चरखी दादरी: सरकार की टीचर ट्रांसफर पॉलिसी (teacher transfer policy) के चलते शिक्षकों के तबादले होने से राजकीय स्कूलों में व्यवस्था डगमगा गई है. दादरी के बाढड़ा ब्लॉक की अगर बात करें तो गांव हंसावास कलां का सरकारी स्कूल ऐसा है, जिसमें अध्यापकों के पद खत्म कर दिए गए हैं. स्कूल में सिर्फ एक ही अध्यापक का पद बचा है. ऐसे में ग्रामीणों ने सरपंच दिनेश श्योरण की अगुवाई में पंचायत कर स्कूल गेट पर ताला लगा दिया. स्कूली बच्चों के साथ रोष प्रदर्शन करते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर (Villagers protest in Charkhi Dadri) दिया. धरने करते हुए सरपंच सहित बच्चों ने अल्टीमेटम दिया कि अध्यापकों के खाली पदों की नियुक्ति के बाद ही स्कूल का ताला खोला जाएगा.
बता दें कि बाढड़ा ब्लाक के गांव हंसावास कलां के राजकीय माध्यमिक स्कूल चरखी दादरी (Government Secondary School Charkhi Dadri) में टीचर ट्रांसफर पॉलिसी के दौरान सभी अध्यापकों के पदों को खत्म कर दिया गया. ऐसे में इस स्कूल में पढ़ने वाले करीब सौ से ज्यादा बच्चों के भविष्य पर तलवार लटक गई है. मामले को लेकर सरपंच दिनेश श्योराण की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन कर विरोध करने का निर्णय लिया. ग्रामीणों ने स्कूल के सभी बच्चों के साथ गेट पर ताला लगाते हुए रोष प्रदर्शन किया और अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. वहीं स्कूली बच्चों का कहना है कि अगर स्कूल में अध्यापक नहीं होंगे तो वह स्कूल में नहीं (Students protest in Charkhi Dadri) आएंगे.
सरपंच दिनेश श्योराण ने बताया कि स्कूल में सभी अध्यापकों के तबादले हो गए हैं, सिर्फ एक मुख्याध्यापक ही बचा है. ऐसे में उनके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हालांकि ग्रामीणों ने बाढड़ा विधायक नैना चौटाला को भी ज्ञापन सौंपा था. बावजूद इसके कोई समाधान नहीं हुआ. वहीं ग्रामीण राजवीर नंबरदार ने कहा कि अब अध्यापकों की नियुक्ति के बाद ही स्कूल गेट का ताला खोला जाएगा.
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