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हरियाणा में कुश्ती पर राजनीतिक दंगल! पहलवानों और बृजभूषण सिंह के मामले पर नेताओं की बयानबाजी जारी - बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह

Political Reaction On Pehalwan Issue: हरियाणा में कुश्ती पर राजनीतिक दंगल शुरू हो गया है. खेल मंत्रालय द्वारा कुश्ती महासंघ को निलंबित करने के बाद राजनीतिक जंग भी तेज हो गई है. पहलवानों और बृजभूषण के मामले पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है.

Political Reaction On Pehalwan Issue
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 25, 2023, 5:20 PM IST

कुश्ती पर राजनीतिक दंगल जारी

चरखी दादरी/सोनीपत: भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच में विवाद थम नहीं रहा. इन दोनों पक्षों के बीच विवाद राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है. भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह WFI व पहलवानों के मामले पर अपना पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कहा कि बेबुनियादी बाते हैं. इस बारे में वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे.

हरियाणा में कुश्ती पर राजनीतिक दंगल: दरअसल, भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव हुआ और पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के नजदीकी संजय सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया. जिसका पहलवानों ने कड़ा विरोध किया. साक्षी मलिक ने तो कुश्ती से संन्यास ही ले लिया. वहीं, बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पीएम मोदी के आवास के बाहर छोड़ दिया. इसके बाद खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है. ऐसे में राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है.

'ये अहम की लड़ाई': बीजेपी के राई से विधायक मोहनलाल बडोली ने कहा कि दोनों पक्षों में अपने-अपने अहम को लेकर लड़ाई है. उन्होंने कहा कि बृजभूषण सिंह ने अपनी कुर्सी से संन्यास ले लिया है और बृजभूषण अब अपनी एकेडमी चलाएंगे. वहीं, साक्षी मलिक ने भी अपनी एकेडमी चलाने का ऐलान किया है. दोनों ही देश के लिए खिलाड़ी तैयार करेंगे. विधायक ने दोनों को शुभकामनाएं और बधाईयां दी है.

'पद्मश्री अवॉर्ड वापस करना बेतुका फैसला': वहीं, विधायक मोहनलाल बडोली ने बजरंग के पद्मश्री लौटाने को बेतुका कदम बताया है. उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया ने देश के लिए पदक जीते हैं. पूनिया को अपने सम्मान को उस विवाद में शामिल नहीं करना चाहिए थे. यह अवॉर्ड उसे खेल के लिए दिया गया था. भगवान उसको सद्बुद्धि देगा और अवॉर्ड वापस करना बेतुका था. पूनिया ने देश के लिए संघर्ष किया है, लेकिन देश में इस तरह की गतिविधियां चलती रहती हैं. इसलिए उन्हें अपना अवॉर्ड वापस नहीं करना चाहिए था.

'बृजभूषण का अशोभनीय बयान': राई से विधायक मोहनलाल ने बृजभूषण शरण सिंह पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बृजभूषण का दबदबा था और दबदबा रहेगा वाला बयान अशोभनीय था. बृजभूषण शरण और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद विधायक मोहनलाल ने कहा कि बृजभूषण को जेपी नड्डा ने समझाया होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय कुश्ती संघ का निलंब होना अच्छी बात है.

ये भी पढ़ें: क्या चली जाएगी बृजभूषण शरण की सांसदी, जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद लग रहे कयास

ये भी पढ़ें: हरियाणा कांग्रेस जल्द कर सकती है जिला संगठन का ऐलान, प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने दिया बयान

कुश्ती पर राजनीतिक दंगल जारी

चरखी दादरी/सोनीपत: भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच में विवाद थम नहीं रहा. इन दोनों पक्षों के बीच विवाद राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है. भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा से बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह WFI व पहलवानों के मामले पर अपना पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कहा कि बेबुनियादी बाते हैं. इस बारे में वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे.

हरियाणा में कुश्ती पर राजनीतिक दंगल: दरअसल, भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव हुआ और पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के नजदीकी संजय सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया. जिसका पहलवानों ने कड़ा विरोध किया. साक्षी मलिक ने तो कुश्ती से संन्यास ही ले लिया. वहीं, बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पीएम मोदी के आवास के बाहर छोड़ दिया. इसके बाद खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है. ऐसे में राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है.

'ये अहम की लड़ाई': बीजेपी के राई से विधायक मोहनलाल बडोली ने कहा कि दोनों पक्षों में अपने-अपने अहम को लेकर लड़ाई है. उन्होंने कहा कि बृजभूषण सिंह ने अपनी कुर्सी से संन्यास ले लिया है और बृजभूषण अब अपनी एकेडमी चलाएंगे. वहीं, साक्षी मलिक ने भी अपनी एकेडमी चलाने का ऐलान किया है. दोनों ही देश के लिए खिलाड़ी तैयार करेंगे. विधायक ने दोनों को शुभकामनाएं और बधाईयां दी है.

'पद्मश्री अवॉर्ड वापस करना बेतुका फैसला': वहीं, विधायक मोहनलाल बडोली ने बजरंग के पद्मश्री लौटाने को बेतुका कदम बताया है. उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया ने देश के लिए पदक जीते हैं. पूनिया को अपने सम्मान को उस विवाद में शामिल नहीं करना चाहिए थे. यह अवॉर्ड उसे खेल के लिए दिया गया था. भगवान उसको सद्बुद्धि देगा और अवॉर्ड वापस करना बेतुका था. पूनिया ने देश के लिए संघर्ष किया है, लेकिन देश में इस तरह की गतिविधियां चलती रहती हैं. इसलिए उन्हें अपना अवॉर्ड वापस नहीं करना चाहिए था.

'बृजभूषण का अशोभनीय बयान': राई से विधायक मोहनलाल ने बृजभूषण शरण सिंह पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बृजभूषण का दबदबा था और दबदबा रहेगा वाला बयान अशोभनीय था. बृजभूषण शरण और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात के बाद विधायक मोहनलाल ने कहा कि बृजभूषण को जेपी नड्डा ने समझाया होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय कुश्ती संघ का निलंब होना अच्छी बात है.

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