फरीदाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान में राजनीतिक और समाजिक हालात खराब चल रहे हैं. ऐसे में भारत सरकार ने देश में रह रहे पाकिस्तानी और अफगानिस्तान लौटे परिवारों को भारत की नागरिकता देनी शुरू कर दी है. फरीदाबाद जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव के मुताबिक अभी तक 30 से ज्यादा लोगों को भारत की नागरिकता (People Got Indian Citizenship In Faridabad) दी जा चुकी है.
सोमवार शाम को फरीदाबाद जिला उपायुक्त कार्यालय में पाकिस्तान से भारत में शरण लेने आए दानिश और गीता को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र दिया गया. इस दौरान भारतीय नागरिक बनने के बाद दानिश ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, यहां की नागरिकता मिलना उनके लिए एक सपने जैसा है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम कंट्री होने के चलते वहां हालात बेहद खराब हैं इसलिए उन्हें भारत आना पड़ा. फिलहाल दानिश भारत में ही नौकरी कर रहे हैं.
वहीं गीता पाकिस्तान के बन्नू क्षेत्र से करीब 10 साल पहले भारत आई थी. जिला उपायुक्त से सर्टिफिकेट मिलने के बाद गीता ने कहा कि भारतीय नागरिकता मिलने से उसे भी काफी खुशी है. गीता ने बताया कि उनका परिवार पाकिस्तान के बन्नू क्षेत्र में रहता था, लेकिन सभी लोग पहले ही भारत आ गए थे, इसलिए उसे भी वहां से वापस आना पड़ा. अब वह भी भारत की नागरिक बन गई है और इस बात की उसे काफी खुशी है.
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कैसे दी जाती है नागरिकता: फरीदाबाद के डीसी जितेंद्र यादव ने इस दौरान मीडिया को जानकारी दी कि गृह मंत्रालय और आईबी की रिपोर्ट मिलने के बाद नागरिकता लेने वाले लोगों के दस्तावेज जांचे जाते हैं. कई प्रक्रिया से गुजरने के बाद डॉक्यूमेंट्स सही पाए जाने पर उन्हें भारतीय नागरिक का दर्जा दिया जाता है.
आपको बता दें कि भारत सरकार ने 'नागरिकता अधिनियम 1955' की धारा 16 की प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय, जिनमें हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी लोग आते हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता देने की शक्ति 13 जिलाधीशों को प्रदान की है.
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