चरखी दादरी: स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले कई दिनों से लिए गए कोरोना के हजारों सैंपल जांच के लिए ही नहीं भेजे. इसका खुलासा बीते शनिवार को एसडीएम डॉ. विरेंद्र सिंह द्वारा सिविल अस्पताल के सैंपल रूम का निरीक्षण किया गया तो हुआ. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के एडीजी जितेंद्र ग्रेवाल ने अपनी टीम के साथ सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और सैंपल रूम को सील कर दिया गया.
टीम द्वारा कोरोना ओपीडी और अन्य शाखाओं का भी निरीक्षण किया गया. टीम द्वारा पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार की गई है. बता दें कि चरखी दादरी जिले के सभी क्षेत्रों से कोरोना के सैंपल लेकर सिविल अस्पताल में सैंपल रूम में रखवाए जाते हैं. जहां से चिकित्सकों द्वारा सैंपलों को जांच के लिए लैब में भेजा जाता है. बावजूद इसके हजारों सैंपलों को जांच के लिए नहीं भेजा गया. जिसकी शिकायत कुछ लोगों ने प्रशासन को की.
5257 सैंपल जांच के लिए नहीं भेजे गए- सूत्र
शिकायत के आधार पर शनिवार को एसडीएम डॉ. विरेंद्र सिंह ने सैंपल रूम का निरीक्षण किया. सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान 5257 सैंपल रूम में मिले जिन्हें जांच के लिए नहीं भेजा गया था. बताया ये भी जा रहा है एक प्रशासनिक अधिकारी का भी सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया था.
ऐसे में प्रशासन द्वारा उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के एडीजी जितेंद्र ग्रेवाल गुरुवार को अपनी टीम के साथ सिविल अस्पताल पहुंचे और निरीक्षण किया. टीम ने कोरोना सैंपल रूम को सील कर दिया और कोरोना ओपीडी और अन्य शाखाओं का निरीक्षण किया. स्वास्थ्य विभाग की टीम के निरीक्षण के दौरान अस्पताल में हड़कंप मच गया.
इस दौरान अस्पताल में पहुंचे सरपंच राजकरण पांडवान और प्रियंका ने टीम के समक्ष लिखित में शिकायत दी. जिसमें बताया कि उन्होंने कोरोना टेस्ट करवाया था, लेकिन रिपोर्ट नहीं दी. दोबारा फीस देकर टेस्ट करवाया तो रिपोर्ट देने में आनाकानी की गई. एडीजी द्वारा दोनों से लिखित शिकायत ली और अपनी रिपोर्ट तैयार की.
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सरपंच राजकरण पांडवान और प्रियंका ने बताया कि कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं. एक बार टेस्ट करवाया तो कोई रिपोर्ट नहीं दी. फिर से अस्पताल में फीस जमा करवाकर कोरोना टेस्ट करवाया. रिपोर्ट आ चुकी है लेकिन चिकित्सक रिपोर्ट नहीं दे रहे. ऐसे में उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं स्वास्थ्य विभाग के एडीजी जितेंद्र ग्रेवाल ने बताया कि कोरोना सैंपलों को जांच के लिए नहीं भेजा गया, इसकी वो जांच कर रहे हैं. अस्पताल में निरीक्षण के दौरान कुछ खामियां मिली हैं, जिस बारे रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों को कोविड बारे दिशा-निर्देश दिए गए हैं.