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फरीदाबाद में आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

आंगनबाड़ी और हेल्पर्स ने मंगलवार को फरीदाबाद में प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (Aanganwadi workers Protest in Faridabad) किया. जहां आंगनबाड़ी वर्कर्स ने प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Anganwadi Workers protest in Haryana
Anganwadi Workers protest in Haryana
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Published : Feb 15, 2022, 4:29 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स का प्रदर्शन 8 दिसंबर से लगातार जारी है. मंगलवार को 70वें दिन भी आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन जारी रहा. आंदोलन के 70 दिन होने पर तय कार्यक्रम के अनुसार आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर यूनियन हरियाणा के बैनर तले फरीदाबाद में आंगनबाड़ी वर्कर्स ने धरना प्रदर्शन किया (Aanganwadi workers Protest in Faridabad) और अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा.

इस दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को लागू करने की बजाय प्ले वे स्कूल और डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के नाम पर आंगनबाड़ी केंद्रों को एनजीओ के हवाले करना चाहती है. मुख्यमंत्री ने 2018 में लंबी हड़ताल के बाद मांगों को मान लिया था और लागू करने का आश्वासन दिया था. लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई. सरकार के दबाव में सुपरवाइजर आंगनबाड़ी कर्मियों के घर-घर जाकर दबाव बना रही है की हड़ताल छोड़ दे. जिसके चलते यूनियन विरोध कर रही है.

ये भी पढ़ें- भिवानी में आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन, मनोहर लाल सरकार का जलाकर जताया रोष

आंगनबाड़ी वर्कर्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी भी आंगनबाडी कर्मी ने दबाव में कोई गलत कदम उठा लिया, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों व सुपरवाइजर की होगी. जिसका परिणाम भविष्य में भुगतना पड़ेगा. गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता, तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं.

इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं. हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनबाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है. इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

ये भी पढ़ें- गुरुग्राम पहुंचे सीएम मनोहर लाल का आंगनवाड़ी वर्कर्स ने की घेराव की कोशिश, पुलिस ने खदेड़ा, एक वर्कर गंभीर

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फरीदाबाद: हरियाणा में आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स का प्रदर्शन 8 दिसंबर से लगातार जारी है. मंगलवार को 70वें दिन भी आंगनबाड़ी वर्कर्स का प्रदर्शन जारी रहा. आंदोलन के 70 दिन होने पर तय कार्यक्रम के अनुसार आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर यूनियन हरियाणा के बैनर तले फरीदाबाद में आंगनबाड़ी वर्कर्स ने धरना प्रदर्शन किया (Aanganwadi workers Protest in Faridabad) और अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा.

इस दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को लागू करने की बजाय प्ले वे स्कूल और डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के नाम पर आंगनबाड़ी केंद्रों को एनजीओ के हवाले करना चाहती है. मुख्यमंत्री ने 2018 में लंबी हड़ताल के बाद मांगों को मान लिया था और लागू करने का आश्वासन दिया था. लेकिन तीन साल बीतने के बाद भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई. सरकार के दबाव में सुपरवाइजर आंगनबाड़ी कर्मियों के घर-घर जाकर दबाव बना रही है की हड़ताल छोड़ दे. जिसके चलते यूनियन विरोध कर रही है.

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आंगनबाड़ी वर्कर्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी भी आंगनबाडी कर्मी ने दबाव में कोई गलत कदम उठा लिया, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों व सुपरवाइजर की होगी. जिसका परिणाम भविष्य में भुगतना पड़ेगा. गौरतलब है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स 8 दिसंबर से लगातार अपनी मांगों के समर्थन में रोजाना विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. साथ ही जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता, तब तक वर्करों को न्यूनतम वेतन 24 हजार व हेल्परों को 16 हजार रुपये दिए जाएं.

इसके अलावा वर्ष 2018 में मानी गई मांगों को लागू किया जाए. महंगाई भत्ते की किश्तें जारी की जाएं. हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी और हेल्पर्स को वार्ता के लिए आमंत्रित भी किया था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ वार्ता हुई, लेकिन वार्ता में कुछ हल नहीं निकला पाया. ऐसे में आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन का ऐलान कर रखा है. आंगनबाड़ी यूनियन की नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है. इसलिए उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है.

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