड्राइविंग स्कूल चलाने के लिए सड़क परिवहन विभाग की तरफ से कई सारी गाइडलाइन जारी की जाती हैं, जिनका फॉलोअप ड्राइविंग स्कूल को करना होता है और अगर चेकिंग के दौरान कोई भी ड्राइविंग स्कूल इन गाइडलाइंस का पालन करता हुआ नहीं मिलता है तो उस ड्राइविंग स्कूल का सड़क परिवहन की तरफ से बनाया गया ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है, आइए बात करते हैं कि उन गाइडलाइंस के बारे में जो एक ड्राइविंग स्कूल को चलाते समय ध्यान में रखनी होती है-

driving schools rto norms
rto की गाइडलाइन

ये भी पढ़िए: ब्यूटिफुल सिटी चंडीगढ़ में पार्कों की कमी! बच्चों को खेलने में होती है परेशानी

वहीं सड़क परिवहन विभाग की ओर से इन ड्राइविंग स्कूलों पर नजर रखी जाती है. विभाग की ओर से समय-समय पर इन स्कूलों की चेकिंग भी की जाती है और इन में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों के दस्तावेजों सहित दूसरी जानकारियां भी जुटाई जाती हैं. ऐसे में जो भी स्कूल दिशा निर्देशों पर खरा नहीं उतरता तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है.

फरीदाबाद: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में ड्राइविंग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है. हर कोई अपने जीवन में एक बार कार जरूर चलाना चाहता है. यही वजह है कि आज के वक्त में ड्राइविंग स्कूल एक अच्छा बिजनेस बन चुके हैं. अगर बात फरीदाबाद की करें तो यहां करीब 20 ड्राइविंग स्कूल चल रहे हैं तो वहीं पलवल में भी 3 ड्राइविंग स्कूल चल रहे हैं. जिनपर सड़क परिवहन विभाग की ओर से पूरी नजर रखी जाती है.

पलवल में किस तरह से लोगों को ड्राइविंग सिखाई जा रही है. ये बताया सालों से कार ड्राइविंग की ट्रेनिंग देने वाले जोगिंदर ने. जोगिंदर ने बताया की जब भी उनके पास गाड़ी सीखने के लिए कोई आता है तो सबसे पहले उसको गाड़ी के बारे में बेसिक जानकारी दी जाती है, जिसमें गाड़ी के गेर बॉक्स से लेकर रेस, ब्रेक, क्लच और दूसरी बातों के बारे में बताया जाता है.

अगर आप ड्राइविंग स्कूल चलाते हैं तो जरूरी है ये गाइडलाइन

जोगिंदर ने बताया कि पहले ग्राउंड पर गाड़ी चलाना सिखाया जाता है. उसके बाद ही रोड पर गाड़ी ले जाते हैं. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए हर गाड़ी में डबल ब्रेक, रेस और क्लच लगाए जाते हैं, जो सिर्फ उन्हीं गाड़ियों में लगाए जाते हैं जिनसे कार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि अगर कार चलाने वाला कार से नियंत्रण खो दे तो उसकी साइड में बैठा ट्रेनर खुद कार को कंट्रोल कर सके.

जोगिंदर ने बताया कि कार सिखाने के लिए 2 हजार रुपये फीस के तौर पर लिए जाते हैं. ड्राइविंग स्कूल 10 दिन में कार सिखाता है. उन्होंने बताया कि हर रोज 10 किलोमीटर तक कार का प्रशिक्षण दिया जाता है.

5 साल में रिन्यू होता है लाइसेंस

ड्राइविंग स्कूलों पर सड़क परिवहन विभाग (आरटीओ) की ओर से नजर रखी जाती है और यहीं से ड्राइविंग स्कूल खोलने के लिए लाइसेंस आवंटित किए जाते हैं. सड़क परिवहन विभाग की ओर से 5 साल के लिए ड्राइविंग स्कूल का लाइसेंस दिया जाता है और हर 5 साल में ये लाइसेंस रिन्यू करवाना पड़ता है.

driving schools rto norms
ये बातें जाननी है जरूरी

ड्राइविंग स्कूल के लिए RTO जारी करता है गाइडलाइन

ड्राइविंग स्कूल चलाने के लिए सड़क परिवहन विभाग की तरफ से कई सारी गाइडलाइन जारी की जाती हैं, जिनका फॉलोअप ड्राइविंग स्कूल को करना होता है और अगर चेकिंग के दौरान कोई भी ड्राइविंग स्कूल इन गाइडलाइंस का पालन करता हुआ नहीं मिलता है तो उस ड्राइविंग स्कूल का सड़क परिवहन की तरफ से बनाया गया ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है, आइए बात करते हैं कि उन गाइडलाइंस के बारे में जो एक ड्राइविंग स्कूल को चलाते समय ध्यान में रखनी होती है-

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rto की गाइडलाइन

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वहीं सड़क परिवहन विभाग की ओर से इन ड्राइविंग स्कूलों पर नजर रखी जाती है. विभाग की ओर से समय-समय पर इन स्कूलों की चेकिंग भी की जाती है और इन में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों के दस्तावेजों सहित दूसरी जानकारियां भी जुटाई जाती हैं. ऐसे में जो भी स्कूल दिशा निर्देशों पर खरा नहीं उतरता तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है.

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