चरखी दादरीः हरियाणा सरकार प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढ़ने के लिए भले ही लाख दावे करे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में अध्यापकों की कमी और जर्जर हो चुके भवन सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं. भिवानी का भैरवी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Bhairavi Government Post Graduate College) भी सरकार के ऐसे ही दावों की पोल खोल रहा है. जिसमें न पूरे टीचर हैं और भवन भी जर्जर हो रहा है. इन समस्याओं के संज्ञान में आने के बाद पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने महाविद्यालय का दौरा किया. इस दौरान छात्रों ने बताया कि कॉलेज में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की कमी है जिसके कारण पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
सरकारी कॉलेजों में प्राध्यापक की कमी- पूर्व मंत्री ने कहा कि वैसे तो सरकार बेटी पढ़ाओ के नारे देती है लेकिन बेटियों को पढ़ाने के लिए कॉलेजों में प्राध्यापक तक नहीं हैं. कई बार वो सरकारी अधिकारियों को कॉलेज में स्टाफ बढ़ाने के लिए पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक स्टाफ नहीं बढ़ाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ कि नियुक्ति नहीं की गई तो वो छात्रों के साथ भूख हड़ताल (Satpal Sangwan hunger strike in charkhi dadri) करेंगे. कॉलेज के छात्रों ने कहा कि कॉलेज में केवल डेपुटेशन पर आए 2 प्राध्यापक हैं जिसके कारण पूरी क्लासें नही लग रही हैं.
कॉलेज भवन भी जर्जर- छात्रों का कहना है कि कॉलेज में ना स्वीपर और ना ही कोई चपरासी है. खेल स्टेडियम भी जंगल बन चुका है. उन्होंने कहा कि कॉलेज भवन की हालत भी खस्ता हो चुकी है. किसान मॉडल स्कूल की बिल्डिंग में चल रहे कॉलेज में केवल एक लाइब्रेरियन है. प्राचार्य जगबीर सिंह ने बताया कि 9 प्राध्यापकों की जरुरत है लेकिन अभी स्टाफ पूरा नहीं है जिसके कारण छात्रों को दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज में 236 आर्टस और कॉमर्स के केवल 5 छात्र है. प्राध्यापकों की कमी के कारण दाखिले भी कम (less admission in college of charkhi dadri) हो रहे हैं.
डेप्युटेशन पर स्टाफ- कॉलेज में 16 प्राध्यापक डेपुटेशन पर तैनात थे लेकिन धीरे धीरे यहां से सब तबादला करवा गए. स्टाफ बढ़ाने के लिए प्राचार्य ने कई बार उच्च अधिकारियों को लिखा लेकिन अभी तक स्टाफ पूरा नहीं हुआ है. 10 कमरों में चल रहे इस कॉलेज का भवन भी जर्जर होने लगा है. बता दें कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 15 किलोमीटर के दायरे में कॉलेज खोलने की नीति पर काम करते हुए इसे कॉलेज बनाने की घोषणा की थी. कॉलेज तो बन गया लेकिन टीचिंग स्टाफ की कमी पढ़ाई में आड़े आ रही है.